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'गोलियों से भून दिया...', बांग्लादेश में हिंसा के दौरान मारे गए छात्र के परिवार ने सुनाई दर्द की दास्तां

बांग्लादेश में आंदोलन कर रहे छात्रों और पुलिस के बीच झड़प के दौरान मारे गए युवक के परिवार वालों ने बताया कि रोमिजुद्दीन को गोलियों से भून दिया गया. घायल हालत में ढाका मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मृत युवक के परिवार के सदस्यों को यह पता ही नहीं चल पाया कि उनका बेटा आंदोलन में सक्रिय था.

बांग्लादेश हिंसा में जान गंवाने वाला छात्र बांग्लादेश हिंसा में जान गंवाने वाला छात्र
आशुतोष मिश्रा
  • ढाका,
  • 13 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 1:29 PM IST

बांग्लादेश (Bangladesh) में पिछले दिनों देशव्यापी विरोध प्रदर्शन, हिंसा और आगजनी के मामले सामने आए. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में सैकड़ों लोगों ने जान गंवाई. हिंसा के बीच जान गंवाने वाले रोमिजुद्दीन रूप (21) की मां और उनकी बहन को आज भी इस बात का मलाल है कि रोमिजुद्दीन अब परिवार के साथ नही हैं. वह उन छात्रों में से एक थे, जिनकी मौत 4 अगस्त को शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प में हुई थी.

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परिवार के लोगों ने बताया कि उनके जिगर के टुकड़े को गोलियों से भून दिया गया. घायल हालत में ढाका मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने रोमिजुद्दीन को मृत घोषित कर दिया. उनके परिवार के सदस्यों को यह पता ही नहीं चल पाया कि उनका बेटा आंदोलन में सक्रिय था.

'घर पर बोला दोस्तों से मिलने जा रहा हूं...'

रोमिज़ुद्दीन की बहन नाहिन मेहनाज पुराने ढाका शहर के एक थ्री स्टार होटल में रिसेप्शनिस्ट हैं. चेहरे पर उदासी लिए नाहिन ने होटल में अपनी ड्यूटी फिर से शुरू कर दी है लेकिन परिवार सदमे है. ढाका के डेफोडिल यूनिवर्सिटी से पॉलिटेक्निक का छात्र शेख हसीना सरकार के खिलाफ प्रदर्शनकारियों में से एक था और 4 अगस्त को वह बाहर के तनाव के बावजूद घर से निकल गया, उसने अपनी मां से कहा कि वह दोस्तों से मिलने जा रहा है.

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रोमिजुद्दीन की बहन नाहिन ने इंडिया टुडे से बात करते हुए बताया, "हमें कभी नहीं पता था कि वो विरोध प्रदर्शन में एक्टिव था. वो दोस्तों से मिलने जाने को बोलकर घर से निकला. हमें उसकी मौत के बारे में तब पता चला, जब उसका शव मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. नाहिन और उनके परिवार के पास इस भारी नुकसान के बाद दर्द बयान करने के लिए शब्द नही हैं.

छात्रों और पुलिस के साथ हुई थी झड़प

4 अगस्त को धानमंडी और शाहबाज इलाके में छात्रों और अन्य संगठनों द्वारा विरोध मार्च शुरू हुआ. ढाका पुलिस ने प्रोटेस्ट रोकने की कोशिश की, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई. इस दौरान पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की. पुलिस के द्वारा छात्रों पर गोली चलाने का आरोप लगा. शेख हसीना के इस्तीफे के बाद पुलिस वालों में डर का माहौल था कि अब लोग जवाबी कार्रवाई करेंगे और पुलिस वालों पर हमला हो सकता है, इसलिए पूरा पुलिस बल नदारद हो गया. 

ढाका में जन-जीवन सामान्य हो रहा है और पुलिस फोर्स काम पर वापस लौट रही है. मंगलवार को ढाका में ट्रैफिक की स्थिति सामान्य दिख रही है क्योंकि यातायात पुलिस ने फिर से काम शुरू कर दिया है. ट्रैफिक सब-इंस्पेक्टर ने कहा कि 5 अगस्त के बाद पुलिसकर्मियों में डर की भावना थी लेकिन अब सरकार और लोगों ने आश्वासन दिया है और हमें उम्मीद है कि स्थिति फिर से वैसी नहीं होगी जैसी हमने पहले देखी है.

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इस आंदोलन के दौरान कथित तौर पर पुलिस गोलीबारी में कई छात्रों की मौत हो गई और अब विरोध प्रदर्शन पर कठोर कार्रवाई के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग बढ़ रही है.

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