
बलूचिस्तान के रहने वाले साजिद हुसैन, स्टॉकहोम से लगभग 60 किलोमीटर उत्तर में उप्साला में एक प्रोफेसर के तौर पर अंशकालिक सेवाएं दे रहे थे. 2 मार्च ही वे लापता थे. साजिद हुसैन बलूचिस्तान टाइम्स के मुख्य संपादक भी थे. साजिद हुसैन ने एक ऑनलाइन मैगजीन शुरू की थी जिसमें वे नशा, तस्करी और जबरन लापता करने जैसे अपराधों और बलूचों के उत्पीड़न जैसे मुद्दों पर प्रमुखता से लिखते थे.
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समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक उनके विरसा रिपोर्ट से यह बात सामने आई है कि उनकी मौत की वजह सामान्य नहीं है. पुलिस का कहना है कि साजिद हुसैन की मौत की वजह आत्महत्या या दुर्घटना भी हो सकती है. साजिद हुसैन बलूचों के उत्पीड़न और पाकिस्तान सरकार की ओर से किए जा रहे दमन पर लिखते थे.
2012 में छोड़ा था पाकिस्तान
साजिद हुसैन साल 2017 में स्वीडन आए थे, वहीं 2019 में उन्हें राजनीतिक शरण मिली थी. साजिद हुसैन की उम्र 39 साल की थी. साल 2012 में उन्होंने पाकिस्तान छोड़ दिया था. स्वीडन में रिफ्यूजी के तौर वे रह रहे थे. साजिद ने पाकिस्तान इसलिए छोड़ा था क्योंकि वहां उनकी सुरक्षा पर लगातार खतरा बना हुआ था. वह पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के निशाने पर थे.
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पाकिस्तानी सेना बलूचिस्तान के लोगों को लगातार निशाना बनाती रहती है, साथ ही पत्रकारों की आवाज का दमन करती है. बलूचिस्तान टाइम्स ने अपने संपादकीय में छापा है कि वे स्वीडिश शहर उप्साला से 2 मार्च से ही लापता थे. पुलिस ने 3 मार्च को रिपोर्ट लिख ली थी. गुरुवार को उनका शव बरामद हुआ है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)