
कृषि कानूनों को लेकर किसानों के आंदोलन की गूंज देश की सीमाओं से निकलकर दुनिया के कई अन्य देशों में भी सुनाई पड़ रही है. ब्रिटिश संसद में भी कार्यवाही के दौरान किसानों का मुद्दा उठा लेकिन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन इस मसले पर थोड़े कन्फ्यूज हो गए और इसे भारत और पाकिस्तान का आपसी मामला करार दे दिया.
ब्रिटेन में भारत सरकार के कृषि कानून के खिलाफ किसानों की ओर से जारी विरोध प्रदर्शन लगातार चर्चा में है. इस अभियान की अगुवाई कर रहे ब्रिटिश सिख लेबर सांसद तनमनजीत सिंह देसी ने हाउस ऑफ कॉमन्स में भारतीय किसानों के मुद्दे को साप्ताहिक प्राइम मिनिस्टर्स क्वेश्चन (PMQs) सत्र में उठाया.
विपक्षी सांसद ने जब सदन में कहा, 'पंजाब या भारत के अन्य हिस्सों से आने वाले सांसदों समेत मैं भी किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर वॉटर कैनन, आंसू गैस और पुलिस बल के प्रयोग की फुटेज देखकर काफी भयभीत था. हालांकि, यह देखना बहुत शानदार था कि कई किसानों ने उन लोगों को खाना खिलाया जिन्हें उन्हें दबाने का आदेश दिया गया था.'
उन्होंने ब्रिटिश पीएम जॉनसन से आगे कहा, 'तो, क्या प्रधानमंत्री (जॉनसन) भारतीय प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) को हमारी गहरी चिंताओं से अवगत कराएंगे. हम उम्मीद करते हैं कि मौजूदा गतिरोध का शीघ्र समाधान निकलेगा और क्या वह इस बात से सहमत हैं कि हर किसी को शांतिपूर्ण विरोध का मौलिक अधिकार है.'
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हालांकि ब्रिटिश पीएम जॉनसन ने इस मसले को ठीक से समझ नहीं सके और वह अपनी संक्षिप्त टिप्पणी में किसी और विषय के बारे में बोल गए. जॉनसन ने कहा, 'हमारा विचार यह है कि निश्चित रूप से भारत और पाकिस्तान के बीच जो कुछ भी हो रहा है, उसके बारे में हम बेहद चिंतित हैं, लेकिन ये दोनों सरकारों के लिए महत्वपूर्ण है. मैं जानता हूं कि वे इन बिंदुओं की सराहना करेंगे.'
पीएम जॉनसन के भारत के किसानों के मामले को पाकिस्तान से जोड़ने वाले जवाब पर ब्रिटिश सांसद तनमनजीत थोड़े हैरान से दिखे.