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Burkina Faso: अफ्रीकी देश बुर्किना फासो में जिहादियों ने फिर बरपाया कहर, 40 लोगों को सरेआम मौत के घाट उतारा

बुर्किना फासो में जिहादियों ने 40 लोगों को सरेआम मौत के घाट उतार दिया है. इस हमले में 33 लोग घायल हुए हैं. इस क्षेत्र में अल कायदा और इस्लामिक स्टेट से जुड़े इस्लामी संगठनों का कब्जा है, हालांकि अभी तक किसी भी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. पिछले हफ्ते नाइजर सीमा के पास आतंकवादियों ने कौरकौ और तोंडोबी गांव में 44 लोगों की हत्या कर दी थी.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
aajtak.in
  • औगाडौगू ,
  • 17 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 7:32 AM IST

पश्चिम अफ्रीकी देश बुर्किना फासो में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. यहां संदिग्ध जिहादियों ने 40 लोगों की हत्या कर दी है. बताया जा रहा है कि मरने वालों में 34 नागरिक और 6 सैनिक हैं. शहर के गवर्नर की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि  सैनिकों और असैन्य स्वयंसेवकों की एक टुकड़ी पर अज्ञात हथियारबंद लोगों ने हमला कर दिया है. ये हमला शनिवार की शाम करीब 4 बजे हुआ है. इसमें 40 लोगों की मौत हो गई है. 

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सरकारी बयान में कहा गया है कि अपनी धरती की रक्षा के लिए स्वयंसेवकों (VDP) के 34 सहायक और 6 अस्थायी सैनिकों की मौत हुई है. जबकि 33 लोग घायल हुए हैं. घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 

रिपोर्ट्स के मुताबिक इस क्षेत्र में अल कायदा और इस्लामिक स्टेट से जुड़े इस्लामी संगठनों का कब्जा है, हालांकि अभी तक किसी भी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. वहीं हमला करने वाली टुकड़ी से बचाव के लिए राजधानी औआहिगौया के एयरपोर्ट पर सैनिकों को तैनात किया गया है. 

बुर्किना फासो के सैन्य जुंटा ने हाल ही में अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट समूह से जुड़े जिहादियों के हमले का मुकाबला करने के लिए राज्य को सभी आवश्यक साधन देने की घोषणा की थी. पिछले हफ्ते नाइजर सीमा के पास पूर्वोत्तर में आतंकियों ने कौरकौ और तोंडोबी गांव में आतंकवादियों ने 44 लोगों की सरेआम हत्या कर दी थी.

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दरअसल, कैप्टन इब्राहिम त्रोरे के सत्ता में आने के बाद बेगुनाह लोगों पर हुआ यह एक बड़ा अटैक था. इससे पहले फरवरी में 51 सैनिकों की हत्या कर दी गई थी.

सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वह सुरक्षा बलों में शामिल हो जाएं, ताकि पिछले आठ साल की हिंसा को रोकने की कोशिश की जा सके. जिसमें हजारों लोग मारे गए हैं और लाखों लोग अपने घरों से भागने को मजबूर हुए हैं.

बुर्किना फासो में क्यों हो रही है हिंसा?
 

बुर्किना फ़ासो में पिछले साल सेना ने दो तख्तापलट किए, लेकिन इसके बाद भी देश में हिंसा जारी है. इस क्षेत्र में अशांति 2012 में माली में शुरू हुई, जब इस्लामवादियों ने तुआरेग अलगाववादी विद्रोह का अपहरण कर लिया. इसके बाद पड़ोसी बुर्किना फासो और नाइजर में हिंसा फैल गई है.
 

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