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UN महासचिव गुटेरेस को मोहम्मद यूनुस का बुलावा, कब और क्यों जा रहे हैं बांग्लादेश?

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस मार्च में बांग्लादेश के दौरे पर जाने वाले हैं. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के बुलावे पर वो बांग्लादेश जा रहे हैं जहां रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे पर चर्चा होने वाली है.

एंटोनियो गुटेरेस मार्च में बांग्लादेश जाएंगे (Photo- Reuters) एंटोनियो गुटेरेस मार्च में बांग्लादेश जाएंगे (Photo- Reuters)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 5:35 PM IST

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है जबरन विस्थापित रोहिंग्याओं को बांग्लादेश शरण दे रहा है और इसके समर्थन के लिए संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संगठित करना जारी रखेगा. गुटेरेस ने यह टिप्पणी ऐसे वक्त में की है जब वो 13-16 मार्च के बीच बांग्लादेश के दौरे पर जाने वाले हैं. बुधवार को बांग्लादेश की सरकारी समाचार एजेंसी बांग्लादेश संगबाद संस्था (बीएसएस) ने कहा कि गुटेरेस के कार्यालय ने उनकी यात्रा की तारीखों की पुष्टि की है. गुटेरेस बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस के निमंत्रण पर ढाका जा रहे हैं.

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संयुक्त राष्ट्र में बांग्लादेश के स्थायी मिशन की तरफ से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि निमंत्रण रोहिंग्या मुद्दे और प्राथमिकता मामलों पर प्रो. यूनुस के उच्च प्रतिनिधि खलीलुर रहमान ने 7 फरवरी को न्यूयॉर्क में महासचिव के साथ अपनी बैठक के दौरान सौंपा.

25 फरवरी को प्रो. यूनुस को लिखे पत्र में गुटेरेस ने कहा कि वो बांग्लादेश और बाकी क्षेत्र पर रोहिंग्या संकट के प्रभाव, साथ ही म्यांमार के रखाइन में बिगड़ती मानवीय स्थिति को लेकर बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार की चिंताओं से सहमत हैं.

गुटेरेस ने पत्र में लिखा, 'संयुक्त राष्ट्र म्यांमार के लिए अपने विशेष दूत के जरिए क्षेत्रीय हितधारकों, दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा ताकि म्यांमार संकट का राजनीतिक समाधान निकाला जा सके. इसमें रोहिंग्याओं की रखाइन प्रांत में वापसी भी शामिल है.'

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संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि उन्होंने अपने सीनियर मैनेजर्स से अनुरोध किया है कि वो बांग्लादेश और म्यांमार में संयुक्त राष्ट्र की टीमों को बताएं कि कैसे वो रखाइन में मानवीय सहायता पहुंचा सकते हैं.

रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे पर सम्मेलन

पत्र में गुटेरेस ने म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों की स्थिति पर एक उच्च स्तरीय सम्मेलन आयोजित करने की बात कही जिससे दुनिया का ध्यान इस तरफ आकर्षित हो. उन्होंने कहा कि सम्मेलन रोहिंग्या और अन्य अल्पसंख्यकों के लिए समाधान निकालने में योगदान देने का एक मौका होगा. गुटेरेस ने कहा कि सम्मेलन के लिए सदस्य देशों से परामर्श लिया जा चुका है और अभी उनकी सहमति का इंतजार है.

संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर के अनुसार, बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में दुनिया के सबसे बड़े शरणार्थी शिविर में लगभग दस लाख रोहिंग्या शरणार्थी रहते हैं. रोहिंग्या एक जातीय अल्पसंख्यक हैं जिन्हें म्यांमार में नागरिकता से वंचित कर दिया गया है.

रोहिंग्या दुनिया की सबसे बड़ी आबादी हैं, जिनका अपना कोई देश नहीं है. यूएनएचसीआर के अनुसार, रोहिंग्याओं में से अधिकांश 2017 में उत्पीड़न, बड़े पैमाने पर हिंसा और मानवाधिकारों के उल्लंघन से म्यांमार से भागकर बांग्लादेश आए थे.

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