
बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के दमन ने आजिज आ चुके बलूच विद्रोहियों ने डेरा बुग्ती में एक गैस पाइपलाइन को विस्फोट कर उड़ा दिया. बलूचिस्तान की आजादी के पक्षधर विद्रोही संगठन ब्लोच लिब्रेशन टाइगर्स ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को सुई गैस प्लांट के नजदीक बलोच विद्रोहियों ने गैस पाइप लाइन को उड़ाया.
एक स्थानीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता ने ट्विटर पर लिखा, "बलोच लिब्रेशन टाइगर ने एक बयान जारी कर डेरा बुग्ती में स्थित सुई गैस फील्ड पर हुए घातक हमले की जिम्मेदारी ली है, इस हमले के बाद भयानक विस्फोद हुआ है इसमें 4 सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं."
समाचार एजेंसी ने स्थानीय सूत्रों के हवाले से बताया कि गैस पाइपलाइन में विस्फोट के बाद भयानक आग लग गई. इसमें 4 सुरक्षाकर्मी की मौत के अलावा दो लोग घायल हो गए. हालांकि इस मामले की अबतक आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा ही एक और धमाका सुई गैस फील्ड में हुआ, जहां पर ब्लोच रिपब्लिकन आर्मी ने 28 इंच व्यास वाले एक गैस पाइपलाइन को उड़ा दिया.
बता दें कि बलूची संगठन पाकिस्तान पर बलूचिस्तान में मौजूद प्राकृतिक संसाधनों के दोहन का आरोप लगाते हैं. इन संगठनों का कहना है कि पाकिस्तान की सरकार यहां के संसाधनों को दूसरे राज्यों में भेजते हैं, जबकि स्थानीय निवासी गरीबी और गुरबत में जीवन गुजारते हैं. बलूचिस्तान से निकला गैस पाकिस्तान के पंजाब राज्य में भेजा जाता है, जबकि बलूचिस्तान के लोगों के पास खाना बनाने के लिए रसोई गैस मौजूद नहीं है.
बता दें कि बलूचिस्तान में गैस, खनिज और दूसरे प्राकृतिक संसाधनों की भरमार है. आर्थिक तंगी से जूझ रही पाकिस्तान सरकार इन संसाधनों का दोहन धीरे-धीरे कर रही है, लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में स्थानीय बलूच निवासियों को अलग कर दिया गया है. अपने ही राज्य के प्राकृतिक संसाधनों में हिस्सा ना मिलने पर बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान से बगावत पर उतर आए हैं.
बलूचिस्तान में स्थानीय निवासियों पर पाक सेना का आतंक रहता है. इन इलाकों से युवकों की किडनैपिंग, हत्या आम बात हो गई है. पिछले कुछ सालों में यहां पर पाकिस्तान सरकार के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह ने जोर पकड़ा है.