
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक बार फिर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का मुद्दा उठाया है. उन्होंने निज्जर की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार कनाडाई नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
ट्रूडो ने ये बात कनाडा के चुनावों में विदेशी दखल की जांच कर रही समिति के सामने गवाही देते हुए कही. इस दौरान ट्रूडो ने पिछली कंजरवेटिव सरकार पर भारत के साथ 'नरमी' बरतने का आरोप भी लगाया है.
ट्रूडो ने कहा कि दुनिया में कहीं से भी कोई कनाडा आता है तो उसे एक कनाडाई नागरिक की तरह ही सभी अधिकार हासिल होते हैं. हम कनाडाई नागरिकों के साथ खड़े हैं. इसमें हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का वो गंभीर मामला भी शामिल है, जिसे मैंने संसद के सामने रखा था. कनाडाई नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार हमेशा अल्पसंख्यकों और उनकी अभिव्यक्ति की रक्षा के लिए खड़ी है, फिर भले ही इससे अन्य देशों को दिक्कत ही क्यों ना हो.
कंजरवेटिव सरकार पर लगाए आरोप
ट्रूडो ने समिति के समक्ष पेश होते हुए ये भी बताया कि 2015 में उनके सत्ता संभालने के बाद विदेशी दखल को कम करने के लिए उनकी सरकार ने क्या-क्या किया. इस दौरान उन्होंने पिछली कंजरवेटिव सरकार पर भी कई आरोप लगाए.
कनाडाई पीएम ट्रूडो ने कहा कि पिछली कंजरवेटिव सरकार से भी सवाल पूछने की जरूरत है, जो भारत सरकार के साथ अपने मधुर संबंधों के लिए जानी जाती थी. जबकि हमारी सरकार हमेशा अल्पसंख्यकों और उनके अधिकारों के साथ खड़ी है.
दरअसल, हाल ही में कनाडा ने भारत पर 2019 और 2021 के चुनावों में दखल करने का आरोप लगाया था. हालांकि, बाद में जांच समिति की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि चीन ने कनाडा के चुनावों में हस्तक्षेप किया था. कनाडा की खुफिया एजेंसी ने खुलासा किया है कि चीन ने 2019 और 2021 के चुनावों में दखल दिया था. दोनों ही चुनावों में ट्रूडो की लिबरल पार्टी को जीत मिली थी.
रिपोर्ट के मुताबिक, इसी समिति के समक्ष पेश हुए प्रधानमंत्री ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या का मुद्दा उठाया. जांच समिति पिछले कई दिनों से कनाडा के मंत्रियों, राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों, खुफिया अधिकारियों और ब्यूरोक्रेट्स के बयान दर्ज कर रही है.
ट्रूडो ने भारत पर लगाया था निज्जर की हत्या का आरोप
पिछले साल संसद में बोलते हुए जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का इल्जाम भारत पर लगाया था. इसके बाद भारत और कनाडा के बीच राजनयिक तनाव बढ़ गया था. तब से ही भारत और कनाडा के बीच रिश्ते उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं. भारत ने भी ट्रूडो और उनकी पार्टी पर खालिस्तानियों को लुभाने के लिए वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया था.
इसी साल जनवरी में कनाडा के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जोडी थॉमस ने कहा था कि भारत निज्जर की हत्या की जांच में कनाडा के साथ सहयोग कर रहा है.
पिछले साल हुई थी निज्जर की हत्या
पिछले साल जून में कनाडा के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर निज्जर की हत्या कर दी गई थी. निज्जर खालिस्तानी आतंकी था. खालिस्तान टाइगर फोर्स का चीफ था. वह बीते कई सालों से कनाडा में रह रहा था और वहां से भारत के खिलाफ खालिस्तानी आतंकवाद को हवा दे रहा था.
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, निज्जर भारतीय जांच एजेंसियों के लिए पिछले एक साल में इसलिए और भी ज्यादा बड़ा सिरदर्द बन गया था क्योंकि उसने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गों को विदेशों में लॉजिस्टिक और पैसा मुहैया करवाना शुरू कर दिया था.
ट्रूडो जब 2018 में भारत दौरे पर आए थे. उस समय उन्हें पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने खालिस्तानी आतंकियों की एक सूची सौंपी थी, जिसमें निज्जर का भी नाम शामिल था. केंद्रीय गृहमंत्रालय ने 2020 में निज्जर को आतंकी घोषित कर दिया था. 2010 में पटियाला के एक मंदिर के बाहर हुए बम विस्फोट में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. उस पर हिंसा भड़काने, आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने सहित कई मामलों में पुलिस को तलाश थी.
भारत ने हरदीप सिंह निज्जर को डेजिग्नेटिड टेरेरिस्ट यानी आतंकवादी घोषित किया था. NIA ने उस पर 10 लाख का इनाम भी घोषित कर रखा था.