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बेनजीर भुट्टो की बेटी आसिफा की पॉलिटिक्स में एंट्री, उपचुनाव के लिए भरा नामांकन, हासिल है First Lady का दर्जा

Aseefa Bhutto News : पाकिस्तान की राजनीति में बेनजीर भुट्टो की सबसे छोटी बेटी आसिफा की एंट्री होने जा रही है. पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की बेटी आसिफा को देश की 'फर्स्ट लेडी' का दर्जा हासिल है.

चुनाव लड़ेंगी आसिफा भुट्टो चुनाव लड़ेंगी आसिफा भुट्टो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 12:23 PM IST

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की सबसे छोटी बेटी आसिफा भुट्टो अब पाकिस्तान की सक्रिय राजनीति में कदम रखने जा रही है. आसिफा ने नेशनल असेंबली में सिंध प्रांत की एक सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी दाखिल की है. यह सीट उनके पिता के राष्ट्रपति बनने के बाद खाली हुई है.

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31 साल की आसिफा पिछले कुछ समय से राजनीति में एक्टिव हैं लेकिन उनके पिता जरदारी ने उन्हें संसदीय राजनीति से दूर रखा है. वह पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की को-चेयरपर्सन भी हैं. जरदारी के पाकिस्तान का 14वां राष्ट्रपति बनने के बाद आसिफा को मुल्क की 'फर्स्ट लेडी' का दर्जा मिला है जो पारंपरिक रूप से राष्ट्रपति की पत्नी को मिलता है.

पिता के राष्ट्रपति बनने के बाद खाली हुई सीट

आसिफा ने सिंध प्रांत के शहीद बेंजीराबाद जिले के एनए-207 निर्वाचन क्षेत्र के लिए उपचुनाव में रविवार को नामांकन पत्र जमा किया. उनके पिता आसिफ अली जरदारी ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी लेकिन राष्ट्रपति बनने के बाद यह सीट खाली हुई है. आसिफा का चेहरा उनकी मां बेनजीर भुट्टो से काफी मिलता है जिनकी 2007 में रावलपिंडी में एक सुसाइड अटैक में हत्या कर दी गई थी. तब आसिफा की उम्र बहुत कम थी. 

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लगभग तय मानी जा रही है जीत

आसिफा के भाई बिलावल भुट्टो पिछली शहबाज सरकार में विदेश मंत्री थे. बिलावल पीपीपी के चेयरपर्सन और पार्टी का सबसे प्रमुख चेहरा हैं. हालांकि आसिफा को उनकी मां का उत्तराधिकारी माना जा रहा है. 21 अप्रैल को उपचुनाव होंगे और आसिफा का जीतना लगभग तय है. अगर वह जीतती हैं तो यह संसदीय राजनीति में आसिफा का पहला कदम होगा.

पाकिस्तान चुनाव पर एक नजर

लंबी राजनीतिक अस्थिरता के बाद पाकिस्तान में हाल ही में चुनाव हुए और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने गठबंधन कर सरकार बनाई, जिसके बाद शहबाज शरीफ ने दूसरी बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. चुनाव में पहले नंबर पर इमरान खान समर्थित उम्मीदवार रहे जिन्होंने 93 सीटों पर कब्जा किया. दूसरे नंबर पर 75 सीटों के साथ पीएमएल-एन और 54 सीटों के साथ पीपीपी तीसरे नंबर पर रही. इमरान खान को सत्ता से बाहर रखने के लिए पीएमएल-एन और पीपीपी ने चार छोटे दलों के साथ गठबंधन किया है.

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