
बांग्लादेश (Bangladesh) की अंतरिम सरकार के गृह मामलों के सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल (रिटायर्ड) एम सखावत हुसैन ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना से देश वापस लौटने की गुजारिश की है. हालांकि, उन्होंने उनसे कोई भी 'हंगामा' न करने की बात कही है क्योंकि इससे लोगों में और ज्यादा गुस्सा भड़क सकता है.
मीडिया से बात करते हुए एम सखावत हुसैन ने कहा, "आप (शेख हसीना) खुद से गईं, आपको अपने देश वापस आना चाहिए, लेकिन कोई हंगामा न करें क्योंकि फिर लोग और ज्यादा नाराज होंगे. रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि आपको (शेख हसीना) को वापस आना चाहिए. देश को अराजकता की तरफ नही धकेलें, नए चेहरों के साथ अपनी पार्टी फिर से शुरू करें."
पिछले दिनों बांग्लादेश में हिंसा भड़कने के बाद शेख हसीना प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और देश छोड़कर भारत चली गईं. भारत में उन्हें कुछ वक्त तक रहने की छूट दी गई थी लेकिन ब्रिटेन जाने को लेकर हल नहीं निकलने के बाद उनके रुकने का वक्त बढ़ाया गया. शेख हसीना मौजूदा वक्त में गाजियाबाद के हिंडन एयर बेस पर रुकी हुई हैं.
मोहम्मद यूनुस ने संभाली जिम्मेदारी
शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद देश का माहौल और ज्यादा बिगड़ गया. इसके बाद अंतरिम सरकार का गठन किया गया और नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का मुखिया बनाया गया.
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हिंसा और आगजनी के बीच पुलिस नदारद
बांग्लादेश में आक्रोश भले ही शांत हो गया है, लेकिन हिंसा और आगजनी के निशान आभी भी ताजा हैं. अवामी लीग पार्टी के समर्थक करीम उल हक ने आजतक को बताया कि उस दिन हुडदंगियों ने न सिर्फ दफ्तर को तोड़ा बल्कि लाखों रुपयों का सामान भी लूट कर ले गए. पार्टी की मुखिया शेख हसीना के कमरे से लेकर के पार्टी के मीटिंग हॉल बैठक और बिल्डिंग के तमाम हिस्सों को या तो जला दिया गया है या तोड़-फोड़ दिया गया है.
इसी बीच बांग्लादेश के सड़कों से पुलिस नदारद है. शहर के बीचों-बीच पुलिस हेडक्वार्टर भी वीरान है, जिसकी हिफाजत अब बांग्लादेश की सेना कर रही है. प्रदर्शन के दौरान पुलिस कर्मियों पर पत्थरबाजी हुई, तो पुलिस हेडक्वार्टर को भी निशाना बनाया गया, जिसके निशान ताजा हैं. टूटे-फूटे वीरान पड़े हेडक्वार्टर के बाहर रविवार को कुछ पुलिसकर्मी प्रदर्शन करने आए थे, जो अपनी नौकरी पर फिर से जाना चाहते हैं.
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इन पुलिसकर्मियों में से एक करीम ने आजतक को बताया कि प्रदर्शन कार्यों पर कड़ी कार्रवाई करने का आदेश शेख हसीना की सरकार और सरकार में पुलिस विभाग में बैठ बड़े अधिकारियों का था. करीम ने कहा कि पुलिसकर्मियों ने अपने अधिकारियों का आदेश माना था और इस आदेश के चलते आज देश की जनता पुलिसकर्मियों को खोज रही है, जिसकी वजह से तमाम पुलिसकर्मी या तो अंडरग्राउंड है या तो छुपे हुए हैं. बता दें कि पूरे बांग्लादेश में कई इलाकों में पुलिस स्टेशनों को जला दिया गया.
इन संगठनों पर बैन लगाना शेख हसीना को पड़ा भारी
बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने इन आतंकी संगठनों पर अंकुश लगाने के लिए कई ठोस कदम उठाए थे. हाल ही में जब बांग्लादेश में छात्रों का प्रदर्शन जोरों पर था, तब भी शेख हसीना ने कहा था कि इन हिंसक विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व छात्रों ने नहीं बल्कि आतंकवादियों ने किया था. शेख हसीना ने जमान-ए-इस्लामी जैसे कई संगठनों को बैन किया था.