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जब इराक-इंग्लैंड में हुए थे बांग्लादेश जैसे हालात, पढ़ें- कब-कब विद्रोह की भेंट चढ़ीं प्रतिमाएं

मूर्तियां अक्सर सांस्कृतिक कसौटी के रूप में काम करती हैं जो ऐतिहासिक और सामाजिक नैरेटिव को दर्शाती हैं. हालिया घटनाओं से पता चलता है कि कैसे सेंटीमेंट बदलने के बाद लोग विरासत को भुला दिया करते हैं. ऐसा ही कुछ बांग्लादेश में देखने को मिला, जहां पहले राष्ट्रपति रहे शेख मुजीबुर रहमान की मूर्ति को जमींदोज कर दिया गया.

ढाका में गिराई गई शेख मुजीबुर रहमान की मूर्ति ढाका में गिराई गई शेख मुजीबुर रहमान की मूर्ति
बिकाश कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 06 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 8:41 PM IST

प्रतिमाओं को नष्ट करना और उसे हटाना विरोध-प्रदर्शनों का केंद्र बन गया है, जो कि सामाजिक मुद्दों का प्रतीक है. इस तरह का एक मामला हाल ही में बांग्लादेश में देखने को मिला है. विरोध-प्रदर्शनों के बीच प्रदर्शनकारी पहले पीएम हाउस में घुस गए और फिर बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की मूर्ति को जमींदोज कर दिया.

प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद शेख हसीना सोमवार को भारत आ गई थीं. इसके बाद बांग्लादेश में लोगों ने बड़े स्तर पर ढाका में प्रदर्शन किया. आर्मी चीफ ने एक अंतरिम सरकार के गठन का ऐलान किया है. इस बीच शेख हसीना की सबसे बड़ी विरोधी खालिदा जिया को भी रिहा कर दिया गया है. हालांकि, अंतरिम सरकार की रूपरेखा अभी स्पष्ट नहीं है.

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शेख मुजीबुर रहमान

हाल ही में, ढाका में एक भीड़ ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने और उनके देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की मूर्ती तोड़ दी. शेख हसीना उनकी बेटी हैं और हाल ही में लगातार चौथी बार प्रधानमंत्री बनी थीं.

यह कार्रवाई 1975 में एक सैन्य तख्तापलट के दौरान रहमान और उनके परिवार की हत्या के लगभग 50 साल बाद हुई, जिसने बांग्लादेश में उनकी विरासत को काफी हद तक प्रभावित किया.

सद्दाम हुसैन

9 अप्रैल, 2003 को, इराक युद्ध के दौरान स्थानीय इराकियों और अमेरिकी मरीन द्वारा बगदाद के फिरदोस स्क्वायर में सद्दाम हुसैन की मूर्ति को गिरा दिया गया था.

पिछले साल सद्दाम हुसैन के 65वें जन्मदिन के मौके पर यहां 12 मीटर (39 फुट) ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है. सद्दाम हुसैन को क्राइम अगेंस्ट ह्युमनिटी के मामले में फांसी दे दिया गया था.

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ह्यूगो चावेज

जुलाई 2023 में, वेनेजुएला में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने ह्यूगो चावेज की प्रतिमाओं को निशाना बनाया. यह तब हुआ जब देशभर में उनके उत्तराधिकारी निकोलस मादुरो के खिलाफ विरोध प्रदर्शन उग्र हो गया, और उनपर चुनावी धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था.

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प्रदर्शनकारियों ने 2017 में मादुरो द्वारा चावेज को समर्पित 3.5 मीटर (12 फुट) की प्रतिमा को नष्ट कर दिया था.

एडवर्ड कॉलस्टन

जून 2020 में, इंग्लैंड में नस्लवाद विरोधी कार्यकर्ताओं ने सिस्टमेटिक नस्लवाद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान 17वीं सदी के गुलाम व्यापारी एडवर्ड कॉलस्टन की मूर्ति को तोड़ दिया था. 

बाद में मूर्ति को पोर्ट में फेंक दिया गया, जो उपनिवेशवाद की विरासत और ट्रान्साटलांटिक दास व्यापार की अस्वीकृति का प्रतीक था.

रॉयल अफ्रीकी कंपनी में अपनी प्रमुखता के लिए कॉलस्टन को जाना जाता था, जिसने अफ्रीका से लगभग 80 हजार गुलामों को अमेरिका ट्रांसपोर्ट करने में मदद की थी.

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