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बांग्लादेश के पहले हिंदू चीफ जस्टिस को 11 साल जेल की सजा, जानें पूरा मामला

ढाका के स्पेशल जज-4 शेख नजमुल आलम ने पूर्व चीफ जस्टिस को सजा सुनाई. सुरेंद्र कुमार अब अमेरिका में रहते हैं. सुरेंद्र कुमार को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 7 साल की सजा सुनाई गई. वहीं, विश्वास घात करने के मामले में उन्हें चार साल की सजा सुनाई गई. ढाका ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, जेल की सजा अलग-अलग चलेगी.

सुरेंद्र कुमार सिन्हा (फाइल फोटो) सुरेंद्र कुमार सिन्हा (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • ढाका,
  • 10 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 4:00 PM IST
  • भ्रष्टाचार से जुड़े दो मामलों में सुनाई गई सजा
  • 2015 से 2017 तक बांग्लादेश के चीफ जस्टिस रहे सिन्हा

बांग्लादेश की एक कोर्ट ने मंगलवार को पूर्व जज सुरेंद्र कुमार सिन्हा को 11 साल की सजा सुनाई. सुरेंद्र कुमार बांग्लादेश के पहले हिंदू चीफ जस्टिस हैं. सुरेंद्र कुमार को यह सजा भ्रष्टाचार से जुड़े दो मामलों में सुनाई गई.  ढाका के स्पेशल जज-4 शेख नजमुल आलम ने पूर्व चीफ जस्टिस को सजा सुनाई.

सुरेंद्र कुमार अब अमेरिका में रहते हैं. सुरेंद्र कुमार को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 7 साल की सजा सुनाई गई. वहीं, विश्वास घात करने के मामले में उन्हें चार साल की सजा सुनाई गई. ढाका ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, जेल की सजा अलग अलग चलेगी. 

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कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, जज एसके सिन्हा मनी लॉन्ड्रिंग के मुख्य लाभार्थी हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, सिन्हा को किसान बैंक, जिसे अब पद्म बैंक के नाम से जाना जाता है, उससे लिए गए 4 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 11 साल जेल की सजा सुनाई गई. 

सिन्हा 2015 से 2017 तक चीफ जस्टिस रहे

इस मामले में 10 आरोपी थे. लेकिन तंगैल निवासी, मोहम्मद शाहजहां और निरंजन चंद्र साहा को बरी कर दिया गया, क्योंकि उनके खिलाफ आरोप साबित नहीं हुए थे. बाकी को अलग अलग सजा के साथ जुर्माने की सजा सुनाई गई. सिन्हा ने जनवरी, 2015 से नवंबर, 2017 तक बांग्लादेश के 21वें चीफ जस्टिस रहे. जस्टिस सिन्हा ने आरोप लगाया था कि उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि उन्होंने बांग्लादेश के मौजूदा 'अलोकतांत्रिक और सत्तावादी' शासन का विरोध किया था. 

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