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पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ब्रिक्स समूह का सदस्य बनना चाहता है. ब्रिक्स का सदस्य बनने के लिए पाकिस्तान ने आवेदन कर दिया है. कहा जा रहा है कि इस संगठन का सदस्य बनने के लिए पाकिस्तान अपने सदाबहार दोस्त चीन की मदद से रूस से समर्थन मांग सकता है.
रूस में पाकिस्तान के राजदूत मुहम्मद खालिद जमाली ने कहा कि पाकिस्तान ने 2024 में ब्रिक्स देशों के समूह में शामिल होने के लिए आवेदन दिया है और वह यह सदस्यता पाने के लिए रूस का समर्थन चाहता है.
जमाली ने कहा कि पाकिस्तान ने पहले ही ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के समूह ब्रिक्स का सदस्य बनने के लिए आवेदन किया है और उसे उम्मीद है कि अगले साल रूस की अध्यक्षता में पाकिस्तान को इस समूह की सदस्यता मिल सकती है.
रूस के उपविदेश मंत्री सर्गेइ रायबकोव ने अक्टूबर की शुरुआत में कहा था कि 2024 में रूस के कजान में होने जा रही ब्रिक्स सम्मेलन से पहले ब्रिक्स की नए सदस्यों के नाम की सूची तैयार करने की योजना है.
बता दें कि इस साल दक्षिण अफ्रीका में हुए ब्रिक्स सम्मेलन में अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को नए सदस्यों के तौर पर मंजूरी दी गई थी. ये देश 2024 में रूस में होने वाले सम्मेलन में औपचारिक तौर पर शामिल होंगे.
क्या ये चीन की चाल है?
पाकिस्तान गंभीर आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहा है. ऐसे में कहा जा रहा है कि इस सम्मेलन में अपने सदाबहार दोस्त पाकिस्तान को शामिल करने के लिए चीन लॉबी करने में जुटा है. इसके लिए वह रूस जैसे देशों से बैकडॉर से समर्थन भी मांग रहा है. इसकी वजह है कि चीन इस संगठन में अपनी ताकत बढ़ाना चाहता है.
क्या है ब्रिक्स?
ब्रिक्स समूह का गठन साल 2010 में हुआ था. जब यह संगठन अस्तित्व में आया तब ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका इसके फाउंडर सदस्य थे. पिछले साल ब्रिक्स के आखिरी सम्मेलन में अक्टूबर में दक्षिण अफ्रीका ने छह नए देशों को अपने इस समूह में शामिल होने का न्योता दिया था. इन देशों में मिस्र, आर्जेंटीना, इथोपिया, सऊदी अरब और यूएई शामिल हैं. ये देश 1 जनवरी 2024 से ब्रिक्स के सदस्य देश बन जाएंगे.