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भूटान नरेश ने 1000 दीपक जलाकर सुषमा स्वराज को दी श्रद्धांजलि

देशभर में सुषमा स्वराज की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थनाएं की जा रही हैं. हमारा पड़ोसी देश और पुराना साथी भूटान भी उनके न रहने से दुखी है. भारत की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की स्मृति में भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने आज भूटान के एक मठ में विशेष प्रार्थना की और घी के एक हजार दीये जलाएं.

सुषमा स्वराज (फाइल फोटो) सुषमा स्वराज (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 9:10 PM IST

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के आकस्मिक निधन से पूरे भारत में शोक है. देशभर में उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थनाएं की जा रही हैं. लेकिन सुषमा को सिर्फ हमारे देश में ही याद नहीं किया जा रहा. हमारा पड़ोसी देश और पुराना साथी भूटान भी उनके न रहने से काफी दुखी है.

भारत की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की स्मृति में भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने आज भूटान के एक मठ में विशेष प्रार्थना की और घी के एक हजार दीये जलाए.

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भूटान, सुषमा स्वराज को अपना एक बेहतरीन दोस्त मानता रहा है. अब उनके अचानक चले जाने से भूटान ने एक अच्छा दोस्त खो दिया है. इसलिए वो उन्हें हर तरह से सम्मान देना चाहता है. यही वजह रही कि भूटान नरेश के आदेश पर गुरुवार को सिम्टोखा जोंग में दिवंगत आत्मा के लिए विशेष प्रार्थना की गई. इतना ही नहीं भूटान ने सुषमा स्वराज के परिवार के साथ साथ भारत सरकार को भी एक शोक संदेश भेजा. शोक संदेश में प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने कहा, "सुषमा स्वराज का निधन न केवल भारतीय जनता पार्टी के लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए बहुत बड़ी क्षति है." उन्होंने आगे कहा, "वह भूटान की बहुत अच्छी दोस्त थीं, जिन्होंने भूटान-भारत संबंधों को बढ़ाने में अथक प्रयास किया."

साल 2014 से 2019 तक भारत की विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज ने भूटान से मिलकर काम किया. इस दौरान उन्होंने भूटान की दोस्त बनकर कार्य किए और दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करने के लिए काफी योगदान दिया.

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आपको बता दें कि बीते मंगलवार को दिल्ली के एम्स अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से सुषमा स्वराज का निधन हो गया था. उनके निधन पर सभी देशों के राजनयिकों ने शोक व्यक्त किया.

विदेश मंत्री रहते हुए सुषमा स्वराज ने डिप्लोमैटिक कम्युनिटी में अपनी अलग पहचान बनायी. जिससे भारत के हितों को कूटनीतिक तौर पर काफी मजबूती मिली हैं. उन्हें देश के सबसे बेहतरीन विदेश मंत्री के तौर याद किया जाएगा. सरल सहज स्वभाव की सषमा, लोगों को लिए हमेशा उपलब्ध रहती थीं. सोशल मीडिया के जरीए भी उनसे मदद मांगने पर वह तुरंत उसपर कार्रवाई कर उनको मुसीबत से निकालती रहीं.

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