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नियम तोड़कर दिया गया इस बार का बुकर पुरस्कार, चूके सलमान रुश्दी

बुकर प्राइज के विजेताओं की घोषणा हो गई है. बुकर पुरस्कार बांटने वाली निर्णायक मंडली ने सालों पुराने नियम को तोड़ते हुए इस बार संयुक्त रूप से दो महिला लेखिकाओं को संयुक्त विजेता घोषित किया है. पुरस्कार की दौड़ में ब्रिटिश-भारतीय उपान्यासकार सलमान रुश्दी भी थे, लेकिन वे अवॉर्ड जीतने से चूक गए.

बुकर पुरस्कार विजेता मार्गरेट एटवुड और बर्नार्डिन एवरिस्टो (फोटो-twitter/MargaretAtwood) बुकर पुरस्कार विजेता मार्गरेट एटवुड और बर्नार्डिन एवरिस्टो (फोटो-twitter/MargaretAtwood)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 12:22 PM IST

  • बुकर पुरस्कार विजेताओं की घोषणा
  • पुरस्कार जीतने से चूके रुश्दी
  • पहली अश्वेत महिला को मिला पुरस्कार
बुकर प्राइज के विजेताओं की घोषणा हो गई है. बुकर पुरस्कार बांटने वाली निर्णायक मंडली ने सालों पुराने नियम को तोड़ते हुए इस बार संयुक्त रूप से दो महिला लेखिकाओं को संयुक्त विजेता घोषित किया है. पुरस्कार की दौड़ में ब्रिटिश-भारतीय उपान्यासकार सलमान रुश्दी भी थे, लेकिन वे अवॉर्ड जीतने से चूक गए.

इस बार का बुकर पुरस्कार मार्गरेट एटवुड और बर्नार्डिन एवरिस्टो को संयुक्त रूप से दिया गया. ये पुरस्कार एटवुड को उनकी कृति  ‘द टेस्टामेंट' और एवरिस्टो की रचना ‘गर्ल, वुमैन, अदर' के लि दी गई है. सलमान रुश्दी की कृति 'क्विचोटे' भी पुरस्कार की दौड़ में थी.

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नियमों को बदला गया

बता दें कि बुकर नियमों के मुताबिक इस पुरस्कार को दो लेखकों के बीच बांटा नहीं जा सकता है, लेकिन इस बार निर्णायक मंडल ने कहा कि  वे एटवुड के ‘द टेस्टामेंट' और एवरिस्टो के ‘गर्ल, वुमैन, अदर' में से किसी एक को नहीं चुन सकते. इन पुरस्कारों की शुरुआत 1969 में की गई थी. इससे पहले 1992 में दो लोगों को संयुक्त रूप से यह पुरस्कार दिया गया था. इसके बाद नियमों में बदलाव कर दिया गया था.

दोनों लेखिकाएं योग्य

पांच सदस्यों के निर्णायक मंडल के अध्यक्ष पीटर फ्लोरेंस ने कहा कि ‘हमारा फैसला है कि नियमों को तोड़ा जाएगा.' निर्णायक मंडल ने राय दी कि वे चाहते हैं कि दोनों लेखिकाएं यहां गिल्डहॉल में एक बड़े कार्यक्रम में 50000 पाउंड की राशि आपस में बांटें. फ्लोरेंस ने कहा, ‘हमने जितनी ज्यादा उनके बारे में बात की, हमें उतना ज्यादा लगा कि हम दोनों को इतना पसंद करते हैं कि दोनों ही विजेता बनें.'

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पुरस्कार साझा कर खुशी

79 वर्षीय कनाडाई लेखिका एटवुड ने एवरिस्टो के साथ यह पुरस्कार साझा करने पर खुशी जताई. एवरिस्टो इस पुरस्कार को जीतने वाली पहली अश्वेत महिला हैं. लेखिका एटवुड ने अपनी भावनाएं जाहिर करते हुए कहा, "मुझे लगता है कि मैं काफी बुजुर्ग हो गई हूं और मुझे लोगों के इतने ध्यान की जरूरत नहीं है, इसलिए मुझे खुशी है कि आपको भी पुरस्कार मिला है.' उन्होंने कहा, ‘यदि मैं अकेले यह पुरस्कार जीतती...तो मुझे थोड़ा संकोच होता. इसलिए मैं खुश हूं कि आपको (एवरिस्टो) भी यह पुरस्कार मिला है.'  

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