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कनाडा की संसद में गूंजी कन्नड़ भाषा, भारत में वाहवाही, Video

कनाडा के भारतीय मूल के सांसद चंद्रा आर्या का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह कन्नड़ भाषा में संसद को संबोधित कर रहे हैं. उन्होंने खुद यह वीडियो ट्वीट करते हुए कहा कि यह पहली बार है, जब भारत से बाहर दुनिया के किसी देश की संसद में कन्नड़ बोली गई है.

कनाडा सांसद चंद्रा आर्या कनाडा सांसद चंद्रा आर्या
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 मई 2022,
  • अपडेटेड 8:05 PM IST
  • भारत से बाहर किसी देश की संसद में पहली बार बोली गई कन्नड़
  • भारतीय मूल के कनाडाई सांसद हैं चंद्रा आर्या

कनाडा के भारतीय मूल के सांसद चंद्रा आर्या का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह कन्नड़ भाषा में संसद को संबोधित कर रहे हैं. 

चंद्रा आर्या ने खुद यह वीडियो ट्वीट करते हुए कहा कि यह पहली बार है, जब भारत से बाहर दुनिया के किसी देश की संसद में कन्नड़ बोली गई है.

चंद्रा आर्या ने ट्वीट कर कहा, मैंने कनाडा की संसद को अपनी मातृभाषा कन्नड़ में संबोधित किया. इस खूबसूरत भाषा का अपना इतिहास है और इसे लगभग पांच करोड़ लोग बोलते हैं.

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यह पहली बार है कि जब भारत से बाहर दुनिया के किसी देश की संसद में कन्नड़ बोली गई है. 

संसद को कन्नड़ में संबोधित करते हुए चंद्रा आर्या ने भारतीय कवि कुवेम्पू की एक कविता के साथ अपना भाषण खत्म किया.

इस कविता को बाद में डॉ. राजकुमार ने गीत के रूप में तैयार किया था.

सांसद चंद्रा आर्या ने अपनी स्पीच में दोनों को याद करते हुए कहा, जहां भी हो, कैसे भी हो, हमेशा एक कन्नड़ बने रहो.

कनाडा सांसद चंद्रा आर्या ने स्पीच की शुरुआत में खुद को कर्नाटक के तुमकुर जिले के सिरा तालुक का बताते हुए अपना परिचय दिया.

चंद्रा आर्या पहली बार 2015 में सांसद चुने गए थे. इसके बाद वह 2019 में दोबारा सांसद चुने गए. 

कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. सीएन अश्वतनारायण ने इस वीडियो को शेयर करते हुए कनाडा की संसद में कन्नड़ बोलने के लिए चंद्रा आर्या को बधाई दी. 

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कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी वीडियो शेयर कर भारत और कर्नाटक को गौरवान्वित महसूस कराने के लिए चंद्रा आर्या को बधाई देते हुए कहा, कर्नाटक के तुमकुर के बेटे को बधाई.

बता दें कि चंद्रा आर्या का जन्म कर्नाटक में हुआ था. वह कर्नाटक में ही पले-बढ़े हैं. उन्होंने बेंगलुरू यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की और बाद में कर्नाटक यूनिवर्सिटी से एमबीए किया. 

उन्होंने दिल्ली में डीआरडीओ के साथ किया और कतर जाने से पहले कर्नाटक स्टेट फाइनेंशियल कॉरपोरेशन के साथ भी रहे. वह कतर से कनाडा चले गए थे क्योंकि उनकी पत्नी की पोस्टिंग कनाडा में हो गई थी. वह कनाडा जाकर पूरी तरह से राजनीति से जुड़ गए.

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