
खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा और भारत के बीच रिश्तों में तनाव बना हुआ है. इसी साल जून में कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में निज्जर की एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. अब ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के प्रीमियर (पीएम) डेविड एबी ने कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर जानकारी छिपाने का आरोप लगाया है. डेविड एबी ने दावा किया है कि जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारत पर लगाए गए आरोपों के बारे में उन्हें भी जानकारी नहीं दी गई थी. एबी के मुताबिक, जनता के सामने जानकारी आने से एक घंटे पहले ही उन्हें इसके बारे में पता चला.
डेविड एबी ने सोमवार को प्रधानमंत्री ट्रूडो से मुलाकात की थी. इसके बाद उन्होंने यह दावा किया. एबी ने सीटीवी न्यूज से बातचीत में कहा, उन्हें ट्रूडो द्वारा लगाए गए इस आरोप के बारे में जनता के सामने आने से एक घंटे पहले ही पता चला कि भारत हत्या में शामिल हो सकता है. उन्होंने कहा, वे चाहते हैं कि संघीय सरकार राज्यों के साथ सुरक्षा खुफिया जानकारी साझा करे. इतना ही नहीं उन्होंने कहा, कनाडा सरकार द्वारा प्रांतों को शुरुआत में ही भरोसे में लेने की जरूरत है.
पब्लिक डोमेन में उपलब्ध जानकारी दी- एबी
उन्होंने कहा, कनाडाई सुरक्षा खुफिया सर्विस (CSIS) को कानून के मुताबिक, सिर्फ संघीय सरकार के साथ अपनी खुफिया जानकारी साझा करने की जरूरत है. इसी के तहत मुझे जानकारी दी गई. लेकिन उन्होंने जो जानकारी दी, वो पहले से ही पब्लिक डोमेन में थी, जो मददगार नहीं है. मैं भी अखबार पढ़ सकता हूं.
दरअसल, ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट्स का हाथ बताया था. वहीं, भारत ने इन आरोपों पर सरासर झूठ और राजनीति से प्रेरित बताया था. ट्रूडो के इन आरोपों पर एबी ने कहा कि वह इस जानकारी से बेहद परेशान और नाराज हैं. उन्होंने ट्रूडो सरकार से अपील की कि वे किसी भी विदेशी हस्तक्षेप और अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध के खतरों से संबंधित सभी जरूरी जानकारी हमारे प्रांतीय अधिकारियों और हमारी सरकार के साथ साझा करें, ताकि हम मिलकर काम कर सकें और जिन लोगों को खतरा है, उनकी रक्षा कर सकें.
बिना सबूत आरोप मढ़ रहे ट्रूडो
जस्टिन ट्रूडो ने पिछले दिनों निज्जर को कनाडाई नागरिक बताते हुए उसकी हत्या में भारतीय एजेंट्स का हाथ बताया था. इसके बाद कनाडा ने भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया था. इसके जवाब में भारत ने भी नई दिल्ली में कनाडा के राजनयिक को निष्कासित कर दिया था. साथ ही भारत ने कनाडा के लोगों के लिए वीजा सर्विस भी सस्पेंड कर दी. इतना ही नहीं भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया था कि कनाडा की ओर से भारत को कोई भी कथित सबूत नहीं सौंपे गए हैं. इसके साथ ही विदेश मंत्रालय ने बताया था कि भारत की ओर से कनाडा में बढ़ रहीं खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर जानकारी दी गई, लेकिन कनाडा की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई.