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'बुलाने के बावजूद नहीं गए', सऊदी-तुर्की के रुख से गदगद हुआ पाकिस्तान, भेजा ये पैगाम

बिलावल भुट्टो ने जी-20 कश्मीर बैठक में शामिल न होने वाले देशों का आभार जताया है. उन्होंने सऊदी, तुर्की और चीन की तारीफ करते हुए कहा है कि इससे पता चलता है कि भारत का मकसद पूरा नहीं हुआ है. बिलावल ने कहा कि ये देश कश्मीर के लोगों के साथ एकजुटता दिखाते हुए बैठक में शामिल नहीं हुए.

बिलावल भुट्टो ने जी-20 में हिस्सा न लेने वाले देशों के प्रति आभार जताया है (Photo- AP) बिलावल भुट्टो ने जी-20 में हिस्सा न लेने वाले देशों के प्रति आभार जताया है (Photo- AP)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 मई 2023,
  • अपडेटेड 12:13 PM IST

कश्मीर के श्रीनगर में सोमवार से चल रही तीन दिवसीय जी-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक में 17 सदस्य देश हिस्सा ले रहे हैं. हालांकि, जी-20 के तीन सदस्य देश सऊदी, तुर्की और चीन के बैठक में शामिल ना होने को लेकर पाकिस्तान खुशी से फूला नहीं समा रहा है. 

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने बैठक में शामिल न होने को लेकर इन देशों का आभार जताया है. पीओके, बाग में एक जनसभा को संबोधित करते हुए बिलावल ने यह भी कहा कि जिन देशों ने बैठक में भाग लिया, उनकी भागीदारी का स्तर भी निम्न था जो दिखाता है कि भारत अपने मकसद में नाकामयाब रहा.

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बिलावल भुट्टो ने कहा, 'मैं उन तमाम देशों का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान करते हुए, बुलावा मिलने के बावजूद, यह फैसला किया कि वो टूरिज्म की बैठक में नहीं जाएंगे. जब मैं एससीओ ((शंघाई सहयोग संगठन) की बैठके के लिए भारत गया था तब मैंने बस इतना ही कहा था कि जितनी उम्मीद रखी जा रही है कि इतने लोग आएंगे, उतने तो नहीं आएंगे.'

बिलावल ने आगे कहा, 'आज मैं शुक्रिया कहना चाहता हूं बल्कि सुर्ख सलाम पेश करना चाह रहा हूं...सुर्ख सलाम हमारे चीनी बहन-भाइयों को, सुर्ख सलाम सऊदी अरब को, सुर्ख सलाम तुर्की को और सुर्ख सलाम उन तमाम देशों को जिन्होंने अपने कश्मीरी बहन-भाइयों के साथ एकजुटता दिखाते हुए मेजबान के दावत को इनकार कर दिया... जी-20 के बुलावे को इनकार कर दिया और वहां नहीं पहुंचे. एक चीज तो साबित हो गई है...आप दुनिया का एक अखबार उठाकर दिखा दें जहां उनका मकसद पूरा हुआ हो.'

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बिलावल ने कश्मीर पर अपना पुराना प्रोपेगैंडा दोहराते हुए कहा, 'भारत कश्मीर बैठक के जरिए यह दिखाना चाहता था कि कश्मीर में हालात सामान्य हो चुके हैं लेकिन दुनिया जानती है कि अगर आपके कॉन्फ्रेंस में बुलाए गए देश ही शामिल नहीं हो रहे हैं तो कुछ सामान्य नहीं रहा न. आप कहते हो हालात सामान्य है लेकिन इतने सारे फौजी को खड़ा करके आप कोई और पैगाम दे रहे हो. भारत का असल चेहरा दुनिया में बेनकाब होता जा रहा है.'

मोदी को लेकर क्या बोले बिलावल?

बिलावल ने आरोप लगाया कि मोदी की सरकार भारत में मुसलमानों, इसाइयों सहित सभी अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करती है.

बिलावल ने कहा, 'जब हम कश्मीरियों के हक की बात करते हैं तब वो कहते हैं कि आप आतंकवादियों का साथ दे रहे हो. वो हमें कैसे आतंकवादी कह सकते हैं? हम तो खुद आतंकवाद का शिकार रहे हैं. भारत सरकार सभी मुसलमानों को आतंकवादी समझती है तो वो हमारा मसला नहीं है, उनका मसला है.'

