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कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने अपने पद से दिया इस्तीफा, आलोचनाओं के बीच लिया फैसला

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आखिरकार पीएम पद से अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है. उन्हें अपनी लिबरल पार्टी के नेता के रूप में भी इस्तीफा देना पड़ा है. ट्रूडो सिर्फ विपक्ष की तरफ से ही नहीं, बल्कि अपनी पार्टी के भीतर भी आलोचनाओं का सामना कर रहे थे. उन्होंने कनाडाई संसद के भी 24 मार्च तक स्थगन का ऐलान कर दिया है.

जस्टिन ट्रूडो जस्टिन ट्रूडो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 10:58 PM IST

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अपनी सरकार और व्यक्तिगत आलोचनाओं के बीच उन्होंने यह फैसला किया. देश को दिए अपने संबोधन में ट्रूडो ने अपने इस्तीफे का ऐलान किया. ट्रूडो ने कहा, "मैं नए नेता का चयन करने के बाद पार्टी नेता और प्रधानमंत्री के रूप में इस्तीफा देने का इरादा रखता हूं." ट्रूडो ने बताया कि उन्होंने अपनी लिबरल पार्टी के अध्यक्ष से नए नेता के चयन की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है, और ये कि अगले नेता के चुनाव तक वह कार्यवाहक पीएम बने रहेंगे. 

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जस्टिन ट्रूडो 11 सालों से लिबरल पार्टी के नेता और नौ सालों से कनाडा के प्रधानमंत्री थे. वह डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकियों से लेकर प्रमुख मंत्रियों के इस्तीफे और जनमत सर्वेक्षणों तक कई संकटों का सामना कर रहे थे. 53 वर्षीय जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि संसद की कार्यवाही 24 मार्च तक स्थगित रहेगी. ट्रूडो ने सोमवार को ओटावा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "यह देश अगले चुनाव में एक वास्तविक विकल्प का हकदार है, और यह मेरे लिए स्पष्ट हो गया है कि अगर मुझे आंतरिक लड़ाई लड़नी पड़ रही है, तो मैं उस चुनाव में सबसे अच्छा विकल्प नहीं हो सकता."

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विपक्ष लगातार कर रहा था ट्रूडो के इस्तीफे की मांग

जस्टिन ट्रूडो ने अपने संबोधन में कहा, "एक नया प्रधानमंत्री और लिबरल पार्टी का नेता अगले चुनाव में अपने मूल्यों और आदर्शों को लेकर जाएगा. मैं आने वाले महीनों में इस प्रक्रिया को देखने के लिए उत्साहित हूं." जस्टिन ट्रूडो ने अपने संबोधन में कहा, "सच तो यह है कि इस पर काम करने के तमाम कोशिशों के बावजूद, संसद महीनों से पैरालाइज्ड बना हुआ है." मसलन, वह विपक्षी सांसदों के हंगामे की तरफ इशारा कर रहे थे, जहां लगातार उनके इस्तीफे की मांग उठ रही थी.

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जस्टिन ट्रूडो ने बताया कि उन्होंने गवर्नर से मुलाकात की और उन्हें अपनी अगली योजना के बारे में बताया था. उन्होंने संबोधन में कहा, "आज ही सुबह मैंने गवर्नर-जनरल को सलाह दी कि हमें संसद का नया सत्र बुलाने की जरूरत है. उन्होंने इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया है और अब सदन 24 मार्च तक स्थगित रहेगा."

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मई में अविश्वास प्रस्ताव की संभावना, अक्टूबर में चुनाव

गौरतलब है कि, कनाडाई संसद की कार्यवाही 27 जनवरी को फिर से शुरू होनी थी और विपक्षी दलों ने सरकार को जल्द से जल्द गिराने की कोशिश में थी. मसलन, विपक्षी पार्टियां ट्रूडो की लिबरल पार्टी की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली थी, लेकिन अगर संसद 24 मार्च तक स्थगित रहता है तो विपक्षी पार्टियां मई महीने तक संसद में अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है.

मसलन, कनाडा में सभी तीन मुख्य विपक्षी दलों ने कहा है कि मार्च के अंत में जब संसद दोबारा शुरू होगी तो वे अविश्वास प्रस्ताव के जरिए लिबरल पार्टी को गिराने की योजना बना रहे हैं, जबकि अक्टूबर महीने तक कनाडा में आम चुनाव हो सकते हैं.

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