Advertisement

पाकिस्तान के चीफ जस्टिस साकिब निसार बोले- महिलाओं की स्कर्ट जैसा होना चाहिए भाषण

पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश साकिब निसार ने एक कार्यक्रम में भाषण देने से पहले कहा कि भाषण को महिलाओं की स्कर्ट की तरह छोटा होना चाहिए. इससे लोगों की भाषण में रुचि बनी रहती है. उन्होंने आगे कहा कि अगर लंबी स्कर्ट की तरह भाषण भी लंबा हुआ तो लोग उसमें रुचि नहीं लेते हैं.

भाषण के दौरान शाकिब निसार भाषण के दौरान शाकिब निसार
भारत सिंह
  • इस्लामाबाद,
  • 21 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 7:20 PM IST

भारत के बाद अब पाकिस्तान के चीफ जस्टिस भी खबरों में हैं. हालांकि, पाकिस्तान के चीफ जस्टिस साकिब निसार कोर्ट के बाहर की हरकत की वजह से चर्चा में हैं. इन दिनों उनका एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है.

निसार ने पाकिस्तान में एक कार्यक्रम में भाषण देने से पहले कहा कि भाषण को महिलाओं की स्कर्ट की तरह छोटा होना चाहिए. इससे लोगों की भाषण में रुचि बनी रहती है. उन्होंने आगे कहा कि अगर लंबी स्कर्ट की तरह भाषण भी लंबा हुआ तो लोग उसमें रुचि नहीं लेते हैं.

Advertisement

यह वीडियो पाकिस्तान की एक पत्रकार नाइला इनायत ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है. इस कार्यक्रम में निसार को भाषण देना था. अपने भाषण से पहले उन्होंने ऐसी टिप्पणी की कि लोग उनके भाषण पर नहीं, इसी टिप्पणी पर बात कर रहे हैं.

साकिब निसार भाषण देने मंच पर आए तो उनके हाथ में कई पन्ने थे. उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों से कहा, 'आप लोग इन पन्नों को देखकर परेशान न हों. मैं बता दूं कि मैं कोई लंबा-चौड़ा भाषण देने नहीं जा रहा हूं.'

उन्होंने आगे कहा, 'बल्कि मुझे तो हमेशा बताया गया है कि भाषण को महिला की स्कर्ट की तरह छोटा होना चाहिए. भाषण इतना लंबा भी न हो कि लोगों की रुचि खत्म हो जाए और इतनी छोटी भी न हो कि मुख्य हिस्से को ही कवर न कर पाए।'

Advertisement

पाकिस्तान के चीफ जस्टिस निसार के भाषण का यह वीडियो सोशल मी़डिया पर वायरल हो रहा है. सिर्फ पाकिस्तान में ही नहीं, दूसरे देशों में भी उनकी इस टिप्पणी की आलोचना हो रही है. देखिए पाकिस्तानी मूल की पत्रकार नाइला इनायत का यह ट्वीट-

दरअसल, निसार ने यह टिप्पणी ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री से उधार ली थी. चर्चिल यह टिप्पणी अपने भाषणों में बोला करते थे और वह अपने समय में लोकप्रिय भाषण देने के लिए जाने जाते थे.

इससे पहले भारत में भी इसी किस्म की लाइनों को लेकर विवाद हो चुका है. जून 2017 में डीयू में कॉमर्स की एक टेक्सबुक में कहा गया था कि ई-मेल महिलाओं की स्कर्ट की तरह छोटा होना चाहिए, वरना इसे कोई नहीं पढ़ेगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement