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विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे का नहीं होगा प्रत्यर्पण, ब्रिटेन की अदालत ने ठुकराया अमेरिका का अनुरोध

जिला न्यायाधीश वनैसा बाराइस्टर लंदन स्थित 'सेंट्रल क्रिमिनल कोर्ट' में अपना फैसला सुनाया. जस्टिस वनैसा ने कहा है कि अंसाजे का प्रत्यर्पण उनकी मानसिक हालत के लिए सही नहीं होगा.

ब्रिटेन की अदालत ने ठुकराया प्रत्यर्पण का अनुरोध ब्रिटेन की अदालत ने ठुकराया प्रत्यर्पण का अनुरोध
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 8:32 PM IST
  • जूलियन असांजे का नहीं होगा प्रत्यर्पण
  • अमेरिका का अनुरोध अस्वीकार
  • ब्रिटेन की अदालत ने ठुकराया अनुरोध

ब्रिटेन की एक अदालत ने विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को प्रत्यर्पित करने के अमेरिकी अनुरोध को ठुकरा दिया है. असांजे पर एक दशक पहले अमेरिकी सेना के गोपनीय दस्तावेज प्रकाशित करने को लेकर जासूसी का आरोप है. इस मामले में तीन हफ्ते से सुनवाई चल रही थी. अमेरिकी अभियोजकों ने असांजे पर जासूसी के 17 आरोप लगाए हैं. एक आरोप कंप्यूटर के दुरुपयोग का भी है. इन आरोपों में अधिकतम सजा 175 साल कैद है. 

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जिला न्यायाधीश वनैसा बाराइस्टर लंदन स्थित 'सेंट्रल क्रिमिनल कोर्ट' में अपना फैसला सुनाया. जस्टिस वनैसा ने कहा है कि अंसाजे का प्रत्यर्पण उनकी मानसिक हालत के लिए सही नहीं होगा. उन्होंने यहां तक कहा कि अगर असांजे को अमेरिका भेजा गया तो वह आत्महत्या भी कर सकते हैं. 

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असांजे को स्वीडन के आग्रह पर 2010 में लंदन में गिरफ्तार किया गया था. स्वीडन दो महिलाओं के साथ रेप और यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर असांजे से पूछताछ करना चाहता था. असांजे ने स्वीडन भेजे जाने से बचने के लिए 2012 में लंदन स्थित इक्वेडोर के दूतावास में शरण ली थी. इस तरह वह ब्रिटेन और स्वीडन के अधिकारी की पहुंच से दूर हो गए.

इसके बाद असांजे, अप्रैल 2019 में दूतावास से बाहर आए, लेकिन ब्रिटिश पुलिस ने उन्हें जमानत लेकर भागने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. स्वीडन ने नवंबर 2019 में यौन उत्पीड़न के आरोप वापस ले लिए क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा समय लग गया था, लेकिन असांजे लंदन की जेल में ही रहे और प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई के लिए उन्हें जेल की वैन से अदालत लाया गया था.

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