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भारत ही नहीं इन 8 देशों में भी हैं विशाल और ऐतिहासिक हिंदू मंदिर

देश के बाहर स्थापित हिंदू देवी-देवताओं के ढेरों चर्चित मंदिर हैं जो लोगों में आस्था का केंद्र तो हैं ही, साथ में पर्यटन का भी केंद्र बने हुए हैं. विदेश में बने भव्य और शानदार मंदिरों में सिर्फ हिंदू समाज के लोग ही नहीं जाते बल्कि बड़ी संख्या में पर्यटक भी जाते हैं जो स्थापत्य कला और इतिहास की बारीकियों से परिचित होते हैं.

देश से बाहर दुनिया का सबसे चर्चित हिंदू मंदिर अंकोरवाट मंदिर देश से बाहर दुनिया का सबसे चर्चित हिंदू मंदिर अंकोरवाट मंदिर
सुरेंद्र कुमार वर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 29 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 7:17 AM IST

  • 12वीं सदी में बना था कंबोडिया का विशाल अंकोरवाट मंदिर
  • काठमांडू की बागमती नदी के तट पर बना पशुपतिनाथ मंदिर
  • महेश्वरनाथ मंदिर जो है मॉरिशस का सबसे पुराना मंदिर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में अयोध्या में 5 अगस्त को भव्य राम मंदिर निर्माण को लेकर भूमिपूजन किया जाएगा. भूमिपूजन को लेकर अयोध्या में बड़े स्तर पर तैयारी की जा रही है और पूरी अयोध्यानगरी को सजाया जा रहा है. कोरोना संकट के बीच भूमिपूजन का आयोजन किया जा रहा है, लेकिन सामाजिक दूरी बनाए रखने का भी पालन हो, इसका खास ध्यान रखा जाएगा. इसलिए महज 200 मेहमानों को ही इसमें शामिल होने के लिए निमंत्रित किया जाएगा.

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आइए, जानते हैं कि देश के बाहर स्थापित हिंदू देवी-देवताओं के उन चर्चित मंदिरों को जो लोगों में आस्था का केंद्र तो हैं ही, साथ में पर्यटन का भी केंद्र बने हुए हैं. विदेश में बने भव्य और शानदार मंदिरों में सिर्फ हिंदू समाज के लोग ही नहीं जाते बल्कि बड़ी संख्या में पर्यटक भी जाते हैं जो इसकी स्थापत्य कला और इतिहास की बारिकियों से रू-ब-रू होते हैं.

1. कंबोडिया का अंकोरवाट मंदिर

विदेशी धरती पर हिंदू देवी-देवताओं की सबसे भव्य, चर्चित और लोकप्रिय मंदिर की बात करें तो सबसे पहले कंबोडिया के अंकोर स्थित अंकोरवाट मंदिर का जिक्र आता है. यहां भगवान विष्णु का मंदिर है. कंबोडिया के अंकोरवाट में बने इस विशाल मंदिर का निर्माण 12वीं सदी में कराया गया था. तब कंबोडिया के खमेर राजा सूर्यवर्मन द्वितीय ने इसका निर्माण करवाया था. आज यह दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक स्मारकों में से एक माना जाता है और यह करीब 500 एकड़ में फैला हुआ है.

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2. नेपाल का पशुपतिनाथ मंदिर

नेपाल की राजधानी काठमांडू की बागमती नदी के तट पर स्थित विश्व विख्यात पशुपतिनाथ मंदिर है और यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं. यह मंदिर दुनिया से सबसे पुराने हिंदू मंदिरों में से एक माना जाता है. मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव की लगभग 1 मीटर ऊंची चार मुंह वाली प्रतिमा भी स्थापित है. इस मंदिर परिसर को 1979 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया था. यहां पवित्र बागमती नदी के किनारे सदियों से बने मंदिरों, आश्रमों, चित्रों और शिलालेखों का एक विशाल संग्रह मिलता है और इसे काठमांडू घाटी के यूनेस्को के पदनाम में 7 स्मारक समूहों में से एक के रूप में शामिल किया गया है. पशुपति क्षेत्र में पशुपतिनाथ मंदिर के साथ-साथ हजारों अन्य स्मारक, स्तूप, मंदिर और मठ करीब 652 एकड़ (264 हेक्टेयर) क्षेत्र में फैले हुए हैं.

3. इंडोनेशिया का प्रंबनन मंदिर

विदेश में हिंदू देवी-देवताओं के चर्चित मंदिरों में इंडोनेशिया के मध्य जावा स्थित प्रंबनन त्रिमूर्ति मंदिर भी गिना जाता है जो यहां का सबसे विशाल हिंदू मंदिर है. मंदिर में मुख्य रूप से भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा की पूजा की जाती है. यूनेस्को की विश्व धरोहर में यह मंदिर शामिल है. मंदिर में त्रिदेवों के साथ ही उनके वाहनों के भी मंदिर बने हुए हैं. मंदिर का निर्माण 9वीं सदी में हुआ था.

