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अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर 'डबल स्टैंडर्ड' अपना रहा भारत, बांग्लादेश का आरोप

बांग्लादेश ने भारत पर 'दोहरी नीति' का आरोप लगाया है और भारतीय मीडिया पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सलाहकार और प्रेस सचिव ने भारतीय मीडिया के 'झूठ' का सच्चाई से जवाब देने की अपील की है.

मोहम्मद यूनुस मोहम्मद यूनुस
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 2:31 PM IST

बांग्लादेश ने शुक्रवार को भारत पर अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा में 'डबल स्टैंडर्ड' यानी 'दोहरी नीति' का आरोप लगाया और भारतीय मीडिया पर ढाका के खिलाफ 'बड़े पैमाने पर गलत जानकारी फैलाने का अभियान' चलाने का आरोप लगाया है. पड़ोस में विवाद तब और बढ़ गया जब हिंदू धार्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया.

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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विधि मामलों के सलाहकार असीफ नजरूल ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा कि भारत की बांग्लादेश के प्रति निरर्थक चिंता जारी है. उन्होंने कहा, "भारत में, अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय पर क्रूरता की कई घटनाएं हो रही हैं, लेकिन उनके पास उन घटनाओं पर कोई अफसोस या शर्मिंदगी नहीं है. भारत की यह दोहरी नीति निंदा योग्य और आपत्तिजनक है."

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सर्वे का हवाला देकर बताया अल्पसंख्यकों की हालत

अमेरिकी चैनल वॉयस ऑफ अमेरिका बांग्ला के सर्वेक्षण का उदाहरण देते हुए नजरूल ने लिखा, "अधिकांश बांग्लादेशी (64.1%) मानते हैं कि अंतरिम सरकार ने देश के अल्पसंख्यक समुदायों को पहले की अवामी लीग सरकार की तुलना में बेहतर सुरक्षा प्रदान की गई है."

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इस बीच, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने देश की मीडिया से अपील की कि वे भारतीय मीडिया में फैली 'गलत जानकारी' का 'सच्चाई' से जवाब दें. प्रमुख सलाहकार यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने कहा, "हमें अपनी कहानियां अपने तरीके से बतानी चाहिए, नहीं तो वे (भारतीय मीडिया) अपनी पसंद के मुताबिक हमारी कहानी तय करेंगे."

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बड़े पैमाने पर फैलाई जा रही गलत जानकारी!

पेशे से पत्रकार रहे शफीकुल आलम ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि कई बांग्लादेशी पत्रकार अब समझ गए हैं कि यह भारतीय मीडिया आउटलेट्स और उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से आ रही 'बड़े पैमाने पर गलत जानकारी फैलाने के अभियान' का मुकाबला करने का समय है. उन्होंने कहा कि भारतीयों को यह जानना चाहिए कि उनके पूर्वी सीमा पर भी समझदार लोग रहते हैं और कुछ महीने पहले इन लोगों ने मानव इतिहास की "शानदार क्रांतियों" में से एक में "क्रूर तानाशाही" को खत्म किया है.

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