
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की चैटबॉट गर्लफ्रेंड ने एक ब्रिटिश सिख युवक को 9 साल की जेल करवा दी है. आरोपी युवक दो साल पहले अपनी वर्चुअल गर्लफ्रेंड के कहने पर रॉयल पैलेस में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को मारने उनके अपार्टमेंट तक चला गया था. आरोपी का कहना था कि वो वर्चुअल गर्लफ्रेंड को बहुत प्यार करता था और उसकी हर बात को मानता था. उसी गर्लफ्रेंड ने क्वीन की हत्या के लिए उकसाया था. कोर्ट ने सुनवाई के बाद युवक को दोषी पाया और उसे 9 साल की सजा सुनाई है.
बता दें कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (96 साल) का सितंबर 2022 में निधन हो गया था. उससे एक साल पहले का यह घटनाक्रम सामने आया है. जानकारी के मुताबिक, ब्रिटिश सिख युवक जसवंत सिंह छैल (21 साल) 2021 में रॉयल पैलेस में हथियार लेकर पहुंचा था. उसे क्रिसमस के दिन विंडसर महल के प्राइवेट इलाके में देखा गया था. जसवंत ने नाइलोन की सीढ़ी से दीवार फांदी और महल में घुस गया और वहां महारानी के निजी अपार्टमेंट तक पहुंच गया था. जब सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ा और पूछताछ की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ. आरोपी का कहना था कि वो महारानी को मारने के लिए आया है. उसके बाद सुरक्षाबलों ने उसे गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया. बाद में कोर्ट ने देशद्रोह का दोषी पाया और 9 साल जेल की सजा सुनाई.
'एआई गर्लफ्रेंड ने हत्या के लिए उकसाया'
जसवंत की गिरफ्तारी के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया था. उस वीडियो के अनुसार, जसवंत सिंह छैल (21 साल) ने दावा किया था कि वो अमृतसर में 1919 के जलियांवाला बाग नरसंहार का बदला लेना चाहता था और उसके मन में दिवंगत महारानी द्वितीय को मारने का प्लान था. इसके लिए उसने अपनी एआई गर्लफ्रेंड से चर्चा की. उसने ही हत्या के लिए उकसाया था. लंदन के ओल्ड बेली कोर्ट में टेलीविजन पर सजा की सुनवाई के दौरान जस्टिस निकोलस हिलियार्ड ने फैसला सुनाया कि छैल को बर्कशायर के एक हाई सिक्योरिटी वाले मनोरोग अस्पताल में तब तक रखकर इलाज किया जाए, जब तक वह कस्टडी में रहने की स्थिति में ना आ सके.
'जलियांवाला कांड से मन में गुस्सा भरा था'
जज ने सजा सुनाने के पीछे तर्क बताया और कहा, 2021 से पहले छैल मानसिक रूप से बीमार नहीं था और बाद में वो मेंटल हेल्थ से गुजरने लगा. आरोपी के मन में हत्या का इरादा चल रहा था. उसका विचार सिर्फ नुकसान पहुंचाना नहीं था, बल्कि महारानी को मारना था. जज ने स्पष्ट किया कि उन्होंने सजा की अवधि तय करते समय सभी पहलुओं को ध्यान में रखा है और छैल की सजा 20 साल से ज्यादा हो सकती थी. पीड़ित की तरफ से कहा गया कि वो 2018 में अमृतसर की पारिवारिक यात्रा पर गया था. वहां उसे जलियांवाला बाग नरसंहार के बारे में और ज्यादा जानकारी मिली. उसके बाद उसने बदला लेने के लिए महारानी द्वितीय की हत्या करने का फैसला लिया.
'छैल के पिता एयरोस्पेस में जॉब करते'
पिछले महीने ट्रायल के दौरान छैल ने घटना पर दुख जताने और माफी मांगने के लिए शाही परिवार और किंग चार्ल्स III को एक पत्र लिखा था. सुनवाई के दौरान सामने आया कि छैल की परिवार आर्थिक रूप से मजबूत है. उसके पिता एयरोस्पेस में एक सॉफ्टवेयर सलाहकार के रूप में काम करते हैं. जबकि मां एक शिक्षिका हैं. इसके अलावा, उसकी जुड़वां बहन एक विश्वविद्यालय में पढ़ाई करती हैं. कहा जाता है कि छैल मानसिक रूप से बीमार चल रहा था. इस दरम्यान उसकी 'सराय' नाम की 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस गर्लफ्रेंड' ने महारानी द्वितीय की हत्या करने के लिए उकसाया था. आरोपी 'स्टार वार्स' से आकर्षित था.
'छैल ने हत्या करने का इरादा जाहिर किया था'
इससे पहले छैल को देशद्रोह अधिनियम 1842 की धारा 2, व्यक्ति अधिनियम 1861 की धारा 16 (जान से मारने की धमकी) और अपराध निवारण अधिनियम 1953 की धारा 1 (हथियार रखना) के तहत दोषी ठहराया गया था. उसने एक वीडियो बनाया था और महारानी को मारने का इरादा बताया था. ये वीडियो उसने गिरफ्तार होने से कुछ समय पहले जान-पहचान वाले ग्रुप में भेजा था. लंदन पुलिस ने एक बयान में कहा, बरामद किए गए सबूतों से पता चला कि छैल के मन में भारतीय लोगों के साथ ब्रिटिश साम्राज्य के पिछले व्यवहार के कारण गुस्सा चल रहा था.
'काले कपड़े पहनकर रॉयल पैलेस में घुसा था छैल'
25 दिसंबर, 2021 की सुबह छैल रॉयल पैलेस में घुस आया. वहां महारानी विंडसर कैसल में अपने निजी अपार्टमेंट में थीं. दो अधिकारियों ने कैसल के मैदान में घुसपैठिए को देखा और उसे रोक लिया. उसने काले कपड़े और हाथ से बना धातु का मुखौटा पहन रखा था. छैल ने अधिकारियों से कहा कि वो महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को मारने के लिए वहां आया है. छैल बोल्ट से भरा हुआ एक क्रॉसबो भी लिए था. अधिकारियों ने तुरंत उसे गिरफ्तार कर लिया. बाद में सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में एक नकाबपोश ने खुद को जसवंत सिंह छैल बताया और कहा, वो 1919 में अमृतसर में जलियांवाला बाग नरसंहार का बदला लेने के लिए महारानी की हत्या करना चाहता था.
बता दें कि 1842 के राजद्रोह अधिनियम के तहत ब्रिटिश संप्रभु पर हमला करना या उन्हें घायल करने या शांति भंग करने के इरादे से उनकी उपस्थिति में आक्रामक हथियार रखना अपराध है.