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Russia Ukraine Conflict: अमेरिकी प्रेसिडेंट Biden ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से बात की, मदद का भरोसा दिलाया

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि रूस को लेकर अमेरिका ने जो अलर्ट जारी किया था, उसमें फिलहाल कोई बदलाव नहीं है. अमेरिका ने आशंका जताई थी कि रूस कभी भी यूक्रेन पर हमला कर सकता है.

जो बाइडेन-व्लोदिमीर जेलेंस्की (File Photo) जो बाइडेन-व्लोदिमीर जेलेंस्की (File Photo)
aajtak.in
  • वॉशिंगटन,
  • 28 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 4:02 PM IST
  • अपने सहयोगियों के साथ खड़ा है अमेरिका: बाइडेन
  • यूक्रेन और रूस के बीच गुरुवार को बैठक हुई थी

रूस और यूक्रेन के बीच पिछले कई दिनों से जारी तनाव के बीच नया डेवलपमेंट सामने आया है. अमेरिकी राष्ट्रपति Joe Biden ने यूक्रेन के राष्ट्रपति Volodymyr Zelensky से फोन पर बात की है. इस बातचीत के दौरान Biden ने Zelensky को मदद का भरोसा दिलाया है. व्हाइट हाउस की तरफ से जारी किए गए बयान के मुताबिक चर्चा के दौरान बाइडेन ने कहा कि अमेरिका यूक्रेन की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. रूस को यूक्रेन पर हमला करने से रोकने के लिए अमेरिका वैश्विक दबाव बनाएगा.

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बाइडेन ने आगे कहा कि अमेरिका हमेशा अपने सहयोगियों के साथ खड़ा रहा है. दोनों नेताओं के बीच यूरोप में चल रहे घटनाक्रम पर विस्तार से चर्चा हुई. बातचीत के दौरान नॉरमैंडी फॉर्मेट का जिक्र करते हुए बाइडेन ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि इस फॉर्मेट के जरिए रूस और यूक्रेन आपस में बातचीत करेंगे और विवाद हल कर लिया जाएगा. बाइडेन ने यूक्रेन और रूस के बीच गुरुवार को हुई बैठक का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि बैठक के बाद उम्मीद बढ़ी है कि दोनों देश 2020 में हुए minsk agreements की तरफ आगे बढ़ेंगे.

रूस को लेकर दिए गए बयान पर कायम अमेरिका

दोनों नेताओं की बातचीत के बाद व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने प्रेस ब्रीफिंग की. उन्होंने बताया कि रूस को लेकर अमेरिका ने जो अलर्ट जारी किया था, उसमें फिलहाल कोई बदलाव नहीं आया है. अमेरिका ने आशंका जताई थी कि रूस कभी भी यूक्रेन पर हमला कर सकता है. इसका कारण यूक्रेन की सीमा पर रूस का सेना इकट्ठा करना और हथियार जमा करना है.

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रूस को टेबल पर बैठकर बातचीत करनी चाहिए- अमेरिका

एक दिन पहले भी इस मुद्दे पर अमेरिका का बयान सामने आया था. अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारी ने कहा था कि यूरोप-अटलांटिक क्षेत्र में चल रहे तनाव से सुरक्षा क्षेत्र में कई नए अवसर की शुरुआत हुई है. अमेरिका ने कहा था कि हम और नाटो के सहयोगी इस घटनाक्रम को लेकर चिंतित हैं. हमें यूक्रेन के आसपास हथियारों और सैन्य गतिविधियों की चिंता है. इसमें यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र के साथ ही रूसी कब्जे वाला क्रीमिया भी शामिल है. अमेरिका ने यह भी कहा था कि रूस को इस बात पर विचार करना चाहिए कि हमने उन्हें क्या पेशकश की है. रूस को बातचीत की मेज पर वापस आना चाहिए.

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