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4. मलेशिया का बाटू गुफा मंदिर

मलेशिया के गोंबाक स्थित प्रसिद्ध बातू गुफा मंदिर है जो जमीन से करीब 100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. बाटू गुफाओं के मंदिर परिसर में तीन मुख्य गुफाएं और कुछ छोटी-छोटी दीवारें हैं. सबसे बड़ी, जिसे कैथेड्रल गुफा या टेंपल केव के रूप में जाना जाता है, में एक बहुत ऊंची छत है और इसमें हिंदू मंदिरों की अलंकृत विशेषताएं हैं. इसे देखने के लिए, पर्यटकों को 272 डंडों वाली खड़ी सीढ़ियों चढ़ना होता है. यह जगह हिंदू मूर्तियों और चित्रों से भरे हैं. 2008 में इस मंदिर परिसर को पुनर्निर्माण के बाद फिर से खोला गया था. रामायण गुफा पहाड़ी की दीवार से सटे सबसे बाईं ओर स्थित है. रामायण गुफा के रास्ते में, हनुमान की एक 15 मीटर (50 फीट) ऊंची मूर्ति है और भगवान हनुमान, भक्त और भगवान राम के सहयोगी को समर्पित है. जनवरी 2006 में भगवान मुरुगन की 42.7 मीटर (140 फीट) ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया गया था, जिसके निर्माण में 3 साल लगे थे. यह दुनिया में सबसे ऊंची भगवान मुरुगन की मूर्ति है.

5. ऑस्ट्रेलिया का शिव-विष्णु मंदिर

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ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में प्रसिद्ध शिव-विष्णु मंदिर है. श्री शिव विष्णु हिंदू मंदिर विक्टोरिया के उपनगर में स्थित है और यह विक्टोरिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है. मंदिर में भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. मेलबर्न में रहने वाले कई हिंदू यहां पूजा करने आते हैं. होली और दिवाली जैसे वार्षिक हिंदू त्योहारों में इसकी भव्यता साफ दिखती है.

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6. मॉरिशस का महेश्वरनाथ मंदिर

मॉरिशस का महेश्वरनाथ मंदिर दुनियाभर में प्रसिद्ध है और इसे स्थानीय रूप से 'गैंड शिवाला ट्रायलेट' के रूप में जाना जाता है. यह हिंदू मंदिर मॉरीशस के ट्रायोलेट शहर में स्थित है. मंदिर के प्रमुख देवता भगवान शिव हैं और उन्हीं के नाम पर मंदिर का नाम महेश्वरनाथ पड़ा. इस मंदिर की स्थापना 1888 में कलकत्ता से आए पंडित सजीबुनलाल रामसुंदर ने की थी. यह मंदिर मॉरीशस के केंद्र में पाई जाने वाली पवित्र झील गंगा तलाओ की पहली तीर्थयात्रा के लिए प्रसिद्ध है. यह मंदिर द्वीप का सबसे बड़ा और सबसे पुराने मंदिरों में से एक है.

7. पाकिस्तान का श्री स्वामीनारायण मंदिर

पाकिस्तान का श्री स्वामीनारायण मंदिर भी दुनिया के बेहद खास मंदिरों में से एक है. यह मंदिर कराची में स्थित है जो पाकिस्तान का एकमात्र स्वामीनारायण मंदिर भी है. यह मंदिर 32,306 वर्ग गज से भी अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है. अप्रैल 2004 में इस मंदिर के 150 साल पूरे हुए. ऐसा माना जाता है कि न केवल हिंदू बल्कि मुस्लिम धर्म के अनुयायी भी मंदिर जाते हैं.

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8. बांग्लादेश का ढाकेश्वरी मंदिर

ढाकेश्वरी राष्ट्रीय मंदिर बांग्लादेश के ढाका में स्थित एक हिंदू मंदिर है. यह राज्य के स्वामित्व वाला मंदिर है और इसे बांग्लादेश के 'राष्ट्रीय मंदिर' होने का गौरव प्राप्त है. 'ढाकेश्वरी' का अर्थ है 'ढाका की देवी'. 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सेना द्वारा रमना काली मंदिर को नष्ट किए जाने के बाद से ढाकेश्वरी मंदिर बांग्लादेश के सबसे महत्वपूर्ण हिंदू पूजा स्थल के रूप में जाना जाता है. यह बांग्लादेश का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर भी है. यह मंदिर भारतीय उपमहाद्वीप में प्रसिद्ध शक्तिपीठों का हिस्सा है और यहां सती के मुकुट का मणि गिरा था.

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9. बाली द्वीप का तनह लोट मंदिर

इंडोनेशिया के ही बाली द्वीप में तनह लोट मंदिर भी बेहद चर्चित मंदिरों में से एक है. तनह लोट का बाली भाषा में अर्थ समुद्री भूमि (समुद्र में भूमि या लैंड सी) होता है. यह मंदिर बाली द्वीप के हिंदुओं की आस्था का बड़ा केंद्र हैं, और यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है. यह मंदिर बाली में एक विशाल समुद्री चट्टान पर बना हुआ है. माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 16वीं में कराया गया. यह मंदिर अपनी खूबसूरती के कारण इंडोनेशिया के मुख्य आकर्षण में से एक माना जाता है और बड़ी संख्या में पर्यटक इसकी स्थापत्य कला को देखने आते हैं. 1980 में मंदिर की शिला भुरभुरी होकर झड़ने लगी थी जिससे मंदिर और इसके आसपास के क्षेत्र को खतरनाक घोषित कर दिया गया था, लेकिन इसके जीर्णोद्धार के लिए इंडोनेशिया को आर्थिक मदद की जिससे तनाह लोट की चट्टान के करीब एक तिहाई हिस्से को कृत्रिम चट्टान से ढककर एक नया रूप दिया गया जिसका पर्यवेक्षण जापानियों द्वारा स्वयं किया गया था.

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