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कनाडा में एक गुरुद्वारा प्रमुख की गोलियों से भूनकर दिनदहाड़े हत्या करने का मामला सामने आया है. घटना कनाडा के अलबर्टा प्रोविंस में हुई है. हमले में मरने वाले गुरुद्वारा प्रमुख का नाम बूटा सिंह गिल है. उनकी गिनती इलाके के बड़े बिल्डरों में भी होती थी.
जानकारी के मुताबिक वारदात के दौरान बूटा सिंह गिल अपनी एक कंस्ट्रक्शन साइट पर मौजूद थे. रेडियो इंडिया के प्रबंध निदेशक मनिंदर सिंह गिल ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया इस घटना में एक और शख्स सरबजीत सिंह को भी गोली लगी है, जो पेशे से सिविल इंजीनियर हैं. सरबजीत का फिलहाल इलाज चल रहा है और वह जीवन के लिए जंग लड़ रहे हैं.
वारदात के पीछे की वजह अब भी अनजान
गिल के मुताबिक वारदात के दौरान कंस्ट्रक्शन साइट पर बूटा सिंह गिल के साथ ही तीन शख्स मौजूद थे. बताया जा रहा है कि यहां भारतीय मूल के एक मजदूर ने कथित तौर पर अपनी जान लेने से पहले बूटा सिंह गिल और सरबजीत सिंह दोनों को गोली मार दी. हालांकि, घटना के पीछे की वजह अब तक स्पष्ट नहीं हुई है, पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है.
पुलिस को फोन पर दी लाश की सूचना
कनाडा पुलिस के मुताबिक उन्हें दोपहर के समय फोन पर सूचना मिली की कंस्ट्रक्सन साइट पर दो लोगों की लाश पड़ी हुई है. सूचना मिलने पर जब पुलिस की टीम मौके पर पहुंची तो उन्हें वहां दो लाशें मिलीं, जबकि एक शख्स गंभीर रूप से घायल अवस्था में मिला.
गिल ने की थी धमकियां मिलने की शिकायत
जानकारी के मुताबिक गिल को पहले भी 2-3 बार जबरन वसूली के कॉल और धमकियां मिल चुकी थी. उन्होंने इसकी शिकायत भी पुलिस के पास दर्ज कराई थी. अब तक की जांच में पता चला है कि इलाके के अन्य बिल्डरों को धमकियां मिलने और नवनिर्मित घरों में आग लगाने की घटनाएं होने की बात सामने आई है.
जबरन वसूली के लिए काम कर रही गैंग
इससे पहले इस साल जनवरी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एडमॉन्टन पुलिस ने कहा था कि एडमॉन्टन के दक्षिण एशियाई समुदाय में घर बनाने वालों को निशाना बनाकर जबरन वसूली की एक सीरीज चलाई जा रही है, जिसके पीछे भारत का एक आपराधिक नेटवर्क है. कनाडा स्थित सीबीसी न्यूज ने रिपोर्ट दी थी कि 27 घटनाएं हुईं, जिसमें पांच जबरन वसूली, 15 आगजनी और सात दूसरे अपराधों से जुड़ी थीं. इसके तार भारत में एक आपराधिक गिरोह से जुड़े थे. गिरोह व्हाट्सएप कॉल के जरिए संचालित होता है.