
कनाडा की संसद में साउथ सरे से सांसद केरी लिन फाइंडले ने प्रश्नकाल स्पीच के दौरान हरदीप सिंह निज्जर के परिवार के प्रति "गहरी संवेदना" व्यक्त की. इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का ये आरोप साबित हो जाता है कि विदेशी सरकार ने कनाडा की धरती पर एक कनाडाई को मार डाला है, तो यह हमारी संप्रभुता का घोर उल्लंघन है.
सांसद फाइंडले ने कहा कि आरोपों की जांच होनी चाहिए और न्याय मिलना चाहिए. उन्होंने कनाडाई सरकार से विदेशी हस्तक्षेप के खतरे को गंभीरता से लेने का आह्वान किया. साथ ही विदेशी एजेंटों के रजिस्ट्रेशन को लेकर कानून बनाने की मांग की.
सरे से कंजर्वेटिव सांसद फाइंडले ने भारत के एजेंटों सहित सभी "विदेशी एजेंटों" की रजिस्ट्री के लिए कानून बनाने की मांग की. साथ ही कहा कि इस संबंध में विधेयक को NDP और उदारवादियों ने रोक दिया था.
उन्होंने कहा कि आज मैंने सांसद सुख धालीवाल (सरे न्यूटन) और सांसद रणदीप सराय (सरे सेंटर) सहित सभी 4 लिबरल सरे सांसदों को बुलाया, जिन्होंने विदेशी एजेंटों की रजिस्ट्री के हमारे कंजर्वेटिव प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया था. मैंने एनडीपी-लिबरल सरकार से विदेशी एजेंट रजिस्ट्री को तुरंत कानून में पारित करने का भी आह्वान किया है.
पूर्व सॉलिसिटर जनरल बोले- ट्रूडो के पास सिर्फ आरोप हैं, सबूत नहीं
वहीं, पूर्व सॉलिसिटर जनरल और ब्रिटिश कोलंबिया के पूर्व पुलिस प्रमुख कैश हेड ने आजतक को बताया कि जांच का राजनीतिकरण दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि सरे में सामूहिक हिंसा के कई मामले सामने आए हैं. जिन्होंने 2 बड़े देशों के बीच टकराव पैदा कर दिया है. कम समय में जांच पूरी नहीं की जा सकती. इसमें पर्याप्त समय लगेगा.उन्होंने कहा कि एजेंसियों के बीच दशकों से टकराव चल रहा है. हमने एक ऐसी स्थिति पैदा कर दी है कि साल के इस समय में बहुत से लोग घर वापस जाते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा है. अंतरराष्ट्रीय तमाशा खड़ा कर दिया है जो दशकों पुराने रिश्ते को प्रभावित कर रहा है.
'कानून पर भरोसा, नेताओं पर नहीं'
कैश हेड ने कहा कि हमने अब कनाडा में दक्षिण एशियाई लोगों की प्रतिष्ठा को धूमिल कर दिया है. लंबे समय से उदारवादियों और चरमपंथियों के बीच गुरुद्वारों पर नियंत्रण को लेकर धार्मिक संघर्ष चला आ रहा है. ऐसा दोबारा न हो इसके लिए बहुत ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है. कानून अपना काम करेगा, लेकिन नेताओं पर विश्वास नहीं है. साथ ही कहा कि कनाडा ने भारत के खिलाफ जो कहा है, वह आरोप हैं, सबूत नहीं.