Advertisement

भारतीयों को झटका देगी ब्रिटेन की सुनक सरकार! बदल सकती है ये नियम

ब्रिटेन की ऋषि सुनक सरकार भारतीय युवाओं को झटका देने की तैयारी कर रही है. ब्रिटेन का गृह विभाग यूके से ग्रेजुएशन करने वाले छात्रों के वीजा नियमों में बदलाव की तैयारी कर रही है. अगर ब्रिटेन सरकार नए बदलाव को ले आती है तो इसका काफी संख्या में भारतीय युवाओं पर असर पड़ेगा.

फोटो- ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक फोटो- ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 5:25 PM IST

ब्रिटेन की ऋषि सुनक सरकार भारतीय युवाओं को जल्द ही एक बड़ा झटका दे सकती है. दरअसल, यूके का गृह विभाग विदेशी छात्रों को ग्रेजुएशन के बाद ब्रिटेन में रहने के लिए 6 महीने की वीजा अवधि को घटाने की तैयारी कर रहा है. अगर ऐसा हुआ तो इसका असर काफी संख्या में भारतीय युवाओं पर देखने को मिल सकता है. ब्रिटेन का शिक्षा विभाग इस बदलाव के खिलाफ है. 

Advertisement

बुधवार को टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने 'ग्रेजुएट वीजा रूट' में बदलाव के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया है.

रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन का शिक्षा विभाग (DfE) गृह मंत्रालय के इस प्रस्ताव से जरा भी संतुष्ट नहीं है. सूत्रों का कहना है कि शिक्षा विभाग इन बदलावों को रोकने की कोशिश कर रहा है. अगर यह बदलाव हो गया तो इससे दुनिया भर के छात्रों के बीच ब्रिटेन का आकर्षण कम हो जाएगा. 

पढ़ाई के बाद वर्क वीजा पाने के लिए मिलते हैं 6 महीने

मालूम हो कि वर्तमान में अगर बाहरी देश का छात्र अगर ब्रिटेन के किसी कॉलेज से ग्रेजुएट होता है तो उसे वर्क वीजा पाने को नौकरी ढूंढने के लिए 6 महीने का समय दिया जाता है. अगर इन 6 महीनों में वह छात्र वर्क वीजा हासिल नहीं कर पाता है तो उसे अपने देश वापस लौटना पड़ता है. 

Advertisement

अधिकतर योग्य छात्रों को 6 महीने के समय में वर्क वीजा मिल जाता है. लेकिन अगर यह समय सीमा घटा दी गई तो छात्रों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है. भारत से भी हजारों की तादाद में छात्र पढ़ाई के लिए ब्रिटेन पहुंचते हैं. इसलिए इस नए बदलाव का असर भारतीय युवाओं पर भी देखने को मिल सकता है. 

प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने मांगा था प्रस्ताव

रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल ही में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने गृह मंत्रालय और शिक्षा विभाग से ब्रिटेन में पढ़ाई के लिए आने वाले विदेशी छात्रों की संख्या में कमी लाने की योजना का प्रस्ताव देने के लिए कहा था. ऋषि सुनक के कहने के बाद गृह मंत्रालय ने कई प्रस्ताव तैयार किए, जिनमें एक यह प्रस्ताव भी शामिल है. 

टाइम्स की रिपोर्ट में एक और प्रस्ताव का जिक्र किया गया है. इस प्रस्ताव के अनुसार, सिर्फ पोस्ट ग्रेजुएट में रिसर्च बेस्ड कोर्स जैसे पीएचडी के लिए आएं या फिर ऐसे पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स करें जो कम से कम 2 साल लंबा हो.

ऑफिस फॉर नेशनल स्टेटिस्टिक्स के ताजा आंकड़ों के अनुसार, विश्व में दूसरे देशों में जाकर पढ़ाई करने वालों की संख्या में भारतीयों ने चीनी छात्रों को भी पछाड़ दिया है. आंकड़ों के मुताबिक, वर्तमान में ब्रिटेन में करीब 6 लाख 80 विदेशी छात्र पढ़ाई कर रहे हैं.

Advertisement

ब्रिटेन की ऋषि सुनक सरकार का लक्ष्य साल 2030 तक इन छात्रों की संख्या को घटाकर 6 लाख करना है. इसी वजह से प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने गृह विभाग और शिक्षा विभाग से योजना प्रस्तावों की मांग की थी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement