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चीन के दबाव के आगे नहीं झुका बांग्लादेश, भारत से बोलीं हसीना- इस्तेमाल करिए चटगांव और सिलहट पोर्ट

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि भारत अगर चाहे तो हमारे चटगांव और सिलहट बंदरगाहों का इस्तेमाल कर सकता है. 'इंडिया फाउंडेशन' के राम माधव ने उनसे मुलाकात की. उन्होंने शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश में सामाजिक आर्थिक प्रगति की सराहना की.

 बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (फाइल फोटो) बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • ढाका ,
  • 21 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 9:13 AM IST

चीन के दबाव को नजरअंदाज करते हुए बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत को चटगांव और सिलहट बंदरगाह का इस्तेमाल करने की पेशकश कर दी है. पीएम हसीना ने कहा कि इससे लोगों के बीच संपर्क बढ़ेगा. चटगांव बंदरगाह बांग्लादेश में एक महत्वपूर्ण बंदरगाह है, जो भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों से निकटता के कारण रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है. दरअसल, चीन बांग्लादेश में खुद को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है और उसका मुख्य लक्ष्य चटगांव बंदरगाह पर अपना प्रभाव स्थापित करना है.

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'इंडिया फाउंडेशन' के राम माधव ने शेख हसीना से मुलाकात की. इस दौरान प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि भारत अगर चाहे तो हमारे चटगांव और सिलहट बंदरगाहों का इस्तेमाल कर सकता है. 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राम माधव के साथ बातचीत के दौरान हसीना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपना शुभकामना संदेश भेजा. वहीं, राम माधव ने शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश में सामाजिक आर्थिक प्रगति की सराहना की. दरअसल, चटगांव बंदरगाह बांग्लादेश का मुख्य बंदरगाह है. इस बंदरगाह के जरिये न केवल भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे, बल्कि पूर्वोत्तर राज्यों जैसे असम, मेघालय, मणिपुर और त्रिपुरा से कनेक्टिविटी भी सुधरेगी.

हाल में हुआ क्रॉस-बॉर्डर ऊर्जा पाइपलाइन का उद्घाटन

हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन शुरू की गई है. यह भारत और बांग्लादेश के बीच पहली क्रॉस-बॉर्डर ऊर्जा पाइपलाइन है, जिसे 377 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से तैयार किया गया है. इसमें से पाइपलाइन के बांग्लादेश वाले हिस्से को लगभग 285 करोड़ रुपये की लागत से तैयार गया है. भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन की नींव हमने सितंबर 2018 में रखी गई थी.- पाइपलाइन में हाई-स्पीड डीजल (HSD) के 1 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष के परिवहन की क्षमता है. भारत सरकार की ओर कहा गया है कि कंपनी शुरुआत में उत्तरी बांग्लादेश के 7 जिलों में हाई स्पीड डीजल की आपूर्ति करेगी. इससे दोनों देशों के बीच ऊर्जा सुरक्षा में सहयोग और बढ़ेगा.  

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बांग्लादेश चीन के लिए क्यों है महत्वपूर्ण?
 
चटगांव बांग्लादेश के लिए रणनीतिक रूप से एक महत्वपूर्ण शहर है. चीन बांग्लादेश में खुद को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है, उसका लक्ष्य चटगांव बंदरगाह पर अपना प्रभाव स्थापित करना है. वहीं, चटगांव बंदरगाह के जरिए बांग्लादेश पश्चिमी देशों से आयात-निर्यात करता है. पश्चिमी देशों का विरोधी चीन चटगांव बंदरगाह पर अपना प्रभाव बढ़ाकर पश्चिम से बांग्लादेश को होने वाले आयात-निर्यात को नियंत्रित करना चाहता है. 

एक विशेषज्ञ ने कहा कि चीन चटगांव बंदरगाह पर नियंत्रण चाहता है. वो खासकर बांग्लादेश और पश्चिमी देशों के बीच होने वाले निर्यात और आयात पर नियंत्रण चाहता है. पश्चिमी देश बांग्लादेशी कपड़ों के मुख्य खरीदार हैं. इसलिए चीन चटगांव में मेट्रो रेल और स्मार्ट सिटी के निर्माण का प्रस्ताव दे रहा है. ये श्रीलंका की तरह ही बांग्लादेश को अपने प्रभाव में लेने का चीन का प्रयास है.

 

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