
चिली की राजधानी सैंटियागो में सरकार के खिलाफ हुई एक रैली में 10 लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए. इस रैली को चिली सरकार के खिलाफ 1990 के बाद का सबसे बड़ा प्रदर्शन माना जा रहा है. बता दें कि 1990 में तानाशाह अगुस्तो पिनोशे के खिलाफ लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था.
समाचार एजेंसी एफे की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शन शुरू होने के बाद से अबतक 19 लोगों की मौत हो चुकी है. राजधानी की प्लाजा इटालिया स्क्वॉयर में शुक्रवार यानी 18 अक्टूबर को लोगों की भारी भीड़ जमा हुई थी. म्यूनिसिपल गवर्नमेंट के अनुसार, प्रदर्शन स्थानीय समयानुसार शाम 5:00 बजे शुरू हुआ और करीब एक घंटे में ही 10 लाख से ज्यादा लोग जमा हो गए.
राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग
रैली में कुछ लोग एक बड़े बैनर के साथ आए थे, जिसमें 'चिली वोक अप' का नारा लिखा हुआ था, जो कि देश के राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिनेरा के इस्तीफे की मांग को लेकर था. यह प्रदर्शन सैंटियागो में 18 अक्टूबर को मेट्रो किराए में वृद्धि को लेकर कुछ छात्रों ने शुरू किए थे, जिसने बाद में विकराल रूप ले लिया.
प्रदर्शन के दौरान चिली के नागरिक कम पेंशन, वेतन, महंगी इलेक्ट्रिसिटी, गैस, विश्वविद्यालय की शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर भी अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. सुरक्षाबलों की कार्रवाई की निगरानी रखने वाले राष्ट्रीय मानवधिकार संस्थान (आईएनडीएच) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, प्रदर्शन की वजह से अबतक 2,840 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
हिंसक प्रदर्शन के बाद इमजेंसी
गौरतलब है कि बीते 18 अक्टूबर को प्रदर्शनकारियों की सैंटियागो के कई हिस्सों में दंगा विरोधी पुलिस के साथ झड़प हुई और कई स्टेशनों पर हमलों के बाद मेट्रो सेवा को बंद कर दिया गया. शहर में कई जगहों पर हुई हिंसा के दौरान करीब 16 बसों को आग लगा दी गई और एक दर्जन मेट्रो स्टेशन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए. इसके बाद राष्ट्रपति ने 18 अक्टूबर की आधी रात को आपालकाल लगाने की घोषणा की. इमरजेंसी शुरुआती तौर पर 15 दिनों के लिए लगाया गया है. इस दौरान सार्वजनिक गतिविधियों और सभा करने पर पाबंदी है.
- आईएएनएस इनपुट के साथ