
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को करप्शन के मामले में 7 साल की कैद की सजा सुनाई गई है. फैसला आने के बाद जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के हजारों समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प हुई. शेख हसीना की धुर विरोधी मानी जाने वाली जिया इस साल फरवरी से एक अन्य मामले में 5 साल की जेल की सजा काट रही हैं.
इस मामले में भी 73 साल की जिया को दोषी पाया गया है. उन पर एक चैरिटी फंड के करीब 3 लाख 75 हजार अमेरिकी डॉलर के गलत इस्तेमाल के आरोप लगे हैं.
80 के दशक में राजनीति में उतरी थीं जिया
अपने पति और पूर्व सैन्य तानाशाह की हत्या के बाद 1980 के मध्य में खालिदा जिया राजनीति में उतरी थीं. उनपर भ्रष्टाचार और हिंसा से जुड़े करीब आधा दर्ज मामले दर्ज हैं. जिया का कहना है कि ये उनके परिवार को राजनीति से दूर की साजिश है.
2014 में किया था चुनावों का बहिष्कार
जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने 2014 के चुनाव का बहिष्कार किया था. इन चुनावों में शेख हसीना को जीत हासिल हुई थी.
जिया के बेटे को हो चुकी है उम्रकैद की सजा
बता दें कि हाल ही में बांग्लादेश की एक अदालत ने 2004 के ग्रेनेड हमले के मामले में खालिदा जिया के भगोड़े बेटे तारिक रहमान को उम्रकैद और 19 अन्य को फांसी की सजा सुनाई थी. इस हमले में 24 लोग मारे गए थे और उस समय विपक्षी पार्टी की प्रमुख रहीं शेख हसीना सहित करीब 500 लोग घायल हो गए थे.
बांग्लादेश की मौजूदा प्रधानमंत्री हसीना को टारगेट करते हुए यह हमला 21 अगस्त, 2004 को अवामी लीग की एक रैली पर किया गया था. हसीना इस हमले में बच गईं थीं लेकिन उनके सुनने की क्षमता को कुछ नुकसान हुआ था.