
दक्षिण अमेरिकी देश चिली में पावर कट से हालात बिगड़ गए हैं. मंगलवार की रात पावर कट के कारण राजधानी सैंटियागो समेत देश के 16 में से 14 क्षेत्र अंधेरे में डूब गए. आम गतिविधियां ठप हो गईं, यातायात की रफ्तार पर ब्रेक लग गया, मेट्रो सेवा पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई. इंटरनेट सेवाएं ठप हो गईं, जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया और खदानों में खनन का कार्य भी ठप हो गया. हालात इतने बिगड़ गए कि सरकार को कर्फ्यू लगाना पड़ गया, सेना उतारनी पड़ी और अब इस दक्षिणी अमेरिकी देश में आपातकाल की घोषणा भी कर दी गई है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक किसी भी इलाके में बिजली आपूर्ति पूरी तरह से बहाल नहीं हो सकी है और अधिकारी आपूर्ति सामान्य करने की कोशिशों में जुटे हैं. हालात को देखते हुए सरकार ने देश में इमरजेंसी की घोषणा कर दी है और ये भी कहा है कि रात में अनिवार्य कर्फ्यू भी लागू रहेगा. दुनिया के सबसे बड़े तांबा उत्पादक चिली के तांबा उत्पादकों ने खनन कार्य रोक दिया है. चिली सरकार में आंतरिक मामलों की मंत्री कैरोलिना टोहा ने कहा है कि ब्लैकआउट के पीछे की वजह का पता लगाया जा रहा है.
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चिली की आंतरिक मामलों की मंत्री ने कहा है कि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और इसीलिए कर्फ्यू, आपातकाल लागू करने जैसे कदम उठाए गए हैं. उन्होंने ये भी कहा कि सरकार यातायात व्यवस्था बहाल करने, अराजकता रोकने के लिए अंधेरी सड़कों पर सुरक्षा बलों को उतार रही है. कैरोलिना टोहा ने ये भी कहा कि अस्पताल, जेल और अन्य सरकारी इमारतों में जरूरी उपकरण चालू रहें, इसके लिए जेनरेटर का उपयोग किया जा रहा है. सैंटियागो समेत अलग-अलग शहरों में सुरंगों और मेट्रो स्टेशनों से यात्रियों को रेस्क्यू करने का अभियान चलाया जा रहा है.
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गौरतलब है कि प्रशांत महासागर के दक्षिणी तट पर स्थित देश चिली करीब 4300 किलोमीटर लंबा है. दुनिया का सबसे संकरा देश चिली तांबा उत्पादन के लिए वैश्विक पहचान रखता है. इस तटीय देश के पर्यटन स्थल वालपाराइसो में भी बड़ी संख्या में फंसे यात्रियों को भी निकाला जा रहा है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में ट्रैफिक लाइट्स बंद नजर आ रही हैं जिसे लेकर लोग भ्रमित दिख रहे हैं. लोग भूमिगत मेट्रो में टॉर्च के तौर पर अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते देखे गए.