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ढाका: केमिकल स्प्रे के बाद धुएं का गुबार, डेथ पेनाल्टी का सामना कर रहे थे 2 आतंकी छुड़ा ले गए बदमाश, कोर्ट में क्लाईमैक्स जैसा सीन

बांग्लादेश की अदालत ने ब्लॉगर अविजीत रॉय की हत्या के मामले में इन दो आतंकियों को मौत की सजा सुनाई थी. रविवार को इन्हीं आतंकियों की पेशी थी तभी ढाका कोर्ट में ये घटना हुई.

ढाका कोर्ट से फरार दो आतंकी (फाइल फोटो) ढाका कोर्ट से फरार दो आतंकी (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • ढाका,
  • 21 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:05 AM IST

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में मौत की सजा पाए 2 आतंकी कोर्ट से फरार हो गए. इन दोनों आतंकियों को बांग्लादेशी-अमेरिकन ब्लॉगर अविजीत रॉय और उसके प्रकाशक की हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी. आतंकियों के कोर्ट से भागने की पूरी स्टोरी एकदम फिल्मों जैसी है.  

रविवार को ढाका की अदालत में इन दोनों आतंकियों को पेशी के लिए लाया गया था. इस दौरान कुछ मोटरसाइकिल सवार आते हैं, जैसे ही इन मोटरसाइकिल सवारों को ये कैदी दिखते हैं, ये एक केमिकल स्प्रे करते हैं, देखते देखते ही वहां धुएं का बादल बन जाता है. 

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बस इसी मौके का इंतजार आतंकियों और उन्हें छुड़ाने आए लोगों को था वे दोनों आतंकियों को मोटरसाइकिल पर बिठाते हैं और ढाका की संकरी गलियों से लेकर फरार हो जाते हैं. 

केमिकल स्प्रे के बाद पुलिस के सामने धुआं ही धुआं

पुलिस अधिकारियों और कोर्ट के अफसरों ने कहा है कि, आतंकी मोइनुल हसन और अबु सिद्दिक सोहेल जो कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन अंसारउल बांग्ला टीम के सदस्य थे, उन्हें पेशी के लिए पेशी के लिए लाया गया था. 

प्रत्यक्षदर्शियों के पेशी के बाद जब उन्हें वापस जेल ले जाया जा रहा था तो उन्हें एस्कॉर्ट कर रहे पुलिसकर्मियों पर बाइक सवार बदमाशों ने केमिकल स्प्रे कर दिया. इसके बाद वहां स्मोक स्क्रीन बन गया.  

क्या होता है स्मोक स्क्रीन?

स्मोक स्क्रीन का इस्तेमाल युद्ध के समय सेनाए करती हैं.  युद्ध के समय सेना अपने सैनिकों, जहाज, टैंकों को छुपाने के लिए जानबूझकर धुएं का बादल बनाती है. इसे स्मोक स्क्रीन कहा जाता है. 

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पुलिसवालों को कुछ नजर नहीं आ रहा था

चश्मदीदों का कहना है कि इस केमिकल की वजह से पुलिस वालों की स्थिति एकदम बुरी हो गई, उन्हें कुछ नजर नहीं आ रहा था. इसी का फायदा उठाकर मोटरसाइकिल सवार आतंकियों को छुड़ाकर भागने में कामयाब रहे. 

ब्लॉगर अविजीत रॉय और उनकी पत्नी (फाइल फोटो)

कोर्ट ने इस मामले में पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है. कोर्ट के एक अधिकारी ने कहा है कि कैदियों को सिर्फ हथकड़ी लगाई गई थी. उनकी टागों में कोई बेडियां नहीं थी. जबकि खतरनाक अपराधियों या आतंकियों को इस तरह की बेड़ियां आमतौर पर लगाई जाती है. 

 बांग्लादेश के चैनलों में दिखाए जा रहे सीसीटीवी फुटेज में दो बाइक सवार हेलमेट पहनकर ढाका मेट्रोपोलिटिन जज कोर्ट कॉम्पलेक्स के सामने से गुजरते हुए दिख रहे हैं. जबकि एक शख्स उनका पीछा कर रहा है.   

पुलिस ने शुरु किया अभियान

इन आतंकियों को फिर से पकड़ने के लिए बांग्लादेश पुलिस ने बड़ा अभियान शुरू किया है.  बांग्लादेश के गृह मंत्री असदुज्जमा खान कमाल ने कहा कि पूरे देश में अलर्ट की घोषणा कर दी गई है.  पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि सुरक्षा में ये चूक कैसे हुई?

देश के सभी एग्जिट और एंट्री प्वाइंट बंद कर दिए गए हैं और एजेंसियों से बॉर्डर पर चौकसी बढ़ाने को कहा गया है. पुलिस ने आतंकियों की जानकारी देने पर 20 लाख टका का ईनाम देने की घोषणा की है. 

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बांग्लादेश के चैनलों में दिखाए जा रहे सीसीटीवी फुटेज में दो बाइक सवार हेलमेट पहनकर ढाका मेट्रोपोलिटिन जज कोर्ट कॉम्पलेक्स के सामने से गुजरते हुए दिख रहे हैं. जबकि एक शख्स उनका पीछा कर रहा है.   

बता दें कि अविजीत रॉय धार्मिक कट्टरवाद पर तीखी टिप्पणी करते थे. 26 फरवरी 2015 को ABT से जुड़े कट्टरपंथियों ने तब उनकी हत्या कर दी जब वे ढाका यूनिवर्सिटी से एक पुस्तक मेले से शामिल होकर बाहर निकल रहे थे. इस हमले में उनकी पत्नी जख्मी हो गई थीं. आतंकियों ने उसी साल नवंबर में उनके पब्लिशर दीपन की भी हत्या कर दी थी. 

अदालत ने दी मौत की सजा 

ढाका की आतंकवाद-रोधी विशेष अदालत ने रॉय हत्याकांड में पांच आतंकवादियों को मौत की सजा सुनाई थी, जबकि आठ आतंकियों को दीपन की हत्या के जुर्म में मौत की सजा सुनाई थी. 
 

 

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