
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एक भारतीय दंपती के आरोपों को लेकर नॉर्वे में भारत के राजदूत से रिपोर्ट की मांग की है. दंपती ने आरोप लगाया कि दुर्व्यवहार की एक झूठी शिकायत पर नॉर्वे के अधिकारियों ने उनके पांच साल के बेटे को उनसे अलग कर दिया. सुषमा ने ट्वीट किया, 'मैंने नॉर्वे में मौजूद भारतीय राजदूत से रिपोर्ट भेजने को कहा है.' बच्चा 13 दिसंबर को सुबह साढ़े नौ बजे से ही नार्वे बाल कल्याण विभाग के पास है.
दंपती द्वारा अपने बच्चे को वापस पाने में मदद की गुहार लगाये जाने के बाद भाजपा नेता विजय जॉली ने विदेश मंत्री और नॉर्वे में भारत के राजदूत को पत्र लिखा है. इसी बीच विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा, ओस्लो में हमारे दूतावास के अधिकारियों ने बच्चे के पिता अनिल कुमार से बात की और पूर्ण समर्थन जताया. हालांकि अनिल कुमार ने मिशन को सूचित किया कि उन्होंने मामले में अपने प्रतिनिधित्व के लिए एक वकील रखा है. इस बारे में संपर्क करने पर नॉर्वे के दूतावास के प्रवक्ता ने बताया, 'दूतावास को कल शाम इस मामले कीजानकारी मिली. हम लोगों ने नॉर्वे में संबंधित अधिकारियों से अधिक जानकारी मांगी है और उनके जवाब की प्रतीक्षा कर रहे हैं.'
भारतीय राजदूत देवराज प्रधान को लिखे अपने पत्र में जॉली ने आधारहीन और झूठी शिकायत के आधार पर 13 दिसंबर को नॉर्वे के बाल कल्याण विभाग द्वारा बच्चे (आर्यन) को जबरन अपने पास रखने को लेकर चिंता जताई है. शर्मा ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी के सदस्य हैं. वर्ष 2011 के बाद यह तीसरा मामला है जब दुर्व्यवहार के आधार पर नार्वे में अधिकारियों ने भारतीय मूल के दंपतियों से उनके बच्चों को अलग कर दिया.