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जज, गवर्नर, UGC चीफ...बांग्लादेश में हिंसक भीड़ के आगे 'बेबस माननीय', थम नहीं रहा इस्तीफा

बांग्लादेश अशांति, अराजकता और हिंसा की आग में झुलस रहा है. आम नागरिक हो या बड़े ओहदों पर बैठा कोई माननीय. इस नफरत में हर कोई झुलस रहा है. आलम ये है कि देश के न्यायमूर्ति (चीफ जस्टिस) को बेखौफ और हिंसक भीड़ के रवैये के आगे घुटने टेकने पड़े हैं.

बांग्लादेश में कोर्ट के बाहर तैनात पुलिस, थम नहीं रही हिंसा. PTI बांग्लादेश में कोर्ट के बाहर तैनात पुलिस, थम नहीं रही हिंसा. PTI
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 1:01 PM IST

बांग्लादेश अशांति, अराजकता और हिंसा की आग में झुलस रहा है. आम नागरिक हो या बड़े ओहदों पर बैठा कोई माननीय. इस नफरत में हर कोई झुलस रहा है. आलम ये है कि देश के न्यायमूर्ति (चीफ जस्टिस) को बेखौफ और हिंसक भीड़ के रवैये के आगे घुटने टेकने पड़े हैं. शनिवार को भीड़ ने सुप्रीम कोर्ट तक को नहीं छोड़ा और परिसर में दाखिल होकर चीफ जस्टिस को ही इस्तीफा देने की धमकी दे डाली. आखिरकार चीफ जस्टिस को इस्तीफा देना ही पड़ा. उनके साथ ही 5 अन्य जजों ने भी इस्तीफा दे दिया. लेकिन ये कहानी यहीं तक सीमित नहीं है. बांग्लादेश में छोटे से लेकर बड़े ओहदों के अधिकारियों को इसी संकट से जूझना पड़ रहा है.

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बीएसईसी चीफ को देना पड़ा इस्तीफा

बांग्लादेश सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (बीएसईसी) के अध्यक्ष प्रोफेसर शिबली रुबायत उल इस्लाम को भी अपना इस्तीफा देना पड़ा है.उन्होंने शनिवार रात अपना इस्तीफा वित्तीय संस्थान प्रभाग के सचिव मोहम्मद अब्दुर रहमान खान को भेजा.

गवर्नर ने भी दिया इस्तीफा

बांग्लादेश बैंक के गवर्नर अब्दुर रउफ तालुकदार ने भी अपना पद छोड़ दिया है. उन्होंने अपने इस्तीफे में निजी कारणों का हवाला दिया. लेकिन सच तो ये है कि जिस तरह से भीड़ लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रही थी. उसके चलते उन्हें इस्तीफा देना पड़ा.

यूजीसी अध्यक्ष ने भी सौंपा इस्तीफा

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष प्रोफेसर काजी शाहिदुल्लाह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने रविवार को अपना इस्तीफा शिक्षा मंत्रालय को भेज दिया.वह पिछले साल 28 मई को यूजीसी अध्यक्ष के रूप में चुने गए थे. काजी शाहिदुल्लाह ने पहले 2009-2013 के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में कार्य किया था. 

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यह भी पढ़ें: बांग्लादेश: हिंसा, आगजनी और हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद जानिए अब कैसे हैं देश के हालात, ग्राउंड रिपोर्ट

बता दें कि शनिवार को बांग्लादेश के मुख्य न्यायाधीश ओबैदुल हसन और शीर्ष अपीलीय प्रभाग के पांच अन्य जजों ने इस्तीफा दे दिया था. सड़कों पर न्यायपालिका में सुधार को लेकर छात्रों का भारी प्रदर्शन चल रहा था. सैयद रेफत अहमद को बांग्लादेश के नए चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त किया गया है. छात्रों का आरोप था कि चीफ जस्टिस पूर्व पीएम शेख हसीना के करीबी थे.

बैंक को भी लूट रहे लोग

रविवार को ढाका में इस्लामी बैंक पीएलसी के मुख्य कार्यालय के सामने एक विरोध प्रदर्शन के दौरान बदमाशों द्वारा की गई गोलीबारी में कम से कम पांच लोग घायल हो गए. अधिकारियों ने बताया कि जब हमला हुआ तो कर्मचारी बैंक लुटेरों और लुटेरों का विरोध कर रहे थे. बदमाशों ने भीड़ पर फायरिंग कर दी और मौके से भाग गए. 

कई अधिकारियों ने दिया इस्तीफा

शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और भारत जाने के बाद से बांग्लादेश में कानून और व्यवस्था की स्थिति अनिश्चित बनी हुई है.नवगठित कार्यवाहक सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस ने अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों की निंदा की और युवाओं से उनकी रक्षा करने का आग्रह किया. राजनीतिक संकट ने कई शीर्ष अधिकारियों को कार्यालय से बाहर कर दिया है.

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