
बांग्लादेश में भी अब पाकिस्तान जैसे हालात होते जा रहे हैं. बांग्लादेश में एक बार फिर इस्लामिक कट्टरपंथियों ने हिंदू मंदिरों पर हमला करके 14 मूर्तियां तोड़ डाली हैं. 2023 में इस्लामिक कट्टरपंथियों की ओर से हिंदू मंदिरों पर हमले की ये पहली बड़ी घटना है. इससे पहले साल पिछले दुर्गा पूजा में बांग्लादेश में 3 दर्जन से अधिक दुर्गा पूजा पंडालों पर संगठित रूप से बड़ा हमला हुआ था. इस बार ठाकुरगांव जिले के बलियाडांगी में 12 मंदिरों में तोड़फोड़ की गई है. जिसके बाद सोमवार को बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.
पिछले कुछ समय से हिंदू मंदिरों पर हो रहे हमलों को लेकर आजतक/इंडिया टुडे ने बांग्लादेश के गृह मंत्री असदुज्जमां खान से 4 सीधे सवाल पूछे.
पढ़ें उनके द्वारा दिए गए जवाब-
सवाल: आपकी पार्टी 14 साल से लगातार सत्ता में है और आपकी पार्टी धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखती है. लेकिन क्या ये आपको संकट में डालता है कि आतंकवाद शब्द वापस आ रहा है? क्या इसका कोई बेहतर समाधान नहीं होना चाहिए?
उत्तर: आतंकवाद जो पूरी तरह से हमारी सरकार के खिलाफ सुनियोजित है. अगर इसे खत्म करने की क्षमता का सवाल है, तो मैं कहूंगा कि इसे हमें बदनाम करने के लिए बनाया गया है. आतंकवाद को हमारे देश की जनता ने कभी भी पनाह नहीं दी है. वे (कट्टरपंथी) इस्लाम के नाम पर जो स्थापित करना चाहते हैं, वह पूरी तरह से गलत है. हमारा इस्लाम आतंकवाद का समर्थन नहीं करता है. हमारी इस्लाम आधारित पार्टियां या आम लोग उनसे नफरत करते हैं. कोई उन्हें माफ नहीं कर रहा है. इसलिए वे बार-बार पीछे हट गए. हम उनका पता लगाने में सफल रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि वे (कट्टरपंथी) विदेश भागने की फिराक में थे. वे ट्रेनिंग के लिए पहाड़ों पर जाते और फिर वापस आते. लेकिन वहां उन्हें प्रतिरोध का सामना करना पड़ा और वे देश लौटकर और छिपकर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की तैयारी करने लगे. हम इसका सामना करने में सक्षम हैं. यह अब नियंत्रण में है. यह सरकार की कामयाबी है. लोगों को मारने का इस्लाम में या किसी भी धर्म में कोई स्थान नहीं है. सभी धर्मों में एक कहावत है कि सभी लोगों के बीच शांति चाहते हैं.
गृह मंत्री ने कहा कि यह स्थिति एक समूह के लोगों द्वारा बनाई गई है और वे विफल रहे हैं. सवाल यह है कि इसका संरक्षण कौन कर रहा है? जो लोग बांग्लादेश में संरक्षण देते हैं वे नहीं जानते कि वे दूसरे देशों में क्या करते हैं. वे कभी भी बांग्लादेश का भला नहीं चाहते हैं. मुक्ति संग्राम में भी वे बांग्लादेश का भला नहीं चाहते थे. इन समूहों ने बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम में भी देश का विरोध किया था. इसके लिए वे संगठित होकर प्रयास कर रहे हैं. इन समूहों का ठोस प्रयास उग्रवाद, आतंकवाद है.
सवाल: आपके राजनीतिक विरोधियों के कुछ संदेश हैं, जो कहते हैं कि बांग्लादेशी हिंदुओं के पास अवामी लीग के अलावा कोई राजनीतिक विकल्प नहीं है. अब वे किसी और को वोट नहीं देंगे. लेकिन वे केवल 8% हैं. तो क्या आपकी पार्टी उन्हें हमेशा हल्के में लेती है?
उत्तर: यदि मैं इस प्रश्न का उत्तर इस प्रकार देना चाहूं कि हमारा देश कभी भी साम्प्रदायिकता का समर्थन या विश्वास नहीं करता है. हमारे राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान हैं. हमारा मूल मंत्र सांप्रदायिक भावना से बांग्लादेश का निर्माण करना था. हम उसका पालन कर रहे हैं, माननीय प्रधानमंत्री जी उसी भावना से काम कर रहे हैं. हमारा हिन्दू समाज इस देश में था, है और रहेगा. सरकार के पास उन्हें बाहर करने या वंचित करने की ऐसी कोई योजना नहीं है. इस लिहाज से हमने उन्हें प्राथमिकता दी है.
