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भारत में पतंग उड़ाने वाले इजराइली PM नेतन्याहू की क्या जाएगी कुर्सी?

इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इस तरह भारत की मेहमाननवाजी का लुत्फ ले रहे हैं, लेकिन उनके अपने ही देश में नेतन्याहू के खिलाफ माहौल बन रहा है और लोग इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बेंजामिन नेतन्याहू भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बेंजामिन नेतन्याहू
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 1:35 PM IST

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू उस दौर में भारत के 6 दिवसीय दौरे पर हैं जब उनके अपने ही देश में प्रधानमंत्री पद छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा है.

कहा जा रहा है कि नेतन्याहू अपने देश में काफी मुश्किलों में घिरे हुए हैं, और वह भारत में अपने लंबे दौरे में कुछ बड़ा हासिल कर स्वदेश लौटना चाहते हैं, ताकि उनके खिलाफ बने माहौल में कुछ नरमी आए और इस्तीफे तथा अन्य तरह के विवादों से मुक्ति मिल जाए.

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बेटे के कारण मिली शर्मिंदगी

भारत के दौरे पर रवाना होने से पहले एक ऑडियो टेप सामने आया जिसमें नेतन्याहू को 26 साल के अपने बेटे याइर नेतन्याहू के कारण शर्मसार होना पड़ा. कुछ दिन पहले आए इस टेप में याइर एक बड़े बिजनेसमैन के बेटे से अय्याशी करने के लिए पैसा उधार मांगते सुनाई दिए. साथ ही वह इसमें एक खुलासा करते सुने जा रहे हैं कि उनके प्रधानमंत्री पिता ने दोस्त के पिता के लिए एक बड़ा सौदा (20 अरब डॉलर) करवाया है. यह टेप 2015 का बताया जा रहा है.

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टेप के आने के बाद इजराइल में राजनीति शुरू हो गई. वहां के विपक्षी नेता नेतन्याहू से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. बढ़ते विवाद के कारण खुद नेतन्याहू को बेटे की हरकत पर माफी मांगते हुए अपनी सफाई देनी पड़ी. उनके ऑफिस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि नेतन्याहू का उस बिजनेसमैन कोबी मैमोन से कोई संबंध नहीं है और उनके बेटे के संबंधों के बारे में उन्हें नहीं पता.

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अमेरिकी वेबसाइट न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने एक लेख में दावा किया कि जिस दिन नेतन्याहू के बेटे का ऑडियो टेप सामने आया, उसी रात इजराइली सेना ने सीरियाई सैन्य ठीकानों पर हवाई हमले किए. न्यूयॉर्क टाइम्स का दावा है कि ऐसे हमले में प्रधानमंत्री की सहमति होती है. हो सकता है कि यह हमला प्रधानमंत्री के बेटे के टेप सार्वजनिक होने से बढ़ते विवाद को थामने के लिए किया गया हो.

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बिजी नेता, लेकिन दौरा 6 दिन का

दो विशेषज्ञों के इजराइल डेमोक्रेसी इंस्टीट्यूट के लिए किए गए अपने शोध के हवाले से न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखता है इजराइल के प्रधानमंत्री दुनिया के सबसे व्यस्त नेताओं में से एक हैं. इतनी व्यसस्ता के बावजूद इजरायली प्रधानमंत्री भारत के छह दिवसीय दौरे पर बाहर गए हुए हैं. यह थोड़ा समझ से परे हैं.

दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नेतन्याहू भी उन अन्य इजराइली प्रधानमंत्री की तरह है जिन भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. खुद नेतन्याहू पर पहले से ही भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं.

स्थानीय मीडिया कि रिपोर्ट के अनुसार, नेतन्याहू पर अवैध रूप से गिफ्ट लेने के आरोप लगे हैं. साथ ही एक अखबार से अपने पक्ष में कवरेज करने को लेकर सौदा करवाने का आरोप लगा हुआ है. उन पर लगा एक और भ्रष्टाचार युद्धपोत खरीद से जुड़ा है, जिसमें जर्मनी से युद्धपोत खरीद के मामले में उनके करीबी सहयोगी भी संदिग्ध भूमिका मानी जा रही है. हालांकि इजराइली कानून के अनुसार, जब तक आरोपी कोर्ट में दोषी नहीं साबित हो जाता तब तक उसे गुनाहगार नहीं माना जा सकता. इस आधार पर आरोप लगने के कारण इस्तीफा देना जरूरी नहीं है प्रधानमंत्री के लिए.

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पत्नी सारा पर भी आरोप

इजराइल में भ्रष्टाचार के आरोप का सामना करने वाले नेतन्याहू पहले प्रधानमंत्री नहीं हैं. कई और प्रधानमंत्रियों पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे और मामले में जांच भी हुई. पूर्व प्रधानमंत्री एहुद ओलमर्ट को भ्रष्टाचार के मामले में ही इस्तीफा देना पड़ा बाद में उन्हें जेल भी हुई. एक और पूर्व पीएम एरियल शेरॉन की मौत भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के दौरान ही हो गई थी.

हालांकि लिकुद पार्टी के नेता नेतन्याहू के साथ दिक्कत यह है कि अपने करीबी परिजनों पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे या फिर विवादों में घिरे हैं. बेटा याइर तो अभी विवादों में आए हैं लेकिन उनकी पत्नी सारा नेतन्याहू का विवादों से पुराना नाता रहा है. सारा पर सरकारी खजाने के दुरुपयोग का आरोप है.

दो दिन में नेतन्याहू का भारत दौरा खत्म हो जाएगा. जब वह स्वदेश लौटते हैं तो देखना होगा कि उनके देश में उनकी राजनीति का क्या भविष्य होता है. उन्हें पद छोड़ना पड़ेगा या फिर कोर्ट में अपनी बेगुनाही का केस लड़ेंगे.

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