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चीन को लेकर भूटान के इस कदम ने बढ़ाई भारत की टेंशन

भूटान ने एक हफ्ते पहले चीन के साथ एक बैठक की जिसमें सीमा विवाद को हल करने के लिए वार्ता को शुरू करने पर सहमति बनी है. इस खबर के सामने आने के बाद भारत के विदेश सचिव दो दिन की भूटान यात्रा पर गए जहां उन्होंने दोनों देशों के बीच पार्टनरशिप को बढ़ाने पर जोर दिया है.

विदेश सचिव का दो दिवसीय भूटान दौरा शुक्रवार को खत्म हुआ (Photo- Sudhakar Dalela/Twitter) विदेश सचिव का दो दिवसीय भूटान दौरा शुक्रवार को खत्म हुआ (Photo- Sudhakar Dalela/Twitter)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 8:00 PM IST

भूटान भारत के लिए बेहद अहम देश है. कहा जाता है कि दक्षिण एशिया में भूटान और भारत का जैसा संबंध है, वैसा किसी के साथ नहीं है. भूटान का चीन के साथ अब तक राजनयिक संबंध नहीं है. लेकिन चीन भूटान को भी अपने प्रभाव में लेने की कोशिश लगातार कर रहा है. ऐसे में भारत भूटान के मामले में काफी सतर्क और संवेदनशील रहता है. 

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पिछले हफ्ते भारत के विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने भूटान का दौरा किया. इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर बात हुई. उनकी यह यात्रा चर्चा में इसलिए है क्योंकि ठीक एक हफ्ते पहले चीन और भूटान ने एक बैठक में अपनी सीमा वार्ता को आगे बढ़ाने का फैसला किया था. जाहिर है कि चीन और भूटान के बीच सीमा वार्ता को लेकर भारत भी चौकन्ना हो गया है.

भूटान और चीन के बीच की सीमा वार्ता को लेकर भारत सतर्क

डोकलाम  के पास भारत, चीन, भूटान तीनों देशों की सीमाएं मिलती हैं. उस ट्राई-जंक्शन को लेकर देशों के बीच विवाद चलता आ रहा है. भूटान और चीन के बीच सीमा वार्ता में डोकलाम पर बातचीत शामिल है इसलिए भारत के लिए यह अहम है.

भूटान का यह क्षेत्र भारत के सिलीगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है, के पास है. चीन भूटान के इस क्षेत्र पर दावा करता है और इसे हथियाना चाहता है. बदले में वह भूटान को एक दूसरा विवादित क्षेत्र देने को तैयार है. लेकिन अगर भूटान चीन को ये हिस्सा दे देता है तो चीनी चिकन नेक के बेहद करीब आ जाएंगे. भारत के लिए यह बड़ा सिरदर्द बन जाएगा क्योंकि इससे भारत से पूर्वोत्तर राज्यों की कनेक्टिविटी के लिए खतरा पैदा हो जाएगी.

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भूटान और चीन 400 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा साझा करते हैं. इसमें कई इलाकों को लेकर दोनों के बीच विवाद चलता आ रहा है. सीमा विवाद सुलझाने के लिए दोनों देश 1984 से बीसियों दौर की वार्ता कर चुके हैं.

डोकलाम तीनों देशों के लिए अहम

2017 में भारत-चीन के सैनिकों के बीच डोकलाम इलाके में ही करीब दो महीनों तक गतिरोध का माहौल था. चीन ने डोकलाम के विवादित इलाके में सड़क निर्माण का काम शुरू कर दिया था जिसे भारतीय सेना ने रोक दिया. इसके बाद दो महीनों तक दोनों सेनाओं के बीच तनाव चरम पर रहा. हालांकि, अगस्त 2017 में गतिरोध को खत्म कर दिया गया.

चीन भूटान पर दबाव बनाने की कोशिश करता रहता है. कुछ साल पहले उसने भूटान के सकतेंग अभयारण्य पर अपना दावा कर दिया था. इस अभ्यारण्य की सीमा भारत के अरुणाचल प्रदेश से मिलती है जो चीन के संदर्भ में बेहद अहम है. चीन अरुणाचल प्रदेश के कई हिस्सों पर अपना दावा करता है. हाल ही में, 9 दिसंबर को, अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच एक झड़प हुई थी. सकतेंग अभयारण्य तवांग जिले की सीमा में है. 

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