उन्होंने कहा कि हिंदू फाउंडेशन, सचिवालय, पुलिस से लेकर किसी भी शीर्ष पद पर हैं. यह हमारे मूल सिद्धांतों में सबसे आगे है. जो हमारे चटगांव रेंज में आते हैं वे भी अपनी योग्यता के अनुसार पदों पर आसीन हैं. अवामी लीग हिंदू समुदाय से प्यार करती है और वे इस जगह पर आराम से रह सकते हैं. क्योंकि अवामी लीग वही करती है जो हम कहते हैं. अवामी लीग गैर-सांप्रदायिकता में विश्वास करती है, अवामी लीग यह नहीं मानती है कि यहां मुसलमान प्रबल होंगे या कोई अन्य धर्म प्रबल नहीं होगा. इसीलिए सभी समुदायों के लोग अवामी लीग को अटूट समर्थन देते हैं.
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी में 2/1 हिंदू समुदाय के नेता भी हैं. हालांकि उन्होंने अलग-अलग समय पर अलग-अलग ग्रुप बनाए हैं. उनमें से कई अवामी लीग का भी विरोध करते हैं. हिंदू महाजात नेता गोविंदा प्रमाणिक ने हाल ही में भ्रामक जानकारी दी थी. इस पर मैंने उनसे यह कहते हुए लिखा था कि मुझे जानकारी दो-कहां है? मैं इस पर कार्रवाई करूंगा. लेकिन वे इसमें विफल रहें. बाद में उन्हें इसका पछतावा हुआ.
सवाल: विपक्ष कहने लगा है कि अवामी लीग सेक्युलर पार्टी नहीं है, बीएनपी सांप्रदायिक पार्टी नहीं है. आप इस बारे में क्या कहते हैं?
उत्तर: यह एक राजनीतिक बयान है और वे इसे बार-बार कहते हैं. पड़ोसी मुल्क भारत ने जिस तरह हमारी मदद की है, उसे अवामी लीग कभी नहीं भूलेगी. उन्होंने हमें आश्रय दिया, 30 लाख लोग मारे गए लेकिन उन्होंने 1.2 करोड़ लोगों को आश्रय दिया. विपक्ष पर निशाना साधते हुए गृह मंत्री ने कहा कि उन्होंने एक चरमपंथी समूह को समायोजित किया, उन्होंने रज़ाकर को कैबिनेट में लिया, जिन्होंने उग्रवादी उत्थान बांग्ला भाई, शेख अब्दुर रहमान को आश्रय दिया, उनके चरमपंथियों के साथ संबंध हैं. वे साम्प्रदायिकता में विश्वास करते हैं. वे जमात-ए-इस्लामी पार्टी के साथ राजनीति करते हैं. हम भारत के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहते हैं. उन्होंने इस उल्फत को पनाह दी है. भारत ने उल्फा के बारे में हमसे जो भी जानकारी मांगी है, हमने उसे दे दी है. हमने भारत के लिए भेजे जाने वाले हथियारों से भरे 10 ट्रक बरामद किए हैं. इससे पहले कई हथियार आ चुके हैं. उन्होंने ऐसा स्थिति पैदा करने के लिए किया. इसलिए विरोधियों की इन बातों को सुनने लायक कुछ नहीं है.
सवाल: आप एक स्वतंत्रता सेनानी हैं. 51 साल हो गए हैं. देश में अब भी मंदिरों पर हमले होते हैं. इस बार 12 मंदिरों पर हमला किया गया. साम्प्रदायिक शक्तियों के बढ़ने की बात हो रही है. क्या इस चेतना के साथ मुक्ति संग्राम पूरा हुआ था?
जवाब: हम 21 साल सत्ता में नहीं थे, इन 21 सालों में हमारे संस्कार खत्म हो गए, इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया. हमारे प्रधानमंत्री ने फिर से सब कुछ ठीक कर दिया है. हम इसे वापस ले आए. हमारी भावना एक गैर-सांप्रदायिक देश की है. जहां सभी के लिए आवास, सभी के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य की गारंटी होगी. सभी धर्मों के लोगों को समान अधिकार होंगे. लेकिन मुक्ति संग्राम की अपराजित ताकतें अभी तक पीछे नहीं हटी हैं. वे अब भी सक्रिय हैं. वे मुक्ति संग्राम की भावना की प्राप्ति में बाधा डालना चाहते हैं. वे बार-बार धार्मिक सद्भाव को नष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं. ये उसी साजिश का हिस्सा हैं. हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. लेकिन हम इन चीजों को लेकर सख्त थे. गृह मंत्री के रूप में मैंने पुलिस बल को आदेश दिए हैं. वे अपराधियों को पकड़ने के लिए मैदान में हैं. हम उनकी पहचान करेंगे और जितनी जल्दी हो सके उन्हें गिरफ्तार कर लेंगे. हमने स्थानीय हिंदू समुदाय के लोगों से बात की है और उनकी पूरी सुरक्षा सुनिश्चित की गई है.
(रिपोर्ट: शाहिदुल हसन कोखन)