
बांग्लादेश के उत्तरी जिले पंचागढ़ में रविवार दोपहर को करातोया नदी में एक नाव पलट गई. जिसमें सवार कम से कम 24 लोगों की डूब मौत हो गई. खबर लिखे जाने तक कई लोग लापता थे. जिनकी तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. दरअसल, घटना बोडा उपजिला (बांग्लादेश में एक प्रशासनिक क्षेत्र एक जिले की उप-इकाई के रूप में कार्यरत) की मारिया यूनियन परिषद के तहत औलियार घाट क्षेत्र में हुई. बचाए गए यात्रियों और स्थानीय लोगों के अनुसार, बोडा, पंचपीर, मारिया और बंगारी क्षेत्रों के हिंदू समुदाय के लोग महालय के अवसर पर देवी दुर्गा की पूजा करने के लिए औलिया घाट से बादेश्वर मंदिर की ओर जा रहे थे.
बताया जा रहा है कि नाव में क्षमता से अधिक लोगों को सवार किया गया था. जिसके कारण नाव पलट गई. इस दौरान कई यात्री तैरकर किनारे पर आ गए, लेकिन अधिकांश लोग अभी भी लापता हैं. सूचना मिलते ही पंचगढ़ के उपायुक्त मोहम्मद जहूरुल इस्लाम मौके पर पहुंचे. उपायुक्त ने कहा कि नाव यात्रियों से खचाखच भरी होने के कारण 24 लोग डूब गए. अब तक बरामद किए गए शवों में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.
बोडा थाने के प्रभारी अधिकारी सुजॉय कुमार रॉय ने कहा कि लापता लोगों को बचाने के लिए तलाशी अभियान जारी है. बचाए गए यात्रियों और स्थानीय लोगों ने लापता लोगों की संख्या 30 से अधिक आंकी है. घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम बनाई गई है. वहीं बोड़ा उपजिला स्वास्थ्य और परिवार नियोजन अधिकारी राजिउर रहमान ने कहा कि अब तक बरामद 24 शवों में से सात को बोड़ा उपजिला स्वास्थ्य परिसर में रखा गया है.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, नौसैना के अधिकारियों ने कहा कि बांग्लादेश की हजारों मध्यम और छोटे आकार की नौकाओं में से 95% से अधिक में सुरक्षा मानकों का ध्यान नहीं रखा जाता है. लेकिन बांग्लादेश में लाखों लोग राजधानी ढाका या अन्य प्रमुख शहरों की यात्रा के लिए नावों पर निर्भर हैं.
गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत में भी बांग्लादेश में नाव हादसा हुआ था. जिसमें राजधानी ढाका के बाहर एक यात्री नौका के एक मालवाहक जहाज से टकरा जाने और पलट जाने से कम से कम छह लोगों की मौत हो गई थी और कई लापता हो गए थे.