
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर देश में विरोध प्रदर्शन देखा जा रहा है. वहीं देश के बाहर से भी इस कानून पर आवाज उठाई जा रही है. अब विरोध की आवाज कनाडा से भी सामने आई है. कनाडा के न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह ने सीएए को भेदभावपूर्ण बताया है.
जगमीत सिंह ने ट्वीट कर नागरिकता कानून पर अपना विरोर्ध दर्ज कराया है. उन्होंने कहा है कि भारत सरकार का नया नागरिकता संशोधन कानून जानबूझकर मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के साथ भेदभाव करता है. यह गलत है और इसकी निंदा की जानी चाहिए.
अपने ट्वीट में जगमीत सिंह ने लिखा है कि बढ़ती नफरत और ध्रुवीकरण के समय, सरकारों को लोगों को एकजुट करने के लिए काम करना चाहिए, न कि उन्हें विभाजित करना चाहिए.
संयुक्त राष्ट्र जता चुका है चिंता
हालांकि ये पहला मामला नहीं है जब नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश के बाहर से आवाज उठी हो. इससे पहले कई देश भारत के नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर चुके हैं. अमेरिका भी नागरिकता कानून पर अपनी जिंता जाहिर कर चुका है.
वहीं नागरिकता संशोधन एक्ट पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) भी चिंता जता चुके हैं. परिषद ने कहा था, 'हम चिंतित हैं कि भारत का नया नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 मूल रूप से प्रकृति में भेदभावपूर्ण है. हमें उम्मीद है कि भारत का सुप्रीम कोर्ट भारत के अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दायित्वों के साथ कानून की अनुकूलता पर सावधानीपूर्वक विचार करेगा.'