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बेलआउट पर बैंक, फूड इन्फ्लेशन 13 साल में सबसे ज्यादा, सप्लाई चेन ध्वस्त... बांग्लादेश का कैसे होगा बेड़ा पार?

बांग्लादेश में कुछ भी ठीक नहीं है. लॉ एंड ऑर्डर से लेकर महंगाई तक की मार लोगों को झेलनी पड़ रही है. देश में खाद्य मुद्रास्फीति 13 वर्षों में अब तक के हाई लेवल को क्रॉस कर गई है और जुलाई में 14 प्रतिशत के पार पहुंच गई है. कई हफ्तों तक चले विरोध-प्रदर्शन के कारण सप्लाई चेन भी पूरी तरह ध्वस्त हो गई है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में जुलाई से हालात बिगड़ने शुरू हुए और व्यवस्थाएं पटरी से उतर गईं.

बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शन से सप्लाई चैन ध्वस्त हो गई है. (Photo- PTI) बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शन से सप्लाई चैन ध्वस्त हो गई है. (Photo- PTI)
आशुतोष मिश्रा
  • ढाका,
  • 13 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 1:18 PM IST

बांग्लादेश में तख्तापलट हो गया है. अंतरिम सरकार के सामने लॉ एंड ऑर्डर से लेकर अर्थव्यवस्था तक को पटरी पर लाने की चुनौती है. चूंकि, देश गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है. बैंक बेलआउट पर हैं. फूड इन्फ्लेशन 13 साल में सबसे ज्यादा है. जुलाई में खाद्य मुद्रास्फीति 14 प्रतिशत के पार पहुंच गई है. हिंसा के बाद सप्लाई चेन भी ध्वस्त हो गई है. सवाल उठ रहे हैं कि बांग्लादेश का बेड़ा कैसे पार होगा?

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बांग्लादेश में कोटा को लेकर छात्र जुलाई से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और धीरे-धीरे पूरे देश में बवाल बढ़ गया. हालात यह हुए कि सबसे पहले देशभर में सप्लाई चेन प्रभावित हुई और उसके बाद चुनौतियां बढ़ती गईं. आवश्यक वस्तुओं और अन्य चीजों की कीमतें बढ़ गईं. सांख्यिकी ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि जुलाई में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स 1.94 से बढ़कर 11.66 प्रतिशत हो गया. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हालात कितनी तेजी से बिगड़े.

बांग्लादेश में व्यापार क्षेत्र भी मुसीबत का सामना कर रहा है. सबसे बड़े थोक विक्रेताओं पर आवश्यक वस्तुओं की कीमतें स्थिर रखने और वर्तमान में भारी मुनाफा ना कमाने का दबाव है. हालांकि, व्यापारियों का कहना है कि देर-सबेर इसमें बढ़ोतरी होगी. देश में अनिश्चितता के बीच केंद्रीय बैंक ने बैंकों से 2 लाख टका की नकदी निकालने पर प्रतिबंध लगा दिया है. 

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अगले महीने बढ़ जाएंगी कीमतें

आजतक ने ढाका के सबसे बड़े थोक बाजार का दौरा किया जिसे कावरन बाजार के नाम से जाना जाता है. पिछले कुछ दिनों में फुटफॉल कम हो गया है. एक स्थानीय व्यापारी शफीकुर का कहना है कि भोजन की कीमतों में मामूली वृद्धि हुई है. देशों की विदेशी मुद्रा समाप्त हो रही है. व्यापारियों का कहना है कि सरकार के पास कमी है. अगले महीने कीमतें बढ़ेंगी लेकिन अनिश्चितता के कारण सप्लाई चेन में व्यवधान होने के बावजूद हम कीमतें नहीं बढ़ा रहे हैं.

बाजार के एक स्थानीय थोक विक्रेता रफीक ने बताया कि फिलहाल हम कीमतें सार्वजनिक रख रहे हैं लेकिन सरकार ने आश्वासन दिया है कि हम अगले महीने तक कीमतें बढ़ाने में सक्षम होंगे. चूंकि चीजें पहले से ही और महंगी होती जा रही हैं.

बांग्लादेश, भारत समेत पड़ोसी देशों से दालें, सूखे मेवे, मसाले और अन्य आवश्यक वस्तुएं आयात करता है. कथित तौर पर बांग्लादेश की विदेशी मुद्रा में गिरावट आ रही है. सेंट्रल बैंक के आंकड़ों के अनुसार, बांग्लादेश का विदेशी मुद्रा भंडार 31 जुलाई को 20.48 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो कि एक महीने पहले के 21.78 बिलियन डॉलर से कम है. बांग्लादेश के मुद्रा भंडार में करीब 1.3 अरब डॉलर की गिरावट ने अंतरिम सरकार को भी बड़े फैसले लेने पर मजबूर कर दिया है. 

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इसमें नकदी की निकासी पर सीमा भी शामिल है. सरकार ने निकासी को सिर्फ 2 लाख रुपये तक सीमित कर दिया है जिससे बाजार में क्राइसिस बढ़ गई है और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है जिससे मांग कम हो रही है. 

स्थानीय व्यापारी इस्लाम मोहम्मद ने कहा, सरकार का एक नया आदेश आया है. अब हम बैंकों से 2 लाख बांग्लादेशी टका से ज्यादा नहीं निकाल सकते हैं, इसलिए हम अधिक विदेशी मुद्रा नहीं खरीद सकते हैं और पूरा व्यापार धीमा होने वाला है.

