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आईएसआईएस के समर्थक होने का दावा करते हुए कुछ लोगों ने रामकृष्ण मिशन के एक हिंदू पुजारी को जान से मारने की धमकी दी है. इन लोगों ने धमकी दी कि पुजारी ‘इस्लामिक बांग्लादेश’ में अपने धर्म का प्रचार बंद कर दे. धमकी के बाद आसपास के इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
ढाका में वारी थाना के ड्यूटी अधिकारी ने बताया, ‘आरके मिशन की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और पुजारी ने शिकायत दर्ज कराई है.’ अधिकारी ने पुजारी का नाम बताने से इंकार कर दिया. मिशन के अधिकारियों की प्रतिक्रिया अभी मिल नहीं पाई है लेकिन पुलिस ने बताया कि बुधवार शाम आईएस के लैटरहेड पर पुजारी को धमकी भरा पत्र मिला. पत्र भेजने वाले ने खुद को एबी सिद्दिकी बताया है.
हिंदू प्रोफेसर पर भी हुआ हमला
अधिकारी ने बताया कि पत्र में लिखा है, ‘बांग्लादेश एक इस्लामिक देश है. आप यहां पर अपने धर्म का प्रचार नहीं कर सकते. अगर आप लगातार प्रचार करते हैं तो 20 से 30 तारीख के बीच आपकी हत्या कर दी
जाएगी.’ अधिकारी ने बताया कि पत्र में किसी महीने का जिक्र नहीं किया गया है. बुधवार शाम नजीमुद्दीन गवर्नमेंट यूनिवर्सिटी कॉलेज में गणित के 50 वर्षीय एक हिंदू प्रोफेसर पर हमलावरों में हथियारों से जानलेवा हमला किया था. इस घटना को दक्षिण पश्चिमी बांग्लादेश के मदारीपुर में उनके आवास पर अंजाम दिया गया.
उग्रवादियों की धरपकड़ के लिए अभियान शुरू
संदिग्ध इस्लामवादियों द्वारा देश में हालिया महीनों में कई धर्मनिरपेक्ष कार्यकर्ताओं, हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की जान लिये जाने की वजह से प्रशासन ने शुक्रवार से उग्रवाद विरोधी धरपकड़ अभियान शुरू किया है.
अब तक करीब 12,000 लोगों को पकड़ा जा चुका है. पकड़े गए लोगों में से कुछ के संबंध प्रतिबंधित जमातुल मुजाहिदीन बांग्लादेश से हैं.
ज्यादातर हमलों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट या इससे संबद्ध समूहों ने या ऐसे ही चरमपंथी समूहों ने ली है लेकिन बांग्लादेश सरकार ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा है कि ये हमले विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी से जुड़े, देश के ही गुटों ने किए हैं.