
भारत मध्य-पूर्व के अन्य देशों की तरह ही सऊदी अरब का प्रमुख मसाला आपूर्तिकर्ता देश है. लेकिन अब इस बाजार में बांग्लादेशी मसालों की मांग तेजी से बढ़ रही है जिसने भारत के लिए चिंता की स्थिति पैदा कर दी है. खाड़ी देश में भारतीय मसालों को बांग्लादेशी मसालों से कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ रहा है.
बांग्लादेश के एक्सपोर्ट प्रमोशन ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल जुलाई से नवंबर के बीच बांग्लादेश ने खाड़ी देशों को 1.7 करोड़ डॉलर के मसाले निर्यात किए हैं. इस अवधि में कुल मसाला निर्यात का आधा से अधिक हिस्सा सऊदी अरब गया है.
बांग्लादेश की प्रमुख फूड कंपनी BD Food के एक्सपोर्ट हेड मोहम्मद सज्जादुल करीम कहते हैं, 'खाड़ी क्षेत्र में सऊदी अरब हमारा शीर्ष खरीददार है. इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात, जॉर्डन और ओमान का स्थान है.'
वो आगे कहते हैं, 'हम देख रहे हैं कि सऊदी में हमारे मसालों की मांग बढ़ रही है... हमारे मसाले उत्पादक किसान कुछ सालों से अच्छी किस्म के मसाले उपजा रहे हैं. हमारे मसाले भारतीय मसालों को पीछे छोड़कर खाड़ी के देशों में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं.'
करीम कहते हैं कि सऊदी में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी भी रहते हैं और वो अपने देश के मसाले ही पसंद करते हैं. मांग बढ़ने के पीछे एक वजह ये भी है. सऊदी अरब में लगभग 26 लाख बांग्लादेशी रहते हैं.
सऊदी में बांग्लादेशी मसाला खाने वालों की संख्या बढ़ रही
बांग्लादेशी कंपनियों के ग्रुप PRAN-RFL ग्रुप के मार्केटिंग डायरेक्टर कमरुज्जमन कमाल सऊदी के अखबार, अरब न्यूज से बात करते हुए कहते हैं, 'एक दशक पहले तक हमारे खरीददार केवल सऊदी में रहने वाले बांग्लादेशी प्रवासी थे. बाद में भारत, पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, भूटान और फिलीपींस के लोग भी हमारे मसाले पसंद करने लगे. खानपान अलग-अलग हैं लेकिन सऊदी अरब के नागरिक भी हमारे मसाले खाते हैं. सऊदी अरब में हमारे मसाले खाने वालों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है.'
वहीं, बांग्लादेश के डेफोडिल इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी में एग्रीकल्चर साइंस डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ. एम.ए. रहीम कहते हैं कि बांग्लादेशी मसालों को भारतीय मसालों से कड़ी टक्कर मिल रही है. वो कहते हैं, 'हमारा पड़ोसी भारत इस क्षेत्र में हमारा प्रमुख प्रतिद्वंद्वी बना हुआ है. इसलिए सरकार को चाहिए कि मसाला निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए.'