व्यापारी बोले- आयात पर पड़ेगा असर

व्यापारियों का कहना है कि इस निर्णय के कारण जरूरी विदेशी मुद्रा नहीं खरीद पाएंगे. जिसका असर आयात पर भी असर पड़ेगा और उत्पादों की कीमतों में वृद्धि देखी जाएगी. पिछले कुछ हफ्तों में अनिश्चितता ने देश को बड़े पैमाने पर राजनीतिक और सामाजिक रूप से प्रभावित किया है और अब इसे आर्थिक रूप से प्रभावित कर रहा है. लोगों के गुस्से के डर से थोक व्यापारी और खुदरा विक्रेता भी अच्छा मुनाफा नहीं कमा रहे हैं और कीमतें स्थिर रखने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन चेतावनी दे रहे हैं कि अगले महीने तक कीमतें जल्द ही बढ़ जाएंगी.

कई बैंक क्लिनिकली डेड

बांग्लादेश में बैंक की स्थिति भी ठीक नहीं है. सेंटर फॉर पॉलिसी डायलॉग (CPD) की कार्यकारी निदेशक फहमीदा खातून ने बताया कि देश में कई बैंक क्लिनिकली डेड हो चुके हैं, लेकिन उन्हें बेलआउट के जरिए संचालित किया जा रहा है. फहमीदा ने ढाका स्थित एक कार्यक्रम में कहा कि डूबने की कगार पर पहुंचे बैंकों को बंद करने की अनुमति दी जानी चाहिए. सीपीडी ने यह मीडिया ब्रीफिंग अंतरिम सरकार के शपथ ग्रहण के कुछ दिन बाद आयोजित की थी.

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फहमीदा ने कहा, कुछ तीसरी और चौथी जेनरेशन के बैंक हैं, जिन्हें अवामी लीग के सत्ता में रहने के दौरान लाइसेंस दिए गए. वे अब सुस्त पड़ गए हैं. इसके अतिरिक्त, कई पहले के अच्छे बैंकों को भी पूंजीपतियों द्वारा गलत अधिग्रहण किए जाने के कारण प्रदर्शन में गिरावट का सामना करना पड़ा है. उदाहरण के लिए इस्लामी बैंक बांग्लादेश की स्थिति तब खराब हुई जब एस आलम ग्रुप ने बैंक का अधिग्रहण किया और लगभग 30,000 करोड़ टका का ऋण ले लिया. इसी तरह सार्वजनिक क्षेत्र के जनता बैंक ने एकल उधारकर्ता सीमा का उल्लंघन किया और एनोनटेक्स ग्रुप को 10,000 करोड़ टका का ऋण दे दिया.

फहमीदा का कहना था कि बड़ा अमाउंट का लोन दिए जाने से बैंक की स्थिति खराब होती है और छोटे इंवेस्टर को इसका नुकसान उठाना पड़ता है. वो ऋण लेने से वंचित रह जाते हैं. उन्होंने सवाल किया, यदि एक ही व्यक्ति को इतना लोन दिया जाएगा तो अन्य ग्राहकों को क्या मिलेगा?

फहमीदा ने कहा कि इन बैंकों को जनता का पैसा लगाकर बेलआउट के जरिए चलाया जा रहा है, लेकिन बेहतर होगा कि ऐसे बैंकों को बंद किया जाए. सीपीडी ने यह भी कहा कि 2008 से 2023 के बीच 24 बड़े बैंकिंग घोटालों के जरिए लगभग 92,261 करोड़ टका का गबन किया गया. यह राशि वित्त वर्ष 2024 के लिए बांग्लादेश के राष्ट्रीय बजट के 12 प्रतिशत या वित्त वर्ष 2023 के लिए देश के सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 2 प्रतिशत के बराबर है.

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अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना प्राथमिकता

वित्त एवं योजना सलाहकार सालेहुद्दीन अहमद ने कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना और बैंकों में लोगों का भरोसा बहाल करना है. बांग्लादेश बैंक के पूर्व गवर्नर अहमद को अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने वित्त और योजना मंत्रालयों का प्रभार सौंपा है. उन्होंने शुक्रवार को अपने 16 सदस्यीय सलाहकार परिषद के विभागों की घोषणा की. अहमद ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता केंद्रीय बैंक का परिचालन फिर से शुरू करते हुए बैंकों में आम लोगों का विश्वास बहाल करना है. फिर हम सुधार लाने पर काम करेंगे.

उन्होंने आगे कहा, विभिन्न कारणों से देश की अर्थव्यवस्था धीमी हो गई है. हमारा लक्ष्य अर्थव्यवस्था को जल्द से जल्द पुनर्जीवित करना होगा. एक बार जब अर्थव्यवस्था रुक जाती है तो इसे फिर से शुरू करना काफी मुश्किल हो जाता है. 

ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक, उन्होंने कहा, अर्थव्यवस्था में कई समस्याएं हैं. बैंकिंग क्षेत्र, मुद्रास्फीति और कई अन्य जटिलताओं के मुद्दे हैं. हमें सभी मोर्चों पर काम करने की आवश्यकता होगी.

शुक्रवार को बांग्लादेश बैंक के गवर्नर अब्दुर रउफ तालुकदार ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया. इससे पहले बांग्लादेश के मुख्य न्यायाधीश ओबैदुल हसन ने भी अपना इस्तीफा दे दिया. बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद देशभर में हिंसा भड़क गई और अलग-अलग घटनाओं में 230 से ज्यादा लोग मारे गए. जुलाई के मध्य पहली बार कोटा को लेकर विरोधी प्रदर्शन शुरू हुआ था. तब से मरने वालों की संख्या 560 हो गई है.

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