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ब्राजील: लूला डी सिल्वा से चुनाव हारकर भी सत्ता छोड़ने को तैयार नहीं बोलसोनारो, क्या सेना देगी दखल?

ब्राजील में हुए राष्ट्रपति चुनाव में वामपंथी नेता लूला डी सिल्वा ने जाएर बोलसोनारो को हरा दिया. चुनाव में लूला को 50.9 फीसदी वोट मिले, जबकि बोलसोनारो को 48 फीसदी ही वोट मिले. लेकिन बोलसोनारो ने अब तक हार स्वीकार नहीं की है और ना ही लूला को बधाई दी है. उनके समर्थन में बड़ी तादाद में लोग सड़कों पर उतकर मामले में सैन्य हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं.

जाएर बोलसोनारो जाएर बोलसोनारो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:48 AM IST

ब्राजील राष्ट्रपति चुनाव में जाएर वोलसोनारो (Jair Bolsonaro) को वामपंथी नेता लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा (Luiz Inácio Lula da Silva) से हार का सामना करना पड़ा है. लेकिन बोलसोनारो अपनी हार स्वीकार करने के मूड में नहीं हैं. उन्होंने अभी तक ना तो अपनी हार स्वीकार की है और ना ही लूला डी सिल्वा को जीत की बधाई दी है. 

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बोलसोनारो ने चुनाव में अपनी हार और लूला की जीत के विरोध में विरोध का रास्ता अख्तियार किया है. कट्टर दक्षिणपंथी माने जाने वाले बोलसोनारो के समर्थक भारी संख्या में सड़कों पर उतर आए हैं. चुनाव के नतीजों से गुस्साए बोलसोनारो के समर्थकों ने देशभर में सड़कों को ब्लॉक करना शुरू कर दिया है. बीते तीन दिनों से ब्राजील में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, सड़कें ब्लॉक कर दी गई हैं, जिससे खाने और ईंधन सहित जरूरी सामानों की आवाजाही में दिक्कतें आ रही हैं.

ब्राजील की सड़कें बोलसोनारो के समर्थकों से पटी पड़ी हैं. ब्राजील की राजधानी साओ पाउलो और कई बड़े शहरों में उनके समर्थकों ने सड़कें ब्लॉक कर दी हैं. साओ पाउलो में मेन हाईवे पर कब्जा जमाए बोलसोनारो के समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल करना पड़ा. देश में दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे प्रदर्शन को देखते हुए अदालत ने सड़कें खाली कराने के लिए पुलिस को हरसंभव कदम उठाने को कहा है. 

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'ब्राजील को कम्युनिस्ट राष्ट्र नहीं बनने देंगे'

रिपोर्ट के मुताबिक, ब्राजील के 27 राज्यों में से 11 में सैन्य कार्यालयों के बाहर बोलसोनारो के समर्थक मोर्चा संभाले हुए हैं. बोलसोनारो के समर्थक देश के कई प्रमुख सैन्य प्रतिष्ठानों के बाहर जमे हुए हैं. पेशे से सेल्समैन 41 साल के रॉड्रिगो डा माटा का कहना है कि हमारी मांग है कि सेना इस मामले में दखल दे, ताकि हम हमारे देश को कम्युनिस्ट होने से बचा सकें. 

इन प्रदर्शनों की वजह से साओ पाउलो के मुख्य एयरपोर्ट से 48 फ्लाइट्स को रद्द करना पड़ा है. सड़कें ब्लॉक होने से कई शहरों में पेट्रोल, डीजल की भारी किल्लत बनी हुई है. 

बोलसोनारो ने कहा- सड़कों से हटें, विरोध का दूसरा रास्ता खोजें

बोलसोनारो ने अपनी हार से उग्र समर्थकों के सड़कों पर उतरने के बाद कहा, 'मैं जानता हूं कि आप नाराज हैं. मैं भी हूं. लेकिन हमें अपना सिर झुकाकर नहीं उठाकर चलना होगा. मैं आपसे अपील करता हूं कि सड़कों को ब्लॉक नहीं करें. सड़कें ब्लॉक करने से आवाजाही में दिक्कत हो रही है.'

हालांकि बोलसोनारो ने प्रदर्शनकारियों को शांत कराने के बजाए अन्य तरीकों से प्रदर्शन करने को कहा. उन्होंने अपने समर्थन में हो रही रैलियों का स्वागत किया. इन रैलियों में ब्राजील के झंडे दिखाए जा रहे हैं और लूला के विरोध में नारेबाजी हो रही है. बोलसोनारो के कई समर्थकों ने उन्हें सत्ता में वापस लाने के लिए सैन्य हस्तक्षेप की भी मांग की है. इसके लिए बकायदा उनके समर्थक सैन्य कार्यालयों के बाहर धरना दिए हुए हैं.

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चुनाव में धांधली के आरोप

बोलसोनारों के हजारों समर्थकों का आरोप है कि चुनाव में धांधली की गई है. उन्होंने इस मामले में सैन्य हस्तक्षेप के लिए रैलियां निकाली. इन रैलियों में बड़ी संख्या में लोग उमड़ रहे हैं. बोलसोनारे के एक ऐसे ही समर्थक ने कहा, 'मैं आज यहां इसलिए आया हूं क्योंकि मैं ब्राजील को आजाद कराना चाहता हूं. ब्राजील को समाजवाद से आजाद कराना चाहता हूं. ब्राजील में समाजवाद कारगर नहीं है.' 

एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, 'हम चाहते हैं कि इस मामले में संघीय हस्तक्षेप हो क्योंकि हम हमारी आजादी की मांग कर रहे हैं. हमें यह स्वीकार नहीं है कि एक चोर हम पर शासन करे.' 

बता दें कि ब्राजील में हुए राष्ट्रपति चुनाव में वामपंथी नेता लूला डी सिल्वा ने बेहद कड़े मुकाबले में जाएर बोलसोनारो को हरा दिया था. चुनाव में लूला को 50.9 फीसदी वोट मिले जबकि बोलसोनारो को 49.1 फीसदी ही वोट मिले. बोलसोनारो ने अब तक हार स्वीकार नहीं की है और ना ही लूला को बधाई दी है. उनके समर्थन में बड़ी तादाद में लोग सड़कों पर उतकर मामले में सैन्य हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं.

लूला तीसरी बार ब्राजील के राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं. वह इससे पहले 2003 और 2010 में देश के राष्ट्रपति बने थे.

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