2002 दंगों के संदर्भ में पीएम मोदी को लेकर दिए अपने एक विवादित बयान का जिक्र करते हुए उन्होंने जोर देकर कहा, 'जब मैं कातिल को कातिल करार देता हूं..जब मैं कसाई को कसाई करार देता हूं, तो वो मुझे आतंकवादी करार देंगे और फिर रोना शुरू कर देंगे.'

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उन्होंने आगे कहा कि इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने उनके ऊपर इनाम घोषित कर दिया था. बिलावल ने सवाल किया कि  ये काम राजनीतिक पार्टियों का कैसे कहा जा सकता है. 

बिलावल ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा कश्मीरियों के साथ खड़ा रहेगा और उनके आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन करता रहेगा.

बिलावल की जी-20 पर टिप्पणियों का भारत ने दिया करारा जवाब

कश्मीर में जी-20 की बैठक पर बिलावल की आपत्तियों का कड़ा जवाब देते हुए केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि वो पहले अपने घरेलू मसलों पर ध्यान दें.

मंत्री ने कहा, 'जी-20 की मीटिंग पाकिस्तान को हमारा जवाब है, ये उन सभी लोगों को हमारा जवाब है जो भारत की आलोचना कर रहे हैं और भारत में चल रहे जी-20 की बैठक को कम आंक रहे हैं. हम अपने सभी राज्यों में जी-20 की मीटिंग बुला रहे हैं, पाकिस्तान की बात ही हमें नहीं करनी चाहिए. उन्हें तो पहले अपने घरेलू मामलों पर ध्यान देना चाहिए.'

उन्होंने आगे कहा, 'वे अपने लोगों को खाना तक तो दे नहीं पा रहे और अपने लोगों को उनके मौलिक अधिकार से भी वंचित कर रहे हैं. जम्मू-कश्मीर भारत की आजादी से ही भारत का अभिन्न अंग है और अब वो इसे विवादित क्षेत्र बता रहे हैं. यह हमारी जमीन है, हमें यहां इवेंट्स बुलाने का अधिकार है.'

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'अपने लोगों के लिए पहले रोटी का इंतजाम करे पाकिस्तान'

जी-20 बैठक को असफल दिखाने की पाकिस्तान की कोशिशों पर तीखा हमला करते हुए जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने वर्किंग ग्रुप की एक मीटिंग में मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान पहले अपने लोगों के लिए रोटी जुटाए.

उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि हमारे पड़ोसी देश को पहले अपने लोगों के लिए खाने-पीने और मूलभूत जरूरतों का इंतजाम करना चाहिए. हम काफी आगे बढ़ चुके हैं. जी-20 हमारे लिए गर्व का विषय है.'

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद काफी विकास हुआ है और अब यह क्षेत्र पत्थरबाजों का नहीं बल्कि शांति चाहने वाले का क्षेत्र है. 

'कश्मीर के लोग अब आगे बढ़ चुके हैं'

सोमवार को केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी कहा था कि कश्मीर में अब विरोध-प्रदर्शन के आह्वान पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है क्योंकि आम आदमी को यह एहसास हो गया है कि निहित स्वार्थों और धार्मिक टिप्पणी करने वालों की बातें झूठी हैं.

केंद्रीय मंत्री ने कहा 'पहले अगर इस तरह का आयोजन कश्मीर में किया जाता या दिल्ली से कोई आता, तो इस्लामाबाद से हड़ताल का आह्वान होता और यहां श्रीनगर रेजीडेंसी रोड पर दुकानें बंद हो जातीं. लेकिन आज कोई भी हड़ताल के बुलावे पर ध्यान नहीं देता, दुकानें खुली हैं...आम आदमी आगे बढ़ चुका है और आगे बढ़ना चाहता है...यह जमीनी बदलाव को दिखाता है.'

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उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आम आदमी ने अपनी दो पीढ़ियों को 'पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद' की वेदी पर बलिदान होते देखा है.

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