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'पैगंबर पर टिप्पणी को लेकर खाड़ी देश गुस्साए तो जाकर मोदी सरकार ने की कार्रवाई'

पैगंबर मोहम्मद पर बीजेपी नेताओं के बयान की अरब और इस्लामिक सहित कई देश निंदा कर चुके हैं. अब पड़ोसी देश बांग्लादेश ने भी इस पर बयान दिया है. बांग्लादेश अवामी लीग का कहना है कि भारत सरकार ने खाड़ी देशों के दबाव में अपने नेताओं पर कार्रवाई की है.

नूपुर शर्मा (photo: twitter) नूपुर शर्मा (photo: twitter)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 जून 2022,
  • अपडेटेड 1:10 PM IST
  • बांग्लादेश की अवामी लीग ने भारत सरकार को घेरा
  • अवामी लीग ने कहा- बांग्लादेश में धार्मिक कट्टरपंथियों को लेकर जीरो टॉलरेंस नीति

पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी का मामला थमता नजर नहीं आ रहा. अब इस मामले पर पड़ोसी देश बांग्लादेश की सत्तारूढ़ पार्टी बांग्लादेश अवामी लीग के एक बड़े नेता का बयान सामने आया है.

बांग्लादेश अवामी लीग के एक शीर्ष नेता खंडाकर गुलाम मौला नक्शबंदी ने कहा है कि भारत सरकार ने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने वाले बीजेपी नेताओं पर खाड़ी देशों के दबाव में कार्रवाई की है. 

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उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने खाड़ी देशों के दबाव में देर से कार्रवाई की जबकि उनकी प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हाल के दिनों में इस तरह की घटनाओं से निपटने को लेकर तुरंत कार्रवाई की है.

उन्होंने ढाका में पत्रकारों के एक प्रतिनिधिमंडल से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री शेख हसीना की धार्मिक कट्टरपंथियों को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति है.

बांग्लादेश अवामी लीग की सलाहकार समिति के सदस्य नक्शबंदी ने कहा, भारत सरकार ने पहले कई दिनों तक इंतजार किया. उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के बारे में विवादित टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. खाड़ी देशों के विरोध करने पर सरकार हरकत में आई और आनन-फानन में कार्रवाई की. उन्होंने विवादित बयान देने वाले प्रवक्ताओं को हटा दिया.

शेख हसीना सरकार के प्रमुख वक्ताओं में से एक नक्शबंदी ने कहा कि बांग्लादेश ने धार्मिक भावना से जुड़े मामलों में सतर्कता दिखाई है.

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उन्होंने कहा, पिछले साल जब कुमिला में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी. हमारी सरकार ने तुरंत कदम उठाया था और अपराधियों को गिरफ्तार किया था. इसके साथ ही नुकसान को भी नियंत्रित किया था. 

उन्होंने कहा, भारत और बांग्लादेश में सांप्रदायिक स्थितियां एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं. बांग्लादेश में जरूरी मामलों के तुरंत नहीं सुलझने पर हिंसक तत्व उसका फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं. 

उन्होंने कहा कि टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी और उसके बाद सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर विभिन्न देशों की प्रतिक्रियाओं पर बांग्लादेश गौर कर रहा है.

उन्होंने कहा, हमने सरकार के भीतर इस पर चर्चा की है. धार्मिक मामलों के मंत्री इस मामले पर आधिकारिक बयान जारी करने से पहले चर्चा करेंगे.

प्रधानमंत्री शेख हसीना सरकार पर अंसारुल बांग्ला टीम और अल कायदा जैसे चरमपंथी समूह निशाना साधते रहे हैं. 

नक्शबंदी और एक अन्य कार्यकर्ता मुफ्ती फैजुल्लाह का कहना है कि भारत और बांग्लादेश दोनों देशों में कई धर्मों के लोग रहते हैं इसलिए यहां सांप्रदायिक सौहार्द और विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच संवाद होना बहुत जरूरी है.

बता दें कि बीजेपी नेताओं के पैगंबर मोहम्मद पर बयान का मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का केंद्र बना हुआ है. अरब और इस्लामिक देश लामबंद होकर इन बयानों की निंदा कर रहे हैं. 

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पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी को लेकर अब तक कई देश आपत्ति जता चुके हैं. इनमें ईरान, इराक, कुवैत, कतर, सऊदी अरब, ओमान, यूएई, जॉर्डन, अफगानिस्तान, बहरीन, मालदीव, लीबिया और इंडोनेशिया हैं. बीजेपी ने टिप्पणी करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई भी की है.

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