
दफ्तर में महिला कर्मचारी को बार-बार 'Good Girl' कहना और बिना उसकी मर्जी के क्लोज आने की कोशिश करना एक बॉस को भारी पड़ गया. महिला ने बॉस के खिलाफ कोर्ट केस कर दिया. ब्रिटिश कोर्ट ने महिला के केस को स्वीकार करते हुए बॉस के इस कृत्य को यौन उत्पीड़न माना है.
'द मिरर यूके' की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन की 39 वर्षीय इस शिकायतकर्ता महिला का नाम फ्रांसिस फ्रिकर (Frances Fricker) है, जो एक बिजनेस कंसल्टेंसी फर्म Gartner में काम करती थीं. 297 अरब रुपये वैल्यू की ये फर्म जानी-मानी कंपनी है. फ्रिकर ने इसी कंपनी के बॉस ग्यूसेप अजरोल्डी (Giuseppe Ajroldi) पर मुकदमा दायर किया.
महिला की शिकायत और कोर्ट का रिएक्शन
दरअसल, फ्रिकर ने बॉस की शिकायत तब की जब वो बार-बार मना करने के बावजूद उसे 'Good Girl' कहकर संबोधित करने से बाज नहीं रहा था. बॉस उसके वजन का भी मजाक उड़ाता था. इतना ही नहीं एक बार तो उसने बिजनेस ट्रिप पर फ्रिकर को किस करने की भी कोशिश की थी. बॉस ग्यूसेप अजरोल्डी महिला कर्मचारी फ्रिकर की मर्जी के खिलाफ उसके क्लोज आने के बहाने ढूंढता रहता था. मना करने पर भी वह हंसकर बात को टाल देता था.
हालांकि, कुछ समय बाद ग्यूसेप ने इस्तीफा दे दिया लेकिन उनकी जगह आए नए बॉस ने महिला कर्मचारी संग वैसा ही बर्ताव जारी रखा. ऐसे में 2019 में खुद फ्रिकर ने तंग आकर कंपनी छोड़ दी. बॉस की हरकतों से परेशान होकर फ्रिकर ने कंपनी और बॉस के खिलाफ कोर्ट केस कर दिया.
गौरतलब है कि पहले फ्रिकर ने इस बारे में कंपनी के इंटरनल फोरम पर आवाज उठाई थी, लेकिन जब कुछ ठोस कदम नहीं उठाए गए तो उन्होंने कोर्ट का रुख किया.
फिलहाल कोर्ट ने फ्रिकर का केस स्वीकार कर लिया है. ट्रिब्यूनल (कोर्ट) में सुनवाई के दौरान जज गैरी टोबिन ने कहा- 'हम पाते हैं कि फ्रिकर का यौन उत्पीड़न किया गया था और ऑफिस में उसके साथ कम अनुकूल व्यवहार किया गया था.' कोर्ट ने यह भी कहा कि अधेड़ उम्र की महिला को 'गुड गर्ल' कहना 'अपमानजनक' है, वो भी उसकी मर्जी के बगैर और बार-बार.
कोर्ट ने ऑफिस में महिला से ऐसे बर्ताव को यौन उत्पीड़न करार देते हुए कंपनी को कड़ी फटकार भी लगाई. इस केस में मुआवजा बाद में तय किया जाएगा.