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राजनयिक तनाव के बीच कनाडा ने भारत पर लगाया एक और गंभीर आरोप

संघीय चुनावों में भारत की भूमिका की जांच इसलिए भी अहम है क्योंकि पिछले साल सितंबर में ही कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की भूमिका की बात कही थी. इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव जारी है.

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (फाइल फोटो) कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:06 PM IST

भारत और कनाडा में जारी राजनयिक तनाव के बीच एक कनाडाई पैनल वहां के संघीय चुनावों में भारत की भूमिका की जांच करेगा. पैनल की ओर से जारी बयान के अनुसार, साल 2019 और 2021 में कनाडा में हुए संघीय चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप की जांच कर रहे आयोग ने सरकार से भारत से जुड़ी जानकारी प्रदान करने के लिए कहा है. 

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संघीय चुनावों में भारत की भूमिका की जांच इसलिए भी अहम है क्योंकि पिछले साल सितंबर में ही कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की भूमिका की बात कही थी. कनाडा की संसद में बोलते हुए उन्होंने कहा था कि कनाडा की सुरक्षा एजेंसियां भारत सरकार और कनाडा के नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच की कड़ी के आरोपों की सक्रियता से जांच कर रही है.

पैनल ने ट्रूडो सरकार से किया अनुरोध

बुधवार को जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, आयोग ने कहा है कि उसने सरकार से यह अनुरोध किया है कि उसे वह दस्तावेज मिले जिसमें 2019 और 2021 के चुनावों से संबंधित भारत द्वारा कथित हस्तक्षेप से संबंधित जानकारी शामिल है. क्यूबेक की जज मैरी-जोसी हॉग के नेतृत्व में बनी इस आयोग को 2019 और 2021 के संघीय चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप के बारे में चिंताओं का खुलासा करने के लिए बनाया गया है.
 
रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोब एंड मेल और ग्लोबल न्यूज आउटलेट ने दावा किया था कि इन चुनावों में सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी के पक्ष में चीन ने हस्तक्षेप किया था. यह आयोग इन मुद्दों के संबंध में संघीय सरकार के भीतर सूचना के प्रवाह की भी जांच करेगा. साथ ही इसके जवाब में की गई कार्रवाइयों का आकलन कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा. 3 मई 2024 तक जांच पूरी करने और 31 दिसंबर 2024 तक अंतिम रिपोर्ट देने की उम्मीद है.

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विदेशी हस्तक्षेप की जांच करेगा आयोग

आयोग ने दिसंबर में इस मामले में भारत को शामिल किया था. साथ ही एक अलग कमिटी बनाई जो कनाडा में भारतीय समुदाय पर विदेशी हस्तक्षेप के प्रभाव को बेहतर ढंग से समझने में आयोग की मदद कर सके.

रिपोर्ट के मुताबिक, जांच के दौरान जिस ग्रुप को शामिल किया गया है उसका नाम जस्टिस फॉर ऑल कनाडा (जेएफएसी) था. यह ग्रुप कनाडा में भारतीय प्रवासी समुदाय की वकालत करता है. जेएफसी के अनुसार, भारतीय प्रवासी कई वर्षों से भारतीय विदेशी एजेंटों द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न, हिंसा और प्रतिशोध के डर के साथ जी रहे हैं. इससे उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में उनकी पूर्ण भागीदारी को सीमित कर दिया है.

हालांकि, आयोग ने यह कहा है कि जेएफएसी एक भारतीय प्रवासी संगठन नहीं है और ऐसा प्रतीत होता है कि उसके पास भारतीय समुदाय के साथ काम करने का अनुभव है. ऐसे में यह आयोग कनाडा में भारतीय समुदाय पर विदेशी हस्तक्षेप के प्रभाव को बेहतर ढंग से समझने में मदद कर सकता है.

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