
पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश आज अपना 55वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. लेकिन पड़ोसी मुल्क का यह आजादी दिवस बेहद अस्थिरता और उथल-पुथल भरा है. पिछले साल पांच अगस्त को शेख हसीना के तख्तापलट के बाद सत्ता पर काबिज मोहम्मद यूनुस और सेना के बीच तनाव चरम पर है. सेना की बगावत और तख्तापलट का अंदेशा जताया जा रहा है. ऐसी स्थिति में यूनुस आज से चीन के दौरे पर जा रहे हैं.
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मोहम्मद यूनुस आज शाम सात बजे देश को संबोधित भी करने जा रहे हैं. बांग्लादेश की सेना यूनुस से असंतुष्ट नजर आ रही है. सेना कई मौकों पर जल्द से जल्द चुनाव कराने की बात कह चुकी है ताकि सैनिक अपने-अपने बैरक में लौट सकें. ऐसे में यूनुस सरकार के तख्तापलट की अटकलें लगाई जा रही हैं. हालांकि, बांग्लादेश सरकार ने तख्तापलट की इन अटकलों को सिरे से खारिज किया है.
मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश के स्वतंत्रता दिवस की पूर्वसंध्या पर देश को संबोधित करते हुए कहा था कि लोगों को गुमराह करने के लिए एक के बाद एक झूठी जानकारी फैलाई जा रही है ताकि देश में अस्थिरता पैदा की जा सके. अफवाहें फैलाने के लिए नए तरीके अपनाए जा रहे हैं.
यूनुस ने कहा कि देश में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे वैसे ही गलत सूचनाओं को फैलाने में लगे लोग इसे और तेजी से अलग-अलग माध्यम से फैलाएंगे. हम और आप जानते हैं कि इसके पीछे कौन है और वो ऐसा क्यों कर रहा है. हमने इन अफवाहों और झूठे सिद्धांतों के प्रचार को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र से सहयोग मांगा है. हमें संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने इससे निपटने में सहयोग देने की बात भी कही है.
चीन की तरफ है यूनुस सरकार का झुकाव
मोहम्मद यूनुस सरकार आज से चीन के चार दिवसीय दौरे पर हैं. शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से बांग्लादेश का झुकाव एक झटके से भारत से हटकर चीन की तरफ हो गया है.
इस दौरान उनकी मुलाकात चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से होगी और दोनों द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर करने की दिशा में कदम उठाएंगे. मोहम्मद यूनुस सबसे पहले बाओ फोरम फॉर एशिया में हिस्सा लेंगे. उनकी इस या6ा पर चीन कह चुका है कि बीजिंग और बांग्लादेश पारंपरिक दोस्त हैं और स्ट्रैटेजिक पार्टनर्स हैं. बांग्लादेश में चीन के राजदूत याओ वेन ने बताया कि बीते 50 सालों में किसी बांग्लादेश प्रमुख का यह सबसे महत्वपूर्ण चीन दौरा होगा. यूनुस 28 मार्च को शी जिनपिंग से द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे.
बांग्लादेशी सेना के बदलते सुर
पिछले कुछ दिनों से वहां के राजनीतिक उथल-पुथल के कारण अंदेशा लगाया जा रहा है कि वहां आने वाले दिनों में बड़े बदलाव हो सकते हैं. इसी बीच, सेना भी अलर्ट मोड पर आ गई है. सोमवार को बांग्लादेश की सेना ने राजनीतिक तनाव के बीच एक आपात बैठक आयोजित की थी. इस बैठक में सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया था.
इससे पहले सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि बांग्लादेश में जल्द ही तख्तापलट हो सकता है. सेना मोहम्मद युनूस को हटाकर खुद सत्ता संभाल सकती है.
बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद से सेना ने मोर्चा संभाला हुआ है. ऐसे में अब सेना चाहती है कि देश में जल्द से जल्द चुनाव कराए जाएं ताकि सेना अपने बैरक में लौट सकें. ऐसे में बांग्लादेश में ये तीनों बड़े कदम यूनुस सरकार का तख्तापलट कर सकते हैं.
सेना के किस कदम से तख्तापलट का फैसला अंदेशा
कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेशी आर्मी मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के खिलाफ कदम उठा सकती है. ढाका में बांग्लादेशी सेना की तैनाती ने तख्तापलट की अफवाहों को और हवा दी है. कहा गया है कि बांग्लादेशी सेना की सावर स्थित 9वीं डिवीजन की टुकड़ियां इक्ट्ठी हो रही हैं और उन्होंने चरणबद्ध तरीके से राजधानी में प्रवेश करना शुरू कर दिया है.
पिछले साल पांच अगस्त को बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद मोहम्मद यूनुस सरकार को अंतरिम सरकार का मुखिया बनाया गया था. वह कुछ ही महीनों के लिए अंतरिम सरकार के प्रमुख बने थे. दावा किया गया था कि अगले कुछ महीनों में चुनाव कराया जाएगा लेकिन आठ महीने बाद भी चुनाव नहीं कराने से छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा है. बांग्लादेश में छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और मोहम्मद यूनुस सरकार पर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं.