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ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के भारत दौरे से पहले ब्रिटेन के हाउस ऑफ लॉर्ड्स में बड़ी हलचल मची है. लेबर पार्टी के सांसद केर स्टार्मर ने खालिस्तानी मूवमेंट को सपोर्ट करने वाले दबिंदरजीत सिंह सिद्धू को हाउस ऑफ लॉर्ड्स के लिए नामित किया था, लेकिन अब इस फैसले को वापस ले लिया है.
ब्रिटेन में भारतीय कम्युनिटी द्वारा लगातार हुए विरोध के बाद दबिंदरजीत सिंह सिद्धू को हाउस ऑफ लॉर्ड्स के नॉमिनी की लिस्ट से वापस ले लिया गया. ऐसे में ब्रिटिश प्रधानमंत्री के भारत दौरे से पहले कोई बड़ा विवाद होने से टल गया. गौरतलब है कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन इस बार गणतंत्र दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि भारत आ रहे हैं.
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दबिंदरजीत सिद्धू खालिस्तानी मूवमेंट का सपोर्टर रहा है और सिख फेडरेशन का एडवाइजर है. इसके अलावा वह यूके ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप का हिस्सा है, जिसमें प्रीत गिल और तनमनजीत सिंह ढेसी जैसे अन्य ब्रिटिश सिख सांसद हैं.
जिस इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन को भारत में आतंकी संगठन बताया गया था, सिद्धू उसका भी मेंबर रह चुका है. लंदन में हाल ही में हुए किसानों के प्रदर्शन में भी सिद्धू दिखाई दिया था.
हालांकि, एक ओर जहां सिद्धू का नाम लिस्ट से गायब हुआ तो केर स्टार्मर ने वाजिद खान को अब नॉमिनेट किया है. जो कि लेबर फ्रेंड्स ऑफ कश्मीर ग्रुप का फाउंडर हैं. ये ग्रुप लगातार कश्मीर के मसले को उठाता है, वाजिद खान मूल रूप से पाकिस्तानी है जो अक्सर ब्रिटेन में भारत विरोधी बयान देते आया है.
आपको बता दें कि किसानों से जुड़े आंदोलन को ब्रिटेन में बड़े रूप में समर्थन मिला है. ब्रिटिश संसद में भी इस मसले को उठाया गया, जबकि भारतीय एम्बेसी के बाहर लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.