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भूटान के पहले 'डिजिटल नागरिक' बने क्राउन प्रिंस जिग्मे वांगचुक... जानें क्या होता है ये

भूटान के क्राउन प्रिंस जिग्मे नामग्याल वांगचुक देश के पहले 'डिजिटल नागरिक' बन गए हैं. उनकी उम्र 7 साल है. डिजिटल नागरिक यानी उनके बारे में सारी जानकारी डिजिटली स्टोर की जा चुकी है. अब वो सिर्फ बायोमेट्रिक के जरिए अपने स्वास्थ्य, शिक्षा समेत कई सारे रिकॉर्ड देख सकते हैं.

भूटान के क्राउन प्रिंस जिग्मे नामग्याल वांगचुक. (फाइल फोटो-ANI) भूटान के क्राउन प्रिंस जिग्मे नामग्याल वांगचुक. (फाइल फोटो-ANI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 1:01 PM IST

भूटान के प्रिंस जिग्मे नामग्याल वांगचुक (Jigme Namgyel Wangchuck) देश के पहले 'डिजिटल नागरिक' बन गए हैं. भूटान ने इसकी जानकारी दी है. जिग्मे नामग्याल वांगचुक अभी महज 7 साल के हैं और वो देश के पहले डिजिटल नागरिक हैं.

जिग्मे नामग्याल भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और रानी जेट्सन पेमा के उत्तराधिकारी और सबसे बड़े बेटे हैं. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, जिग्ने नेशनल डिजिटल आइडेंटिटी (NDI) मोबाइल वॉलेट पाने वाले पहले नागरिक हैं.

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भूटान ने 2021 में नेशनल डिटिजल आइडेंटिटी प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी. इसके तहत 8 साल से ऊपर के सभी लोगों का डेटा लिया जा रहा है. इस डेटा को बायोमेट्रिक के जरिए एक्सेस किया जा सकता है. ये एक तरह से भारत के आधार कार्ड जैसा ही है.

GovTech भूटान के कार्यकारी सचिव जिग्मे तेनजिंग ने स्थानीय मीडिया को बताया कि सेल्फ सॉवरेन आइडेंटिटी मॉडल के आधार पर भूटान की नेशनल डिजिटल आइडेंटिटी की शुरुआत सार्वजनिक और निजी, दोनों क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करने के तरीके को बदलने की दिशा में बड़ा कदम है.

क्या है नेशनल डिजिटल आइडेंटिटी?

ये भूटान का नेशनल डिजिटल आइडेंटिटी सिस्टम है. इससे नागरिकों को सिंगल डिजिटल पोर्टल मिलेगा, जहां अलग-अलग जानकारियों को स्टोर करके रखा जा सकता है.

ये तकनीक 'सेल्फ सॉवरेन आइडेंटिटी' मॉडल पर काम करती है, जो नागरिकों को इस बात पर ज्यादा कंट्रोल देता है कि वो अपनी जानकारी किसके साथ और किस हद तक साझा करना चाहते हैं.

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एनडीआई वॉलेट में नागरिकों का बायोमेट्रिक डेटा होगा. इसके अलावा इसमें स्वास्थ्य रिकॉर्ड, टैक्स फाइलिंग, बैंक डॉक्यूमेंट, एजुकेशन रिकॉर्ड जैसी तमाम जानकारियां भी स्टोर होंगी.

क्या फायदा होगा इससे?

इसका सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि नागरिकों को सरकारी सेवाओं और सुविधाओं का लाभ लेने के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. 

भूटान सरकार ने अक्टूबर 2021 में इस प्रोग्राम की शुरुआत की थी, लेकिन कोविड के कारण इसमें देरी आई. इसके तहत 8 साल और उससे ज्यादा उम्र के सभी नागरिकों का डेटा रखा जा रहा है.

बायोमेट्रिक डेटा में फेस रिकग्निशन, फिंगरप्रिंट और पामप्रिंट लिया जा रहा है. बायोमेट्रिक डेटा लेने के बाद सभी को एक यूनिक डिजिटल आइडेंटिटी दी जाती है. बायोमेट्रिक की मदद से लोग सरकारी सेवाओं का लाभ ऑनलाइन ही ले सकते हैं.

कौन हैं पहले डिजिटल नागरिक जिग्मे नामग्याल वांगचुक?

जिग्मे नामग्याल वांगचुक भूटान के प्रिंस हैं. 2017 में भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और रानी जेट्सन पेमा भारत दौरे पर आए थे. इस दौरान प्रिंस भी उनके साथ थे. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात भी की थी.

जिग्मे नामग्याल वांगचुक का जन्म 5 फरवरी 2016 को हुआ था. जन्म के साथ ही उन्हें क्राउन प्रिंस की उपाधि मिल गई थी. उनके जन्मदिन पर भूटान में 1 लाख 8 हजार पेड़ लगाए गए थे. 

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सबसे कम उम्र में क्राउन प्रिंस बनने वाले वो पहले शख्स हैं. जिग्मे भूटान के छठवें राजा होंगे. उनका एक छोटा भाई भी है, जिसका नाम जिग्मे उग्येन वांगचुक है. 

 

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