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अयमान अल-जवाहिरी: पेशे से सर्जन, सऊदी में लादेन से पहली मुलाकात... फिर ऐसे बना अलकायदा चीफ

अल जवाहिरी का जन्म 19 जून 1951 को मिस्र के एक संपन्न परिवार में हुआ था. वो पेशे से सर्जन था. 14 साल की उम्र में वो मुस्लिम ब्रदरहुड का सदस्य बन गया था. जवाहिरी ने इजिप्टियन इस्लामिक जिहाद यानी EIJ का गठन किया. ये एक ऐसा उग्रवादी संगठन था जिसने 1970 के दशक में मिस्र में सेक्युलर शासन का विरोध किया था.

Ayman al-Zawahiri profile Ayman al-Zawahiri profile
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 10:53 AM IST

अलकायदा चीफ अयमान अल-जवाहिरी को अमेरिका ने मार गिराया है. केंद्रीय खुफिया एजेंसी (CIA) ने अफगानिस्तान में ड्रोन हमले में उसे ढेर किया. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जवाहिरी के मारे जाने की पुष्टि की है.

बता दें कि जवाहिरी ने अमेरिका में 11 सितंबर, 2001 के हमलों में चार विमानों को हाईजैक करने में मदद की थी. इनमें 2 विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (WTC) के दोनों टावर्स से टकरा गए थे. जबकि तीसरा विमान अमेरिकी रक्षा मंत्रालय यानी पेंटागन से टकराया. चौथा विमान शेंकविले में एक खेत में क्रैश हुआ था. इस आतंकी घटना में करीब 3,000 लोग मारे गए थे.

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मिस्र के एक संपन्न परिवार में हुआ था जन्म

अल जवाहिरी का जन्म 19 जून 1951 को मिस्र के एक संपन्न परिवार में हुआ था. वो पेशे से सर्जन था.  14 साल की उम्र में ही वो मुस्लिम ब्रदरहुड का सदस्य बन गया था. 1978 में काहिरा विश्वविद्यालय के दर्शन शास्त्र (philosophy) की छात्रा अजा नोवारी से शादी की. उसकी शादी में पुरुषों को महिलाओं से अलग कर दिया गया था. फोटोग्राफर तक को दूर रखा गया था. यहां तक कि हंसी-मजाक पर भी पाबंदी थी.

EIJ का गठन किया था

जवाहिरी ने इजिप्टियन इस्लामिक जिहाद यानी EIJ का गठन किया. ये एक ऐसा उग्रवादी संगठन था जिसने 1970 के दशक में मिस्र में सेक्युलर शासन का विरोध किया था. वो चाहता था कि मिस्र में इस्लामिक हुकूमत का वर्चस्व हो. 1981 में मिस्र के राष्ट्रपति अनवर सादात की हत्या के बाद जवाहिरी उन सैकड़ों लोगों में शामिल था, जिन्हें गिरफ्तार कर प्रताड़ित किया गया. 3 साल जेल में रहने के बाद वो मिस्त्र  छोड़कर सऊदी अरब आ गया. 

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पेशावर में हुई लादेन से मुलाकात

सऊदी आने के बाद वो मेडिकल प्रैक्टिस करने लगा. सऊदी में ही अल जवाहिरी की मुलाकात अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन से हुई थी. लादेन 1985 में अलकायदा को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान के पेशावर गया हुआ था. इस दौरान अल जवाहिरी भी वहीं था. यहीं से दोनों आतंकियों के बीच रिश्ता मजबूत होने लगा. 

इसके बाद 2001 में अल जवाहिरी ने EIJ का अलकायदा में विलय कर लिया. इसी के बाद दोनों मिलकर दुनिया को दहलाने की साजिश रचने लगे. जवाहिरी ने अमेरिकी हमले में ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद संगठन की कमान अपने हाथ में ली थी. 2011 में वो अलकायदा का प्रमुख बना था. 

कैसे किया गया ढेर?

सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, जवाहिरी ने काबुल में शरण ले रखी थी. वो ड्रोन हमले में मारा गया. इस हमले के लिए अमेरिका ने दो Hellfire मिसाइल का इस्तेमाल किया. ड्रोन हमले को शनिवार रात 9:48 बजे अंजाम दिया गया. बताया जा रहा कि जवाहिरी पर हमले से पहले बाइडेन ने अपनी कैबिनेट और सलाहकारों के साथ कई हफ्तों तक मीटिंग की. इतना ही नहीं खास बात ये है कि इस हमले के समय कोई भी अमेरिकी काबुल में मौजूद नहीं था. वहीं, अमेरिका ने साफ कहा है कि इस हमले में उसके परिवार को निशाना नहीं बनाया गया है. अमेरिका ने अपने इस मिशन की जानकारी तालिबान को भी नहीं दी थी.

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